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ETV Bharat Impact: ख़बर को प्रमुखता देने पर हरकत में आए अधिकारी, कल्याणपुर के 'कल्याण' के लिए अब बन रहा ख़ाका!

बलरामपुर जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित झौहना ग्राम सभा का कल्याणपुर मटका मजरा अब जिले के नक्शे में नहीं है. 15 सौ लोगों की आबादी वाले इस गांव को राप्ती नदी से आये बाढ़ और कटान ने अपनी जद में ले लिया है.

कल्याणपुर के 'कल्याण' के लिए अब बन रहा ख़ाका!
कल्याणपुर के 'कल्याण' के लिए अब बन रहा ख़ाका!
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Published : Aug 12, 2021, 9:36 PM IST

बलरामपुरः ग्रामीण पिछले 12-13 सालों से खुद को विस्थापित करने और कटान रोधी पुख्ता काम करवाने की मांग जिला प्रशासन से कर रहे थे. लेकिन जिला प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही थी. तब ईटीवी भारत इन बेसहारा ग्रामीणों का आवाज बना और उनकी समस्याओं से लोगों को रूबरू करवाया.

ईटीवी भारत की टीम करीब 7 किलोमीटर पैदल यात्रा करके गांव में गई और लोगों से मिलकर एक ग्राउंड रिपोर्ट की. जिसके बाद से आला-अधिकारी लगातार हरकत में हैं. अधिकारी गांव का लगातार दौरा दौरा कर रहे हैं. ग्रामीणों को विस्थापित करने सहित फौरी तौर पर कटान रोधी कार्य करवाने, ग्रामीणों के आवागमन की सुविधा हेतु नावों को बढ़ाने, उनके लिए भोजन पैकेट इत्यादि की व्यवस्था करने में जुट गए हैं. गुरुवार को एसडीएम सदर, कोतवाल और अन्य आला अधिकारी जहां कल्याणपुर गांव में पहुंचे. वहीं उसके कुछ ही देर बाद ही एडीएम प्रशासन और अपर पुलिस अधीक्षक भी गांव गए और ग्रामीणों से समस्याएं सुनी. इसके साथ ही उनके निस्तारण के लिए तमाम वायदे किए. इसके साथ ही कुछ समस्याओं का त्वरित निस्तारण भी किया.

कल्याणपुर के 'कल्याण' के लिए अब बन रहा ख़ाका!

हालत का जायजा लेने गांव पहुंचे अफसर

ग्रामीण राम उजागर यादव ने कहा कि गुरुवार को जिले के तमाम आला अधिकारी गांव पहुंचे. आला अधिकारियों ने हम लोगों से बातचीत की और हमारी समस्याओं को सुना. हम लोगों ने उनसे कटान रोकने के लिए काम करवाने, तीन पुरवों में बंट चुके इस गांव को अलग विस्थापित करने, खाद्य पदार्थ और आवागमन की समस्या दूर करने की मांग की. जिला एडीएम अरुण कुमार शुक्ल द्वारा मान लिया गया. उन्होंने अपने अधिकारियों और कर्मियों को निर्देशित किया है कि जल्द से जल्द ग्रामीणों की समस्या को दूर किया जाए.

राप्ती नदी से आया बाढ़
राप्ती नदी से आया बाढ़

ग्रामीणों ने ईटीवी भारत की टीम को धन्यवाद दिया और कहा कि ये सब आपकी खबर के वजह से ही संभव हो सका है. यदि आप हमारे गांव में ना आते तो हमारी कोई सुनवाई नहीं होती. अब उम्मीद बंधी है कि जल्द से जल्द समस्याओं का निस्तारण हो जाएगा.

कल्याणपुर के गांव में आए अधिकारी
कल्याणपुर के गांव में आए अधिकारी

जल्द होगा ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण

एडीएम अरुण कुमार शुक्ला ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि बलरामपुर जिले के सदर ब्लॉक में स्थित कल्याणपुर गांव, पिछले कई वर्षों से कटान की समस्या को झेल रहा है. बाढ़ खंड द्वारा कटान को रोकने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. कटान रोधी कार्य करवाए जा रहे हैं. ग्रामीणों को अतिरिक्त खाद्य पदार्थ कल दिलवाए जाएंगे. वहीं, उनके आवागमन के लिए भी सुविधाएं बढ़ा दी गई हैं. नावों और मल्लाहों की संख्या बढ़ाई गई है. चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को निर्देशित किया गया है. एडीएम ने बताया कि ग्रामीणों की समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन तेजी से कार्रवाई कर रहा है. जिसका असर आने वाले समय में दिखाई देगा.

पिछले साल पूरा गांव लील गयी थी राप्ती

हम आपको बताते चलें कि कल्याणपुर मटहा की आबादी तकरीबन 1500 है. यह झौहना ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है. पिछले 12-13 वर्षों से राप्ती नदी इस गांव का लगातार कटान कर रही है. पिछले वर्ष राप्ती कटान करते हुए इस गांव का प्राइमरी स्कूल व मंदिर अपने साथ बहा ले गई थी. इसके साथ ही राप्ती नदी की गर्त में तकरीबन डेढ़ सौ घर भी समाहित हो गए थे. राप्ती की कटान और बाढ़ के कारण आई इस विकराल समस्या से जूझते हुए ग्रामीणों ने खुद को 3 छोटे-छोटे मजरों में बसा लिया. आज भी यह गांव चारों तरफ से राप्ती नदी से घिरा हुआ है. राप्ती नदी लगातार गांव के आसपास कटान कर रही है. इन ग्रामीणों का आशियाना कब फिर से उजड़ जाए इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है.

इसे भी पढ़ें- एयरपोर्ट का निर्माण कर विधानसभा चुनाव-2022 में एक बार फिर उड़ान भरने की तैयारी में योगी सरकार

बारिश के बीच चलती रही गहमागहमी

गौरतलब है कि ईटीवी भारत ने जब इस खबर को प्रमुखता से जगह दी. तब जाकर अधिकारियों की नींद टूटी और वह हरकत में आए. गुरुवार को पूरे दिन गांव में भारी बारिश के दौरान भी अधिकारियों की गहमागहमी चलती रही. अधिकारी ग्रामीणों से मिलते रहे और उनकी समस्याएं सुनते रहे और उन्हें उनके निस्तारण के लिए आश्वस्त करते रहे.

बलरामपुरः ग्रामीण पिछले 12-13 सालों से खुद को विस्थापित करने और कटान रोधी पुख्ता काम करवाने की मांग जिला प्रशासन से कर रहे थे. लेकिन जिला प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही थी. तब ईटीवी भारत इन बेसहारा ग्रामीणों का आवाज बना और उनकी समस्याओं से लोगों को रूबरू करवाया.

ईटीवी भारत की टीम करीब 7 किलोमीटर पैदल यात्रा करके गांव में गई और लोगों से मिलकर एक ग्राउंड रिपोर्ट की. जिसके बाद से आला-अधिकारी लगातार हरकत में हैं. अधिकारी गांव का लगातार दौरा दौरा कर रहे हैं. ग्रामीणों को विस्थापित करने सहित फौरी तौर पर कटान रोधी कार्य करवाने, ग्रामीणों के आवागमन की सुविधा हेतु नावों को बढ़ाने, उनके लिए भोजन पैकेट इत्यादि की व्यवस्था करने में जुट गए हैं. गुरुवार को एसडीएम सदर, कोतवाल और अन्य आला अधिकारी जहां कल्याणपुर गांव में पहुंचे. वहीं उसके कुछ ही देर बाद ही एडीएम प्रशासन और अपर पुलिस अधीक्षक भी गांव गए और ग्रामीणों से समस्याएं सुनी. इसके साथ ही उनके निस्तारण के लिए तमाम वायदे किए. इसके साथ ही कुछ समस्याओं का त्वरित निस्तारण भी किया.

कल्याणपुर के 'कल्याण' के लिए अब बन रहा ख़ाका!

हालत का जायजा लेने गांव पहुंचे अफसर

ग्रामीण राम उजागर यादव ने कहा कि गुरुवार को जिले के तमाम आला अधिकारी गांव पहुंचे. आला अधिकारियों ने हम लोगों से बातचीत की और हमारी समस्याओं को सुना. हम लोगों ने उनसे कटान रोकने के लिए काम करवाने, तीन पुरवों में बंट चुके इस गांव को अलग विस्थापित करने, खाद्य पदार्थ और आवागमन की समस्या दूर करने की मांग की. जिला एडीएम अरुण कुमार शुक्ल द्वारा मान लिया गया. उन्होंने अपने अधिकारियों और कर्मियों को निर्देशित किया है कि जल्द से जल्द ग्रामीणों की समस्या को दूर किया जाए.

राप्ती नदी से आया बाढ़
राप्ती नदी से आया बाढ़

ग्रामीणों ने ईटीवी भारत की टीम को धन्यवाद दिया और कहा कि ये सब आपकी खबर के वजह से ही संभव हो सका है. यदि आप हमारे गांव में ना आते तो हमारी कोई सुनवाई नहीं होती. अब उम्मीद बंधी है कि जल्द से जल्द समस्याओं का निस्तारण हो जाएगा.

कल्याणपुर के गांव में आए अधिकारी
कल्याणपुर के गांव में आए अधिकारी

जल्द होगा ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण

एडीएम अरुण कुमार शुक्ला ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि बलरामपुर जिले के सदर ब्लॉक में स्थित कल्याणपुर गांव, पिछले कई वर्षों से कटान की समस्या को झेल रहा है. बाढ़ खंड द्वारा कटान को रोकने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. कटान रोधी कार्य करवाए जा रहे हैं. ग्रामीणों को अतिरिक्त खाद्य पदार्थ कल दिलवाए जाएंगे. वहीं, उनके आवागमन के लिए भी सुविधाएं बढ़ा दी गई हैं. नावों और मल्लाहों की संख्या बढ़ाई गई है. चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को निर्देशित किया गया है. एडीएम ने बताया कि ग्रामीणों की समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन तेजी से कार्रवाई कर रहा है. जिसका असर आने वाले समय में दिखाई देगा.

पिछले साल पूरा गांव लील गयी थी राप्ती

हम आपको बताते चलें कि कल्याणपुर मटहा की आबादी तकरीबन 1500 है. यह झौहना ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है. पिछले 12-13 वर्षों से राप्ती नदी इस गांव का लगातार कटान कर रही है. पिछले वर्ष राप्ती कटान करते हुए इस गांव का प्राइमरी स्कूल व मंदिर अपने साथ बहा ले गई थी. इसके साथ ही राप्ती नदी की गर्त में तकरीबन डेढ़ सौ घर भी समाहित हो गए थे. राप्ती की कटान और बाढ़ के कारण आई इस विकराल समस्या से जूझते हुए ग्रामीणों ने खुद को 3 छोटे-छोटे मजरों में बसा लिया. आज भी यह गांव चारों तरफ से राप्ती नदी से घिरा हुआ है. राप्ती नदी लगातार गांव के आसपास कटान कर रही है. इन ग्रामीणों का आशियाना कब फिर से उजड़ जाए इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है.

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बारिश के बीच चलती रही गहमागहमी

गौरतलब है कि ईटीवी भारत ने जब इस खबर को प्रमुखता से जगह दी. तब जाकर अधिकारियों की नींद टूटी और वह हरकत में आए. गुरुवार को पूरे दिन गांव में भारी बारिश के दौरान भी अधिकारियों की गहमागहमी चलती रही. अधिकारी ग्रामीणों से मिलते रहे और उनकी समस्याएं सुनते रहे और उन्हें उनके निस्तारण के लिए आश्वस्त करते रहे.

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