बलरामपुर: सात चरणों में चलने वाले लोकसभा चुनावों के लिए रविवार को छठे चरण के अंतर्गत वोटिंग हुई. लोग अपने घरों से बाहर निकल कर लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, लेकिन जिले से तकरीबन 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तुलसीपुर ब्लॉक में कुछ दूर आगे फतेहनगर गांव के लोगों ने इस बार मतदान नहीं किया. उन्होंने पूरी तरह से चुनाव का बहिष्कार किया है.
क्या है पूरा मामला
- प्राथमिक विद्यालय फतेहनगर शिक्षा क्षेत्र तुलसीपुर पर स्थित बूथ संख्या 254, 255 पर सुबह से सन्नाटा पसरा था. यहां पर एक भी वोट नहीं डाला जा सका.
- ग्रामवासियों का आरोप है कि गांव में अगर लाइट नहीं तो फिर किसी को कोई वोट नहीं.
- इसके साथ ही ग्रामवासी कुछ अन्य समस्याओं को लेकर भी प्रशासन से नाराज दिखाई देते हैं.
- ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार और प्रशासन सालों से हमारे साथ भद्दा मजाक करता रहा है. पूरे जिले में सौभाग्य और दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना लागू की गई, लेकिन हमारे यहां एक बल्ब भी जिला प्रशासन नहीं जला सका.
हमारे यहां ना तो सड़क है, ना तो बिजली है, ना तो पानी है, ना किसी तरह की सिंचाई की व्यवस्था है,. हमने अपनी समस्याओं को स्थानीय विधायक कैलाश नाथ शुक्ल, सांसद दद्दन मिश्रा, यहां तक कि योगी और मोदी सरकार से भी गुहार लगाई है. लेकिन किसी ने हमारी समस्याओं को सुनने का काम नहीं किया. आजादी के 70 साल बीत चुके हैं, लेकिन हम आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. हमारे पास सुविधाओं की नितांत कमी है, लेकिन कोई नेता या कोई राजनीतिक दल हमारी सुध लेने वाला नहीं है. इसलिए हम बिना किसी दबाव के चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं.
-दयाशंकर त्रिपाठी, आक्रोशित मतदाता
जिन्हें हम नेता बनाकर यहां से भेज देते हैं, वह लोग हमारी समस्याओं को न तो किसी पटल पर उठाते हैं और न ही उनको हल करवा पाते हैं.
-इकबाल अहमद, आक्रोशित मतदाता
इस ग्राम सभा के लोग सुबह से वोटिंग करने नहीं पहुंचे . इस बात की जानकारी हमने अपने उच्चाधिकारियों को दे रखी है. सेक्टर मजिस्ट्रेट से लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी तक को हमने बता दिया है. प्रशासनिक लोग यहां तक आए भी थे, लेकिन गांव वाले किसी की बात सुनने को तैयार नहीं है.
-पीठासीन अधिकारी राकेश कुमार द्विवेदी
वहीं, अपर जिला निर्वाचन अधिकारी अरुण कुमार शुक्ल ने कहा कि हमने वहां जाकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण सुनने को तैयार नहीं है, ऐसे में हम कुछ नहीं कर सकते.