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बिना फार्मासिस्ट के चल रहा आयुष अस्पताल, प्रशासन नहीं ले रहा सुध

बांदा जिला अस्पताल में रोजाना 200 मरीजों की ओपीडी है, लेकिन यहां आने वाले मरीज फार्मासिस्ट के न होने के चलते अस्पताल में इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं.

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Published : Mar 19, 2019, 9:50 PM IST

मरीजों को बाहर से लेनी पड़ रही हैं दवाइयां.

बांदा : जिला अस्पताल में संचालित आयुष अस्पताल में एक भी फार्मासिस्ट न होने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं डॉक्टरों को भी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. फार्मासिस्ट की नियुक्ति को लेकर चिकित्सकों ने कई बार शासन-प्रशासन को पत्र भी लिखें, लेकिन नियुक्ति नहीं हो सकी.

बुंदेलखंड के बांदा जिला अस्पताल में एक आयुष अस्पताल संचालित है. यहां पर रोजाना 200 मरीजों की ओपीडी है, लेकिन यहां आने वाले मरीज फार्मासिस्ट के न होने के चलते अस्पताल में इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं यहां दवाइयां वितरित करने के लिए भी कोई नहीं है. मजबूरन मरीजों को बाहर से दवाइयां लेनी पड़ रही हैं.

मरीजों को बाहर से लेनी पड़ रही हैं दवाइयां.

जिला अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि यहां पर एक फार्मासिस्ट थी, जिनका अभी कुछ दिन पहले स्थानांतरण हो गया और उनके जाने के बाद यहां पर कोई भी फार्मासिस्ट नहीं है. इसको लेकर उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया, लेकिन अभी तक कोई नियुक्ति नहीं की गई है.

बांदा : जिला अस्पताल में संचालित आयुष अस्पताल में एक भी फार्मासिस्ट न होने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं डॉक्टरों को भी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. फार्मासिस्ट की नियुक्ति को लेकर चिकित्सकों ने कई बार शासन-प्रशासन को पत्र भी लिखें, लेकिन नियुक्ति नहीं हो सकी.

बुंदेलखंड के बांदा जिला अस्पताल में एक आयुष अस्पताल संचालित है. यहां पर रोजाना 200 मरीजों की ओपीडी है, लेकिन यहां आने वाले मरीज फार्मासिस्ट के न होने के चलते अस्पताल में इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं यहां दवाइयां वितरित करने के लिए भी कोई नहीं है. मजबूरन मरीजों को बाहर से दवाइयां लेनी पड़ रही हैं.

मरीजों को बाहर से लेनी पड़ रही हैं दवाइयां.

जिला अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि यहां पर एक फार्मासिस्ट थी, जिनका अभी कुछ दिन पहले स्थानांतरण हो गया और उनके जाने के बाद यहां पर कोई भी फार्मासिस्ट नहीं है. इसको लेकर उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया, लेकिन अभी तक कोई नियुक्ति नहीं की गई है.

Intro:SLUG- बिना फार्मासिस्ट के चल रहा है आयुष अस्पताल
PLACE- BANDA
REPORT- ANAND TIWARI
DATE-19.03.19
ANCHOR- एकदम सरकार आयुर्वेद को बढ़ावा देने का काम कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ आयुष अस्पतालों में फार्मासिस्टों की कमी है । अगर बात करें बुंदेलखंड के बांदा की तो यहां पर जिला अस्पताल में संचालित आयुष अस्पताल में एक भी फार्मासिस्ट नहीं है जिसकी वजह से मरीजों को तो परेशानियां होती ही हैं साथ ही डॉक्टरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । यहां के चिकित्सकों ने भी कई बार फार्मासिस्ट की नियुक्ति को लेकर शासन प्रशासन को पत्र लिखें मगर कोई भी नतीजा नहीं निकला ।


Body:वीओ- आपको बता दें कि बुंदेलखंड के बांदा में जिला अस्पताल में एक आयुष अस्पताल संचालित है जहां पर रोजाना 200 मरीजों की ओपीडी है । लेकिन यहां आने वाले मरीज फार्मासिस्ट के ना होने के चलते अस्पताल में इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। आलम यह है कि यहां दवाइयां वितरित करने के लिए भी कोई नहीं है मजबूरन मरीजों को बाहर से दवा लेना पड़ रहा है।


Conclusion:वीओ- यहां आने वाले मरीजों की माने तो यहां पर चिकित्सक तो है मगर फार्मासिस्ट नहीं है चिकित्सक जो दवाई नहीं लिखते हैं उन्हें देने के लिए फार्मासिस्ट ना होने के चलते इन्हें दवाइयां नहीं मिल पाती हैं और यह इधर उधर भटकने को मजबूर होते हैं मजबूर इन्हें दबाएं बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं।

वीओ- यहां के सीएमएस और चिकित्सक ने बताया कि यहां पर एक फार्मासिस्ट थी जिनका अभी कुछ दिन पहले स्थानांतरण हो गया और उनके जाने के बाद यहां पर अब कोई भी फार्मासिस्ट नहीं है इसको लेकर इन्होंने उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया लेकिन अभी तक कोई नियुक्ति नहीं हो सकी। उन्होंने यह भी बताया कि अब नहीं लगता कि 2 महीने कोई फार्मासिस्ट की नियुक्ति होगी क्योंकि आचार संहिता लगने के चलते अब कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है अब चुनाव परिणाम के बाद ही फार्मासिस्ट की नियुक्ति हो सकती है।

बाईट- राजेश शुक्ला, मरीज
बाईट- आफसा, मरीज
बाईट- सत्यवीर सिंह, सीएमएस
बाईट- डॉ शिवराम सिंह, चिकित्सक

ANAND TIWARI
BANDA
9795000076
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