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रेहरा ट्रिपल मर्डर: पुलिस नहीं कर रही है अब कोई मदद, खतरे में पीड़ित परिवार की जान - murder

बलरामपुर में एक ही परिवार के तीन लोगों की नृशंस और निर्मम तरीके से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने हत्या में शामिल मुख्य आरोपी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद से मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण पीड़ित परिवार लगातार समस्याओं से जूझ रहा है.

रेहरा ट्रिपल मर्डर
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Published : Apr 16, 2019, 12:44 PM IST

बलरामपुर: थाना क्षेत्र रेहरा के अंतर्गत अगया बुजुर्ग ग्राम सभा के मजरा जोगियावीर, रजक पुरवा में 24-25 फरवरी को एक ही परिवार के तीन लोगों की नृशंस और निर्मम तरीके से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. मरने वालों में घर का मुख्या जगराम उसका पुत्र राजू और पुत्री गुड़िया शामिल थी, जबकि जगराम की बहू निर्मला हमले में गंभीर रूप से घायल हो गई थी.

रेहरा ट्रिपल मर्डर में पुलिस नहीं कर रही मामले की जांच.

पुलिस ने अपनी तहरीर में 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था. 5 दिन बाद ही पुलिस ने दावा किया था कि इस घटना में शामिल मुख्य आरोपी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके बाद से मामले में कोई कार्रवाई नही की गई. पुलिस लोकसभा चुनाव में व्यस्त है इसलिए कुछ कार्रवाई नहीं कर रही है. वहीं पीड़ित परिवार लगातार समस्याओं से जूझ रहा है.

क्यों की गई थी हत्या:-

  • पहले गिरफ्तार सद्दाम की बहन को लगभग 7 वर्ष पहले मृतक जगराम का पुत्र मोनू मुंबई भगा ले गया था.
  • वह दोनों एक दूसरे से प्रेम करते थे, और परिवार वाले शादी के लिए तैयार नहीं थे. इसके बाद से ही सद्दाम और उसके बेटे जगराम से बदला लेने के फिराक में थे.
  • 24-25 फरवरी की रात को सद्दाम ने बेहद शातिराना अंदाज में एक धारदार हथियार से जगराम के परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी.

25 वर्षीय जगराम की बहू पूनम बताती है कि जब से मर्डर हुआ है. उसके कुछ दिनों तक तो पुलिस ने काफी तेजी से काम किया, लेकिन उसके बाद जब 3 लोगों को पकड़ लिया गया उसके बाद से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. उसने बताया कि हमें हत्यारे रात में आकर ढूंढते हैं, लेकिन पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था तक मुहैया नहीं करवाई जा रही है. गांव वाले किसी तरह हमारी सुरक्षा करते हैं, लेकिन पुलिस कोई मदद नहीं करती है.

ट्रिपल मर्डर केस में 5 दिन बाद ही हमने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था और जो लोग अभी तक गिरफ्तार नहीं हो सके हैं. उनके खिलाफ 25 हजार इनाम भी घोषित किया जा चुका है.

-अधीक्षक अनुराग, पुलिस अधीक्षक बलरामपुर

बलरामपुर: थाना क्षेत्र रेहरा के अंतर्गत अगया बुजुर्ग ग्राम सभा के मजरा जोगियावीर, रजक पुरवा में 24-25 फरवरी को एक ही परिवार के तीन लोगों की नृशंस और निर्मम तरीके से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. मरने वालों में घर का मुख्या जगराम उसका पुत्र राजू और पुत्री गुड़िया शामिल थी, जबकि जगराम की बहू निर्मला हमले में गंभीर रूप से घायल हो गई थी.

रेहरा ट्रिपल मर्डर में पुलिस नहीं कर रही मामले की जांच.

पुलिस ने अपनी तहरीर में 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था. 5 दिन बाद ही पुलिस ने दावा किया था कि इस घटना में शामिल मुख्य आरोपी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके बाद से मामले में कोई कार्रवाई नही की गई. पुलिस लोकसभा चुनाव में व्यस्त है इसलिए कुछ कार्रवाई नहीं कर रही है. वहीं पीड़ित परिवार लगातार समस्याओं से जूझ रहा है.

क्यों की गई थी हत्या:-

  • पहले गिरफ्तार सद्दाम की बहन को लगभग 7 वर्ष पहले मृतक जगराम का पुत्र मोनू मुंबई भगा ले गया था.
  • वह दोनों एक दूसरे से प्रेम करते थे, और परिवार वाले शादी के लिए तैयार नहीं थे. इसके बाद से ही सद्दाम और उसके बेटे जगराम से बदला लेने के फिराक में थे.
  • 24-25 फरवरी की रात को सद्दाम ने बेहद शातिराना अंदाज में एक धारदार हथियार से जगराम के परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी.

25 वर्षीय जगराम की बहू पूनम बताती है कि जब से मर्डर हुआ है. उसके कुछ दिनों तक तो पुलिस ने काफी तेजी से काम किया, लेकिन उसके बाद जब 3 लोगों को पकड़ लिया गया उसके बाद से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. उसने बताया कि हमें हत्यारे रात में आकर ढूंढते हैं, लेकिन पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था तक मुहैया नहीं करवाई जा रही है. गांव वाले किसी तरह हमारी सुरक्षा करते हैं, लेकिन पुलिस कोई मदद नहीं करती है.

ट्रिपल मर्डर केस में 5 दिन बाद ही हमने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था और जो लोग अभी तक गिरफ्तार नहीं हो सके हैं. उनके खिलाफ 25 हजार इनाम भी घोषित किया जा चुका है.

-अधीक्षक अनुराग, पुलिस अधीक्षक बलरामपुर

Intro:थाना क्षेत्र रेहरा के अंतर्गत अगया बुजुर्ग ग्राम सभा के मजरा जोगियावीर, रजक पुरवा में 24-25 फरवरी को एक ही परिवार के तीन लोगों की नृशंस और निर्मम तरीके से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। मरने वालों में गृह स्वामी जगराम, उसका पुत्र राजू तथा पुत्री गुड़िया शामिल थी। जबकि जगराम की बहू निर्मला हमले में गंभीर रूप से घायल हो गई थी। पुलिस ने अपनी तहरीर में 6 लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज किया था 5 दिन बाद ही पुलिस ने दावा किया था कि इस घटना में शामिल मुख्य आरोपी सिंह सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके बाद से सारे मामले टांय टांय फिस्स नज़र आ रहे हैं। पीड़ित परिवार के अपने दावें है और अपनी परेशानियां भी। पुलिस चुनावों में व्यस्त है। इसलिए कुछ कार्रवाई नहीं कर रही है। वहीं, पीड़ित परिवार लगातार समस्याओं से जूझ रहा है।


Body:तकरीबन 25 वर्षीय जगराम की बहू पूनम (मोनू से शादी करने पहले आशिया) बताती है कि जब से मर्डर हुआ। उसके कुछ दिनों तक तो पुलिस ने काफी तेजी से काम किया। लेकिन उसके बाद जब 3 लोगों को पकड़ लिया गया उसके बाद से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। हमें हत्यारे रात में आकर ढूंढते हैं। लेकिन पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था तक मुहैया नहीं करवाई जा रही है। गांव वाले किसी तरह हमारी सुरक्षा करते हैं लेकिन पुलिस कोई मदद नहीं करती है। वह कहती हैं कि हम लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर यहां रह रहे हैं। जबकि पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है।
वहीं, मृतक जगराम के पड़ोसी छिताईलाल कहते हैं कि जो तीन अपराधी पुलिस के गिरफ्त से बाहर घूम रहे हैं। वह सब यही आसपास रह रहे हैं। लेकिन पुलिस उन्हें पता नहीं किन कारणों से गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। वह कहते हैं कि इसके साथ परिवार वालों के लिए और समस्याएं बढ़ रही है। परिवार वालों को रात में ढूंढा जाता है। जो लोग बचे हुए हैं। उन्हें भी मारने की कोशिश की जा रही है। हम लोग पहरा लगाते हैं। तब यह 3 बच्चे और बहु-बेटा सुरक्षित रह पाते है।
जब हमने इस मसले पर बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य से बात की तो उन्होंने कहा कि आ गया बुजुर्ग में हुई है। ट्रिपल मर्डर के केस में 5 दिन बाद ही हमने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। जो लोग अभी तक गिरफ्तार नहीं हो सके हैं। उनके खिलाफ 25 हजार इनाम भी घोषित किया जा चुका है। डीजीपी सर से सिफारिश की गई है कि इनाम की राशि को और बढ़ाया जाए हम जल्द से जल्द किसी न किसी निर्णय पर जरूर पहुंचेंगे।

परिवार वालों को जान का खतरा है। इस पर पुलिस क्या कर रही है? इस सवाल का जवाब देते हुए एसपी अनुराग आर्य ने ईटीवी से कहा कि यह सूचना मुझे आपके ही द्वारा मिल रही है। पीड़ित परिवार का कोई सदस्य हमारे सामने नहीं आया है। अगर वह थाने गया है और उसने सूचना दी है। तो थाने की पिकेट वगैरह वहां पर लगाई गई हैं। इसके साथ ही जब मर्डर हुआ था तब ग्रामीणों को उस परिवार की सुरक्षा के लिए भी अनुरोध किया गया था पीड़ित परिवार को सुरक्षा देना हमारी जिम्मेदारी है और इसमें कहीं कोई चूक नहीं होगी।


Conclusion:हम आपको बताते चलें कि पहले गिरफ्तार सद्दाम की बहन को लगभग 7 वर्ष पहले मृतक जगराम का पुत्र मोनू मुंबई भगा ले गया था। वह दोनों एक दूसरे से प्रेम करते थे, और परिवार वाले शादी के लिए तैयार नहीं थे। जिसके बाद से ही सद्दाम और उसके बेटे जगराम से बदला लेने के फिराक में थे। इसमें उसे गांव के कुछ लोग और पूर्व प्रधान लगातार उकसा भी रहे थे। 24-25 फरवरी की 2 बजे रात को सद्दाम ने बेहद शातिराना अंदाज में एक धारदार हथियार से जगराम के परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी थी।
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