बलरामपुर : जिले में तकरीबन 2 लाख गन्ना किसानों और इसकी खेती से जुड़े लोगों को गन्ना खरीद में सहूलियत देने के लिए जिले में 80 गन्ना क्रय केंद्र संचालित किए जाते हैं. लाॅकडाउन के दौरान क्रय केंद्रों तक आने वाले लोगों को जागरूक करने और उन्हें तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा जिला प्रशासन और चीनी मिल कर रहे हैं.
लेकिन जमीन हकीकत कुछ और ही है. यहां पर किसानों को ना तो सैनिटाइजर मिल रहा हूं और ना ही मास्क. बिना सुरक्षा मानक को पूरा किए यहां लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. जिले में तीन चीनी मिल है. जिस में करीब 2 लाख किसान रजिस्टर्ड हैं.
ईटीवी भारत ने सरकारी दावों की हकीकत जानने के लिए गौरा चौराहे के पास बनाए गए बजाज हिंदुस्तान चीनी मिल्स लिमिटेड के सिंघवापुर गन्ना क्रय का जायजा लिया तो सच्चाई सामने आई. यहां बिना किसी सुरक्षा मानक को पूरा किए ही क्रय केंद्रों पर 100 से अधिक किसान और मजदूर काम कर रहे हैं. इनके पास ना तो सैनिटाइजर था और ना ही मास्क.
किसान और मजदूर लॉकडाउन के दौरान दी गई सोशल डिस्टेंस की हिदायत को भी पूरा नहीं कर रहे है. वहीं किसानों ने बताया कि केंद्र पर सुबह के समय मास्क और सैनिटाइजर आता है लेकिन संख्या ज्यादा होने के कारण वह खत्म हो जाता है. किसान ने बताया कि वह चाहते हैं कि जब तक गन्ने की फसल पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाती, तब तक चीनी मिलें चलती रहें. वहीं किसानों ने यह भी कहा कि चीनी मिलों को समुचित मात्रा में मास्क और सैनिटाइजर किसानों तक पहुंचाना चाहिए.
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश जे कहा कि चीनी मिलें अगले एक माह तक चलेगी. जब तक किसानों का गन्ना खत्म नहीं हो जाता, तब तक चीनी मिलों के संचालन में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी. इसके साथ ही गन्ना किसानों को चीनी मिलों के माध्यम से कोरोना वायरस के बारे में जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है.