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बांदा में अन्नदाता को DM ने बताया जल संकट की वजह

बांदा में जल संस्थान के महाप्रबंधक आरसी कनौजिया ने बताया कि जिलाधिकारी का पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें सब्जी उगाने वाले किसानों पर कार्रवाई की जाने की बात लिखी है. इनका भी मानना है कि सब्जी उगाने वाले किसानों द्वारा नदी से सिंचाई करने के चलते जल संकट उत्पन्न हुआ है.

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Published : Apr 16, 2019, 3:07 PM IST

नदी किनारे खेती करता किसान

बांदा: बुंदेलखंड हमेशा से ही पानी की समस्या को लेकर जाना जाता रहा है. आज भी यहां पानी की बहुत समस्या है. वैसे तो यहां पर सर्दियों और बरसात में यह समस्या कुछ कम रहती है लेकिन गर्मी शुरू होते ही विकराल रूप धारण कर लेती है. इसी बीच पानी की समस्या को लेकर बुंदेलखंड के बांदा में डीएम का फरमान लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है. डीएम ने पत्र जारी किया है, जिसमें पानी की समस्या का ठीकरा उन्होंने केन नदी के किनारे सब्जी उगाने वाले किसानों के सिर पर फोड़ा है.

किसानों ने बयां किया अपना दर्द

क्या है डीएम का मानना है

  • नदी से सिंचाई करने वाले सब्जी के किसानों के चलते पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है.
  • इसको लेकर डीएम ने किसानों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं
  • किसानों की मानें तो बड़े पैमाने पर खनन और बड़ी-बड़ी मशीनों से हो रही माइनिंग पर आजतक उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया.

नहीं हो पा रही पानी की आपूर्ति

  • बांदा शहर और ग्रामीण इलाकों में केन नदी से जलापूर्ति होती है
  • शहर के बाहर भूरागढ़ इलाके में बने इंटेकवेल में पानी न पहुंचने से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है
  • इससे पानी की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है.
  • निरीक्षण पर गए जिलाधिकारी ने नदी के किनारे सब्जी लगाए किसानों को नदी से सिंचाई करते देखा.
  • इसेक बाद उन्होंने एक पत्र जारी किया.
  • इसमें उन्होंने पानी की समस्या का कारण नदी के किनारे सब्जी उगाने वाले किसानों को बताया.

क्या कहना है किसानों का

  • सब्जी उगाने वाले किसानों का कहना है कि वह पिछले कई दशकों से सब्जी उगाने का काम कर रहे हैं.
  • इसके पहले उनके पूर्वज भी यही काम करते थे
  • उन्होंने बताया कि पहले नदी की जलधारा सही थी लेकिन जबसे खनन कार्य शुरू हुआ है तबसे नदी की जलधारा दूसरी ओर से बहने लगी है.
  • इसके चलते पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

और क्या कहते हैं किसान

  • यहां पिछले एक साल से इस इलाके में खनन का कार्य किया जा रहा है.
  • इसमें खनन माफिया नदी की जलधारा को प्रभावित कर नदी से रेत निकालने का काम कर रहे हैं.
  • यह सब जिलाधिकारी को नजर नहीं आता.
  • अवैध तरीके से रेत निकालने के चलते नदी की धारा प्रभावित हो गई है.


महाप्रबंधक ने भी किसानों को ही बताया पानी की समस्या का कारण
जल संस्थान के महाप्रबंधक आरसी कनौजिया ने बताया कि जिलाधिकारी का पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें सब्जी उगाने वाले किसानों पर कार्रवाई की जाने की बात लिखी है. इनका भी मानना है कि सब्जी उगाने वाले किसानों द्वारा नदी से सिंचाई करने के चलते जल संकट उत्पन्न हुआ है.

बांदा: बुंदेलखंड हमेशा से ही पानी की समस्या को लेकर जाना जाता रहा है. आज भी यहां पानी की बहुत समस्या है. वैसे तो यहां पर सर्दियों और बरसात में यह समस्या कुछ कम रहती है लेकिन गर्मी शुरू होते ही विकराल रूप धारण कर लेती है. इसी बीच पानी की समस्या को लेकर बुंदेलखंड के बांदा में डीएम का फरमान लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है. डीएम ने पत्र जारी किया है, जिसमें पानी की समस्या का ठीकरा उन्होंने केन नदी के किनारे सब्जी उगाने वाले किसानों के सिर पर फोड़ा है.

किसानों ने बयां किया अपना दर्द

क्या है डीएम का मानना है

  • नदी से सिंचाई करने वाले सब्जी के किसानों के चलते पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है.
  • इसको लेकर डीएम ने किसानों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं
  • किसानों की मानें तो बड़े पैमाने पर खनन और बड़ी-बड़ी मशीनों से हो रही माइनिंग पर आजतक उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया.

नहीं हो पा रही पानी की आपूर्ति

  • बांदा शहर और ग्रामीण इलाकों में केन नदी से जलापूर्ति होती है
  • शहर के बाहर भूरागढ़ इलाके में बने इंटेकवेल में पानी न पहुंचने से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है
  • इससे पानी की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है.
  • निरीक्षण पर गए जिलाधिकारी ने नदी के किनारे सब्जी लगाए किसानों को नदी से सिंचाई करते देखा.
  • इसेक बाद उन्होंने एक पत्र जारी किया.
  • इसमें उन्होंने पानी की समस्या का कारण नदी के किनारे सब्जी उगाने वाले किसानों को बताया.

क्या कहना है किसानों का

  • सब्जी उगाने वाले किसानों का कहना है कि वह पिछले कई दशकों से सब्जी उगाने का काम कर रहे हैं.
  • इसके पहले उनके पूर्वज भी यही काम करते थे
  • उन्होंने बताया कि पहले नदी की जलधारा सही थी लेकिन जबसे खनन कार्य शुरू हुआ है तबसे नदी की जलधारा दूसरी ओर से बहने लगी है.
  • इसके चलते पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

और क्या कहते हैं किसान

  • यहां पिछले एक साल से इस इलाके में खनन का कार्य किया जा रहा है.
  • इसमें खनन माफिया नदी की जलधारा को प्रभावित कर नदी से रेत निकालने का काम कर रहे हैं.
  • यह सब जिलाधिकारी को नजर नहीं आता.
  • अवैध तरीके से रेत निकालने के चलते नदी की धारा प्रभावित हो गई है.


महाप्रबंधक ने भी किसानों को ही बताया पानी की समस्या का कारण
जल संस्थान के महाप्रबंधक आरसी कनौजिया ने बताया कि जिलाधिकारी का पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें सब्जी उगाने वाले किसानों पर कार्रवाई की जाने की बात लिखी है. इनका भी मानना है कि सब्जी उगाने वाले किसानों द्वारा नदी से सिंचाई करने के चलते जल संकट उत्पन्न हुआ है.

Intro:SLUG-पानी की समस्या को लेकर डीएम का अजीबोगरीब फरमान
PLACE- BANDA
REPORT- ANAND TIWARI
DATE- 16.04.19
ANCHOR- बुंदेलखंड हमेशा से ही पानी की समस्या को लेकर जाना जाता रहा है और आज भी यहां पानी की बहुत समस्या है । वैसे तो यहां पर सर्दियों और बरसात में पानी की समस्या कुछ कम रहती है । लेकिन गर्मी शुरू होते ही पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है । गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है और अब यहां पानी की भी समस्या विकराल रूप लेने लगी है । इसी बीच पानी की समस्या को लेकर बुंदेलखंड के बांदा में जिलाधिकारी का फरमान लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। पानी की समस्या को लेकर डीएम ने पत्र जारी किया है। जिसमें पानी की समस्या का ठीकरा उन्होंने केन नदी के किनारे सब्जी उगाने वाले किसानों के सर फोड़ दिया है । डीएम का मानना है कि नदी से सिंचाई करने वाले सब्जी के किसानों के चलते पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है। जिसको लेकर डीएम ने किसानों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं । लेकिन नदी में हो रहे बड़े पैमाने पर खनन और बड़ी-बड़ी मशीनों से हो रही माइनिंग उन्हें दिखाई नहीं देती ।


Body:वीओ- आपको बता दें कि बांदा शहर और ग्रामीण इलाकों में केन नदी से जलापूर्ति होती है और इस समय शहर के बाहर भूरागढ़ इलाके में बने इंटेकवेल में पानी ना पहुंचने से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है । जिससे पानी की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है। बता दें कि एक दिन जिलाधिकारी निरीक्षण पर गए जहां उन्होंने नदी के किनारे सब्जी लगाएं किसानों को नदी से सिंचाई करते देखा जिस पर उन्होंने एक पत्र जारी किया। जिसमें उन्होंने पानी की समस्या उत्पन्न होने के कारण नदी के किनारे सब्जी उगाने वाले किसानों को बताया डीएम का मानना है कि नदी से सब्जी उगाने वाले किसानों की वजह से पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है क्योंकि वह नदी से सिंचाई करते हैं ।

वीओ- हम आपको यह भी बता दे की पिछले एक साल से इस इलाके में खनन का कार्य किया जा रहा है । जिसमें बड़ी-बड़ी पोकलैंड मशीनो और लिफ्टरों को लगाकर खनन माफिया नदी की जलधारा को प्रभावित कर नदी से रेत निकालने का काम कर रहे हैं जो जिलाधिकारी को दिखाई नहीं देती । 24 घंटे यहां खनन माफिया नदी से अवैध तरीके से रेत निकाल रहे हैं और नदी का सीना छलनी कर रहे हैं जो जिलाधिकारी को नहीं दिखता। आलम यह है कि अवैध तरीके से रेत निकालने के चलते नदी की धारा प्रभावित हो गई है और यहां बने इंटेकवेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। जिस वजह से पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है।


Conclusion:वीओ- सब्जी उगाने वाले किसानों ने बताया कि वह पिछले कई दशकों से सब्जी उगाने का काम कर रहे हैं इसके पहले उनके पूर्वज भी यही काम करते थे । उन्होंने बताया कि पहले नदी की जलधारा सही थी लेकिन जबसे खनन कार्य शुरू हुआ है तबसे नदी की जलधारा दूसरी ओर से बहने लगी है । जिसके चलते पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है ।

वीओ- वहीं जल संस्थान के महाप्रबंधक आर सी कनौजिया ने बताया कि जिलाधिकारी का पत्र प्राप्त हुआ है । जिसमें सब्जी उगाने वाले किसानों पर कार्रवाई की जाने की बात लिखी है। महाप्रबंधक ने भी जल संकट का ठीकरा किसानों के सर फोड़ दिया है । इनका भी मानना है कि सब्जी उगाने वाले किसानों द्वारा नदी से सिंचाई करने के चलते जल संकट उत्पन्न हुआ है।

बाईट- बलराम, किसान
बाईट- प्रकाश, किसान
बाईट- आर.सी. कनौजिया, महाप्रबंधक, जल संस्थान

ANAND TIWARI
BANDA
9795000076
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