बलरामपुर: केंद्र सरकार द्वारा की गई लॉकडाउन नोवेल कोरोना से निपटने में लाभदायक सिद्ध हो रहा है. इस अभियान में सरकारी मशीनरी के साथ-साथ तमाम सामाजिक संस्थाएं और औद्योगिक ईकाई भी कोरोना के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे हैं. जानलेवा वायरस को जड़ से मिटाने के लिए बलरामपुर जिले का प्रसिद्ध औद्योगिक घराना बलरामपुर चीनी मिल समूह भी लगातार प्रयास कर रहा है.
बलरामपुर में 3 चीनी मिलें हैं, जिनमें दो बीसीएम की हैं और एक बजाज हिंदुस्तान चीनी मिल्स लिमिटेड की हैं. कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए जिला प्रशासन और चीनी मिल प्रशासन किसानों को सेनेटाइज़ करने तथा पंपलेट के माध्यम से स्वच्छता बनाए रखने के लिए जागरूक कर रहा है. मिल परिसर में सभी गेटों के अलावा जगह-जगह सैनिटाइजर रखे गए हैं. मिल के अंदर आने वाले व्यक्तियों का सैनिटाइजर से हाथ धुलाने के बाद ही उन्हें आने की अनुमति दी जा रही है.
चीनी मिल के अधिशासी अध्यक्ष मधुकर मिश्र ने बताया कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मिल प्रबंधन द्वारा पूरी तरह एहतियात बरता जा रहा है. उन्होंने बताया कि सभी किसानों तथा आगंतुकों का वह स्वयं समय-समय पर जाकर सैनिटाइजर से हाथ धुलने के तरीके बताते हैं. साथ ही लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि एक दूसरे के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखें. स्वच्छता बनाकर ही हम कोरोना जैसे महामारी से मुकाबला कर सकते हैं.
वहीं, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया कि गन्ना किसानों के पास अभी गन्ना तैयार है और चीनी मिल अभी एक महीने और चलना है. इसलिए चीनी मिल को बंद करने का अभी कोई आदेश नहीं है. लेकिन चीनी मिलों के क्रय केंद्र को पॉजिटिवली यूज किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यहां पर अगले 10 से 15 दिनों में एक से डेढ़ लाख किसान पहुंचेंगे, जिन्हें कोरोना वायरस के बारे में जागरूक करने का काम किया जाएगा.