बलरामपुर : उत्तर प्रदेश सरकार भले ही दावा कर रही हो कि 'गड्ढा मुक्त सड़क अभियान' के जरिए तमाम खस्ताहाल सड़कों को बेहतर बनाया गया है, लेकिन आज भी बलरामपुर जिले की स्थिति बदतर नजर आती है. जिले के कई मार्ग हैं, जहां पर आजकल चलना दूभर हो रहा है. हर बरसात में ये मार्ग पूरी तरह से ध्वस्त हो जाते हैं. फिर भी ना तो इन्हें नई डिजाइन के तहत बनवाया जा रहा है. ना ही इन्हें ढंग से रिपेयर किया जा रहा है.
खोखला साबित हुआ गड्ढा मुक्त सड़क अभियान. इन सड़कों की हालत है खस्ता
बलरामपुर जिला मुख्यालय को जोड़ने वाला सादुल्लाह नगर-उतरौला मार्ग, सादुल्लाहनगर-गैंडास बुजुर्ग मार्ग, उतरौला-गौरा मार्ग, तुलसीपुर-बिस्कोहर मार्ग, गौरा-बेल्हा मार्ग जैसे एक दर्जन प्रमुख मार्गों की हालत खस्ता नजर आती है. सड़कों पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़कें, यह तक समझ में नहीं आता. वहीं, इन सड़कों की रिपेयरिंग के नाम पर हर साल प्रांतीय निर्माण खंड द्वारा लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर दिए जाते हैं.
मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते
गौरा चौराहा पर हमसे बात करते हुए स्थानीय निवासियों ने बताया कि यहां सड़क खराब होने के कारण बड़े पैमाने पर लोगों को समस्या होती है. किसी की तबीयत खराब होने या किसी गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने तक में दिक्कत का सामना करना पड़ता है. बरसात में तो पूरी सड़क बंद हो जाए करता है, जिसके कारण कई गांव, कई मजरे पूरी तरह से कट जाया करते हैं.
यहां फेल है सरकार का दावास्थानीय निवासियों ने कहा कि सरकार दावा तो करती है कि उसने सड़कों को सुदृढ़ किया है, लेकिन बेल्हा-बिस्कोहर मार्ग, उतरौला-गौरा-तुलसीपुर मार्ग के लिए यह बात बेमानी लगती है. इसी तरह कई अन्य सड़कें हैं, जो पूरी तरह से जर्जर हैं. रिपेयरिंग के नाम पर उनका पैसा तो खर्च कर दिया जाता है, लेकिन जमीन पर रिपेयरिंग नहीं हो पाती.
सड़क निर्माण में होता है व्यापक भ्रष्टाचार
स्थानीय निवासियों ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का जो सड़कों के सुदृढ़ीकरण को लेकर दावा है, वह इस जिले में बेमानी नजर आता है. हाल ही में एनएच का निर्माण करवाया गया है. सड़कों को बने एक-दो साल भी नहीं बीते कि उन पर पैचिंग शुरू हो गई है. जब 30 परसेंट लागत से सड़कें बनेंगी तो क्या हाल होगा? बलरामपुर जिले में गड्ढा मुक्त सड़क अभियान पूरी तरह से फेल है.इस सरकार में गड्ढा युक्त हुई सड़कें समाजवादी सरकार में पूर्व मंत्री रहे डॉ शिव प्रताप यादव से भी ईटीवी भारत ने गड्ढा मुक्त अभियान को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में 2017 में योगी सरकार बनी थी तो उसने गड्ढा मुक्त सड़कों के लिए अभियान की शुरुआत की थी. इस अभियान के जरिए सड़कें गड्ढा मुक्त तो नहीं है, लेकिन गड्ढा युक्त जरूर हो गई है.
'हमारी ही सरकार में पास हुई थी सड़क'
उन्होंने बताया कि जहां तक सवाल बिस्कोहर-गौरा-बेल्हा रोड का है या उतरौला-तुलसीपुर रोड का सवाल है तो इसके विकास के लिए हमारी सरकार में डीपीआर तक बन गया था. सड़क पास हो गई थी, लेकिन सरकार बदली तो उसने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया. इस कारण क्षेत्रवासियों को तमाम समस्या का सामना करना पड़ रहा है.'जल्द ये मार्ग बनेंगे डबल लेन' जब ईटीवी भारत ने इस मामले पर अधिशासी अभियंता रघुवीर सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि सड़कों को बेहतर बनाने के लिए हम लगातार प्रयासरत हैं. रिपेयरिंग का काम चलता रहता है. बेल्हा-गौरा-बिस्कोहर, तुलसीपुर-गौरा-उतरौला मार्ग को बनाने के लिए शासन द्वारा स्वीकृति मिल गई है. इसलिए इस वर्ष इस सड़क पर पैकिंग का काम नहीं किया गया है. जल्द ही इसे डबल लेन करने की शुरुआत की जाएगी.
सैकड़ों किलोमीटर सड़कें की गई रिपेयर
सदर विधायक पलटूराम ने बताया कि तमाम विभागों के समन्वय के माध्यम से सड़कों का सुदृढ़ीकरण किया गया है. जिले में सैकड़ों किलोमीटर सड़कों को बेहतर बनाया गया है. खासकर ग्रामीण अंचल को जोड़ने वाली सड़कों पर विशेष ध्यान देकर उनकी रिपेयरिंग करवाई जाती है.
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डिप पर बनेगा पुल, आवागमन में होगी सुविधा
उन्होंने कहा कि आप जिस सड़क की बात कर रहे हैं, वह बाढ़ प्रभावित एरिया में आता है. इसलिए हर वर्ष वह खराब हो जाता है. लेकिन हमारी सरकार ने बेल्हा-बिस्कोहर व तुलसीपुर-गौरा-उतरौला मार्ग को डबल लेन बनाने की स्वीकृति दी है, जिस पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा. गौरा-तुलसीपुर मार्ग पर जहां-जहां डिप पड़ रहे हैं, वहां-वहां पुल भी बनाया जाएगा, जिससे क्षेत्रवासियों की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी.