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बलरामपुर : IGRS पर नहीं हुआ शिकायतों का निस्तारण, 35 अधिकारियों पर कार्रवाई

बलरामपुर जिले में आईजीआरएस पर शिकायतों के लंबित रहने का मामला सामने आया है. वहीं इस मामले में कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने 35 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

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35 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस.
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Published : Nov 11, 2020, 5:56 PM IST

बलरामपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भले ही शिकायतों के तेजी से निस्तारण पर जोर देने की बात कही है, लेकिन जिले के जिम्मेदारों पर इन बातों का फर्क दिखता नहीं पड़ रहा है. जिले के आईजीआरएस जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से आने वाली शिकायतें भी लंबे समय तक लंबित रहती हैं, जिसके चलते लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ता है. जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने गंभीरता से मामले का संज्ञान लेते हुए 35 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

शासन की है प्राथमिकता जनसुनवाई के आईजीआरएस प्रणाली में दर्ज प्रकरणों का समयवद्ध और गुणवत्तपूर्ण रूप से निस्तारण किया जाना उत्तर प्रदेश शासन की प्राथमिकताओं में सम्मिलित है. इसके निस्तारण के लिए 14 जुलाई, 2020 जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश द्वारा समस्त जनपदस्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि प्रत्येक सप्ताह के प्रत्येक सोमवार एवं शुक्रवार को आईजीआरएस पोर्टल की समीक्षा की जाएगी.

'न पाया जाए कोई डिफाल्टर'
डीएम ने जारी किए गए आदेश में कहा था कि समीक्षा में किसी भी अधिकारी के पास एक भी डिफाल्टर सन्दर्भ निस्तारण शेष पाये जाने पर संबन्धित अधिकारी का उस तिथि का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. साथ ही अगर उचित जवाब नहीं मिलता तो आगे की कार्रवाई भी की जा सकती है.

जिलाधिकारी ने की पोर्टल की समीक्षा
डीएम कृष्णा करुणेश ने छह नवम्बर को आईजीआरएस पोर्टल के सभी संदर्भों की समीक्षा की. इसमें 35 अधिकारियों का निस्तारण अवशेष डिफाल्टर श्रेणी में पाया गया. इन अधिकारियों का एक दिन का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया. इसके साथ डिफाल्टर संदर्भों का निस्तारण समय से नहीं किये जाने के लिए तीन दिनों में कारण स्पष्ट किए जाने की बात भी कही गई है. वहीं ऐसा न किए जाने पर शासन के निर्देशों की अवहेलना करने के मामले में विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

बलरामपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भले ही शिकायतों के तेजी से निस्तारण पर जोर देने की बात कही है, लेकिन जिले के जिम्मेदारों पर इन बातों का फर्क दिखता नहीं पड़ रहा है. जिले के आईजीआरएस जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से आने वाली शिकायतें भी लंबे समय तक लंबित रहती हैं, जिसके चलते लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ता है. जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने गंभीरता से मामले का संज्ञान लेते हुए 35 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

शासन की है प्राथमिकता जनसुनवाई के आईजीआरएस प्रणाली में दर्ज प्रकरणों का समयवद्ध और गुणवत्तपूर्ण रूप से निस्तारण किया जाना उत्तर प्रदेश शासन की प्राथमिकताओं में सम्मिलित है. इसके निस्तारण के लिए 14 जुलाई, 2020 जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश द्वारा समस्त जनपदस्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि प्रत्येक सप्ताह के प्रत्येक सोमवार एवं शुक्रवार को आईजीआरएस पोर्टल की समीक्षा की जाएगी.

'न पाया जाए कोई डिफाल्टर'
डीएम ने जारी किए गए आदेश में कहा था कि समीक्षा में किसी भी अधिकारी के पास एक भी डिफाल्टर सन्दर्भ निस्तारण शेष पाये जाने पर संबन्धित अधिकारी का उस तिथि का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. साथ ही अगर उचित जवाब नहीं मिलता तो आगे की कार्रवाई भी की जा सकती है.

जिलाधिकारी ने की पोर्टल की समीक्षा
डीएम कृष्णा करुणेश ने छह नवम्बर को आईजीआरएस पोर्टल के सभी संदर्भों की समीक्षा की. इसमें 35 अधिकारियों का निस्तारण अवशेष डिफाल्टर श्रेणी में पाया गया. इन अधिकारियों का एक दिन का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया. इसके साथ डिफाल्टर संदर्भों का निस्तारण समय से नहीं किये जाने के लिए तीन दिनों में कारण स्पष्ट किए जाने की बात भी कही गई है. वहीं ऐसा न किए जाने पर शासन के निर्देशों की अवहेलना करने के मामले में विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

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