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'महिलाओं से जुड़े अपराधों और समस्याओं के निस्तारण में नहीं बर्दास्त होगी कोताही'

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में बुधवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल ने दौरा किया. कलेक्ट्रेट सभागार में महिलाओं के समस्याओं की सुनवाई की. वहीं संयुक्त जिला चिकित्सालय पहुंचकर औचक निरीक्षण किया.

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Published : Mar 5, 2020, 7:19 AM IST

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संयुक्त जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण.

बलरामपुर: महिलाओं से जुड़े अपराधों और उन्हें तमाम जगहों पर होने वाली समस्याओं पर राज्य महिला आयोग लगातार निगरानी करता है. प्रदेश भर के तमाम जिलों महिला आयोग की सदस्य लगातार जिलों का दौरा करती है. आला-अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों को निर्देशित करती है.

संयुक्त जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण.

राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल ने बुधवार को बलरामपुर का दौरा किया. सुनीता बंसल ने कलेक्ट्रेट सभागार में महिलाओं के समस्याओं की सुनवाई की और संयुक्त जिला चिकित्सालय का भी औचक निरीक्षण किया. प्रदेश में महिलाओं से जुड़े अपराधों और उन्हें कदम पर होने वाली समस्याओं को लेकर राज्य महिला आयोग का रुख जाना.

क्या असर हो रहा है दौरों का
राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल ने बताया की काम हो रहा है. जब पहली बार यहां पर दौरा किया था तो यहां तमाम तरह की समस्याएं थी. लेकिन अब धीरे-धीरे समस्याओं को दूर किया जा रहा है. अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की गई है और वेतन काटा गया है. उन्हें निर्देशित किया है कि महिलाओं को होने वाली किसी समस्या को कभी नजरंदाज किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें-यहां कठपुतलियों के माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं बच्चे...


तय की जा रही है जिम्मेदारों की जवाबदेही
सुनीता बंसल ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध हो या किसी भी तरह की समस्या पर अगर अधिकारी या कर्मचारी ध्यान नहीं देते तो उनकी जवाबदेही तय की जा रही है. आम सुनवाई के दौरान जो शिकायतें मिलती है उस पर लगातार काम किया जा रहा है. अगर कोई इन अपराधों को रिपोर्ट करने में कोताही बरतता है या डाटा में सुधार नहीं होता है. तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी सुनिश्चित है.

गर्भवती महिलाओं से किसी तरह की वसूली बर्दास्त नहीं
सुनीता बंसल ने कहा कि जब संयुक्त जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया और यहां की शिकायत पंजिका को देखा तो इस तरह की तमाम शिकायतें मिली है. इन शिकायतों पर अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अगर प्रसव के दौरान महिलाओं को मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिलती या गर्भवती महिलाओं और उनके तीमारदारों से किसी भी तरह का पैसा लिया जाता है. तो उन जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वेतन रोका जाएगा, वेतन काटा जाएगा और अगर इन सबके बाद भी नहीं सुधरते तो उन्हें नौकरी से वंचित कर दिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें-बलरामपुर: उच्च शिक्षा से जुड़े सवालों पर बोले उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा


वन स्टॉप सेंटर में सुविधाएं न मिलना दुःखद
वन स्टॉप सेंटर के जरिए यह काम किया जाता है कि जब किसी महिला के साथ छेड़खानी होती है या उसके साथ कोई संज्ञेय अपराध होता है तो यहां लाया जाता है. एक ही छत के नीचे तमाम तरह की सुविधाएं दी जाती है. अब यहां पर थोड़ा बहुत काम हुआ है, जिसे आगे बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि प्रोबेशन विभाग द्वारा कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है. यहां अस्थायी तौर महिलाओं को सुविधाएं दी जा रही है. लेकिन अभी सब कुछ काम चलाऊ ही नजर आता है. दो साल बजट जारी हो जाने के बाद भवन बनाया जा रहा है. सीएमओ से बात करके काम में तेजी लाने को कहा है. लेकिन अभी काम धीरे चल रहा है.

थानों में अगर कार्रवाई नहीं होती तो अधिकारी जिम्मेदार
तमाम माध्यमों द्वारा पहले ही सूचित कर दिया जाता है कि महिला आयोग की सदस्य द्वारा जनसुनवाई की जाएगी. जब हम लोग आम सुनवाई करते है और इस तरह की शिकायतें मिलती है तो अधिकारियों को निर्देशित करने का काम किया जाता है. अगर वह बार-बार कहने के बावजूद भी स्थिति में सुधार नहीं लाते तो उनके वेतन कटौती और सस्पेंड करने की कार्रवाई भी की जाती है.
सुनीता बंसल ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि थाने में कोई भी महिला आती है तो उसके साथ अच्छा बर्ताव किया जाए. उसके मामले को रिपोर्ट किया जाए और विवेचना की जाए फिर एफआर लगाई जाए.

बलरामपुर: महिलाओं से जुड़े अपराधों और उन्हें तमाम जगहों पर होने वाली समस्याओं पर राज्य महिला आयोग लगातार निगरानी करता है. प्रदेश भर के तमाम जिलों महिला आयोग की सदस्य लगातार जिलों का दौरा करती है. आला-अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों को निर्देशित करती है.

संयुक्त जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण.

राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल ने बुधवार को बलरामपुर का दौरा किया. सुनीता बंसल ने कलेक्ट्रेट सभागार में महिलाओं के समस्याओं की सुनवाई की और संयुक्त जिला चिकित्सालय का भी औचक निरीक्षण किया. प्रदेश में महिलाओं से जुड़े अपराधों और उन्हें कदम पर होने वाली समस्याओं को लेकर राज्य महिला आयोग का रुख जाना.

क्या असर हो रहा है दौरों का
राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल ने बताया की काम हो रहा है. जब पहली बार यहां पर दौरा किया था तो यहां तमाम तरह की समस्याएं थी. लेकिन अब धीरे-धीरे समस्याओं को दूर किया जा रहा है. अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की गई है और वेतन काटा गया है. उन्हें निर्देशित किया है कि महिलाओं को होने वाली किसी समस्या को कभी नजरंदाज किया जा सकता है.

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तय की जा रही है जिम्मेदारों की जवाबदेही
सुनीता बंसल ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध हो या किसी भी तरह की समस्या पर अगर अधिकारी या कर्मचारी ध्यान नहीं देते तो उनकी जवाबदेही तय की जा रही है. आम सुनवाई के दौरान जो शिकायतें मिलती है उस पर लगातार काम किया जा रहा है. अगर कोई इन अपराधों को रिपोर्ट करने में कोताही बरतता है या डाटा में सुधार नहीं होता है. तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी सुनिश्चित है.

गर्भवती महिलाओं से किसी तरह की वसूली बर्दास्त नहीं
सुनीता बंसल ने कहा कि जब संयुक्त जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया और यहां की शिकायत पंजिका को देखा तो इस तरह की तमाम शिकायतें मिली है. इन शिकायतों पर अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अगर प्रसव के दौरान महिलाओं को मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिलती या गर्भवती महिलाओं और उनके तीमारदारों से किसी भी तरह का पैसा लिया जाता है. तो उन जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वेतन रोका जाएगा, वेतन काटा जाएगा और अगर इन सबके बाद भी नहीं सुधरते तो उन्हें नौकरी से वंचित कर दिया जाएगा.

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वन स्टॉप सेंटर में सुविधाएं न मिलना दुःखद
वन स्टॉप सेंटर के जरिए यह काम किया जाता है कि जब किसी महिला के साथ छेड़खानी होती है या उसके साथ कोई संज्ञेय अपराध होता है तो यहां लाया जाता है. एक ही छत के नीचे तमाम तरह की सुविधाएं दी जाती है. अब यहां पर थोड़ा बहुत काम हुआ है, जिसे आगे बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि प्रोबेशन विभाग द्वारा कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है. यहां अस्थायी तौर महिलाओं को सुविधाएं दी जा रही है. लेकिन अभी सब कुछ काम चलाऊ ही नजर आता है. दो साल बजट जारी हो जाने के बाद भवन बनाया जा रहा है. सीएमओ से बात करके काम में तेजी लाने को कहा है. लेकिन अभी काम धीरे चल रहा है.

थानों में अगर कार्रवाई नहीं होती तो अधिकारी जिम्मेदार
तमाम माध्यमों द्वारा पहले ही सूचित कर दिया जाता है कि महिला आयोग की सदस्य द्वारा जनसुनवाई की जाएगी. जब हम लोग आम सुनवाई करते है और इस तरह की शिकायतें मिलती है तो अधिकारियों को निर्देशित करने का काम किया जाता है. अगर वह बार-बार कहने के बावजूद भी स्थिति में सुधार नहीं लाते तो उनके वेतन कटौती और सस्पेंड करने की कार्रवाई भी की जाती है.
सुनीता बंसल ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि थाने में कोई भी महिला आती है तो उसके साथ अच्छा बर्ताव किया जाए. उसके मामले को रिपोर्ट किया जाए और विवेचना की जाए फिर एफआर लगाई जाए.

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