बलरामपुर: जिले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल उतरौला क्षेत्र में पुलिस को तहसील गेट पर अधेड़ का शव घण्टों से पड़ा रहने की सूचना मिली, जिसके बाद पुलिस ने सफाईकर्मियों को बुलाकर नगर पालिका की कूड़ा गाड़ी में शव को वहां से भिजवा दिया. मामला सुर्खियों में आने के बाद अब पुलिस महकमे और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.
मामला जिले के उतरौला कोतवाली क्षेत्र का है, जहां पुलिस को तहसील गेट के सामने एक अज्ञात व्यक्ति के शव के पड़ा होने की सूचना मिली, जिसके बाद मौके पर पहुंचे उतरौला कोतवाल अनिल यादव व नगर चौकी इंचार्ज आरके रमन ने शव की शिनाख्त का प्रयास किया. शव की शिनाख्त थाना सादुल्लाहनगर के सहजौरा निवासी झिनकन के रूप में हुई. शव को कोरोना वायरस संदिग्ध मानकर पहले उसकी जांच करने का प्रयास किया गया.
स्वास्थ्य विभाग, नगर पालिका परिषद व पुलिस की टीम ने मिलकर झिनकन का कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए सैंपल लिया. कोरोना वायरस सैंपल लेते समय न तो एसओपी का पालन किया गया और न ही शव को भेजने के लिए ही पुलिस विभाग ने किसी तरह के नियम को पालन करना जरूरी समझा.
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पुलिस टीम ने शव को एम्बुलेंस या किसी अन्य गाड़ी से ले जाना मुनासिब नहीं समझा. उन्होंने इस मामले में नगर पालिका परिषद की मदद ली और कूड़ा गाड़ी बुलवाकर सफाई कर्मियों से शव को कूड़ा गाड़ी पर ही लदवा दिया. वहां मौजूद कुछ लोगों ने इस वाकये को अपने मोबाइल में कैद कर लिया. मामला सुर्खियों में आ गया और पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. उतरौला सीओ मनोज यादव सहित कोतवाल मामले में लीपापोती करने में जुटे हुए हैं.
एसपी देव रंजन वर्मा ने कहा कि मामले की जांच के लिए डीएम कृष्णा कमलेश, क्षेत्राधिकारी मनोज कुमार यादव व उप जिला अधिकारी अरुण कुमार गौड़ के निर्देशन में एक टीम बना दी गई है, जो स्वास्थ्य विभाग, नगर पालिका परिषद व पुलिस के इस कृत्य की जांच करेंगे. उन्होंने कहा कि यह मामला मानवता को शर्मसार करने वाला है. इसलिए इसमें गहन जांच की जरूरत है. जांच के बाद दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.