बांदाः जिले में एक महिला ने अपने तीन बच्चों के साथ जहर खाकर जान देने की कोशिश की. हालांकि समय रहते पड़ोसियों को इस बारे में जानकारी हो गई और सभी को अस्पताल लेकर पहुंच गये. चिकित्सकों ने इनका इलाज किया और सभी की जान बच गयी. बताया जा रहा है कि महिला के पति ने पिछले साल जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी. अब महिला के सामने अपना और अपने बच्चों का पेट भरने का संकट खड़ा हो गया है जिसके चलते उसने ऐसा कदम उठाया.
उचित इलाज मिलने से बची जान
पूरा मामला नरैनी कोतवाली क्षेत्र के मोतियारी गांव का है. जहां पर सुषमा नाम की महिला के घर दोपहर में पड़ोस की रहने वाली किशोरी गई तो उसने देखा कि सुषमा और उसके बच्चे रागिनी, पूनम और हर्ष बेहोशी हालत में पड़े हैं. उसके शोर मचाने पर पड़ोस के रहने वाले लोग मौके पर पहुंचे और सभी को आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए. हालत गंभीर होने की वजह से चिकित्सकों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया. सभी को समय रहते जिला अस्पताल में उचित इलाज मिल गया जिससे सभी की जान बच गई.
आर्थिक तंगी की वजह से खाया जहर
सुषमा ने बताया कि 11 महीने पहले उसके पति ने भी जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी क्योंकि आर्थिक तंगी की वजह से घर में झगड़े होते थे. वहीं पति की मौत के बाद अब उसके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. उसके पास रोजगार का कोई साधन नहीं है. उसके तीन बच्चे हैं. ऐसे में वह अपना और अपने बच्चों का पेट नहीं भर पा रही है. इसके चलते उसने चूहे को मारने वाली दवा अपने बच्चों को खिलाई और खुद खा ली.
हरसंभव मदद का भरोसा
इस संबंध में जब उप जिलाधिकारी वंदिता श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम पूरे मामले की जांच करा रहे हैं और परिवार की जो भी संभव मदद हो सकेगी वह की जाएगी.