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गंभीर बीमारी से पीड़ित बेटी के इलाज के लिए दर-दर भटक रही मां - बलरामपुर

28 साल की नेहा चौहान पिछले दो सालों से पलमोनरी अट्र्रीस हाइपरटेंशन बीमारी से ग्रस्त है. इस बीमारी से प्रतिरोधक क्षमता कम होने के साथ-साथ ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. वहीं नेहा के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने पर इलाज में आने वाले खर्च के लिए उनके माता-पिता ने विधायक सहित सीएम योगी से अपील की है.

पलमोनरी अट्र्रीस हाइपरटेंशन बीमारी से ग्रस्त है नेहा
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Published : Apr 13, 2019, 1:23 PM IST

बलरामपुर: तकरीबन 28 साल की नेहा चौहान पिछले दो सालों से पलमोनरी अट्र्रीस हाइपरटेंशन बीमारी से ग्रस्त है. इस बीमारी में हृदय के रास्ते निकलने वाली सभी धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं. शरीर में गठिया जैसे रोगों का प्रभाव बढ़ने लगता है और प्रतिरोधक क्षमता कम होने के साथ-साथ ऑक्सीजन की कमी हो जाती है.

पलमोनरी अट्र्रीस हाइपरटेंशन बीमारी से ग्रस्त है नेहा

नेहा के परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है कि वो ऑपरेशन में आने वाला तकरीबन 5 लाख रुपये का खर्च उठा सके. इस वजह से उसके माता-पिता ने मौजूदा विधायक से लेकर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है, उनकी मदद की जाए.

क्या है नेहा की बीमारी
नेहा चौहान तकरीबन दो सालों से पलमोनरी अट्र्रीस हाइपरटेंशन नाम की बीमारी से पीड़ित है. इस बीमारी में मूल रूप से हार्ट की सभी नसें ब्लॉक हो जाती हैं और गठिया जैसे रोगों का प्रकोप बढ़ने लगता है. इसके साथ-साथ शरीर में ऑक्सीजन की लगातार कमी होती रहती है. इस रोग में खून की कमी होना, घबराहट होना, बार-बार बेहोश होना आम बात हो जाती है. इस रोग से पीड़ित व्यक्ति बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के सांस तक नहीं ले पाता है.

परिवार के पास नहीं है इलाज का पैसा
इस रोग का इलाज लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में संभव है, लेकिन इसके एवज में अच्छी खासी रकम लगती है. परिवार की आर्थिक हालत कुछ साल पहले तो ठीक-ठाक थी, लेकिन कुछ ऐसा हुआ जिससे बिजनेस डूब गया और परिवार गरीबी की गर्त में चला गया. अब परिवार एक किराए के मकान में बलरामपुर के भगवतीगंज के विशुनीपुर क्षेत्र में रहता है.

नेहा की मां का कहना है कि उनके पास इलाज के लिए इतनी बड़ी रकम नहीं है. इसलिए उन्होंने विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री तक सबसे गुहार लगाई है कि इलाज में आने वाले तकरीबन पांच लाख रुपये का किसी तरह इंतजाम किया जाए. इस मामले में नेहा ने ईटीवी भारत को बताया कि सीएम योगी से अपील की है कि इलाज में आने वाले खर्च की व्यवस्था की जाए. बताया कि इस बीमारी का पता खबरों के माध्यम से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पता चला तो उन्होंने सपा के स्थानीय नेता सलिल सिंह 'टीटू' के हाथों एक लाख रुपये की नकद धनराशि भिजवाई.


वहीं बलरामपुर मेमोरियल चिकित्सालय में तैनात फिजीशियन डॉक्टर अजय पांडे का कहना है कि यह बीमारी जन्म से होती है. इसके कारण रक्त का संचार नहीं हो पाता और उलझन होने लगती है. उन्होंने बताया कि अगर इस बारे में शुरुआत में पता चल जाए तो इस चीज को दवाइयों से सही किया जा सकता है. वहीं बीमारी का पता अगर देर से चले तो ऑपरेशन ही एक मात्र इलाज है.

बलरामपुर: तकरीबन 28 साल की नेहा चौहान पिछले दो सालों से पलमोनरी अट्र्रीस हाइपरटेंशन बीमारी से ग्रस्त है. इस बीमारी में हृदय के रास्ते निकलने वाली सभी धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं. शरीर में गठिया जैसे रोगों का प्रभाव बढ़ने लगता है और प्रतिरोधक क्षमता कम होने के साथ-साथ ऑक्सीजन की कमी हो जाती है.

पलमोनरी अट्र्रीस हाइपरटेंशन बीमारी से ग्रस्त है नेहा

नेहा के परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है कि वो ऑपरेशन में आने वाला तकरीबन 5 लाख रुपये का खर्च उठा सके. इस वजह से उसके माता-पिता ने मौजूदा विधायक से लेकर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है, उनकी मदद की जाए.

क्या है नेहा की बीमारी
नेहा चौहान तकरीबन दो सालों से पलमोनरी अट्र्रीस हाइपरटेंशन नाम की बीमारी से पीड़ित है. इस बीमारी में मूल रूप से हार्ट की सभी नसें ब्लॉक हो जाती हैं और गठिया जैसे रोगों का प्रकोप बढ़ने लगता है. इसके साथ-साथ शरीर में ऑक्सीजन की लगातार कमी होती रहती है. इस रोग में खून की कमी होना, घबराहट होना, बार-बार बेहोश होना आम बात हो जाती है. इस रोग से पीड़ित व्यक्ति बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के सांस तक नहीं ले पाता है.

परिवार के पास नहीं है इलाज का पैसा
इस रोग का इलाज लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में संभव है, लेकिन इसके एवज में अच्छी खासी रकम लगती है. परिवार की आर्थिक हालत कुछ साल पहले तो ठीक-ठाक थी, लेकिन कुछ ऐसा हुआ जिससे बिजनेस डूब गया और परिवार गरीबी की गर्त में चला गया. अब परिवार एक किराए के मकान में बलरामपुर के भगवतीगंज के विशुनीपुर क्षेत्र में रहता है.

नेहा की मां का कहना है कि उनके पास इलाज के लिए इतनी बड़ी रकम नहीं है. इसलिए उन्होंने विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री तक सबसे गुहार लगाई है कि इलाज में आने वाले तकरीबन पांच लाख रुपये का किसी तरह इंतजाम किया जाए. इस मामले में नेहा ने ईटीवी भारत को बताया कि सीएम योगी से अपील की है कि इलाज में आने वाले खर्च की व्यवस्था की जाए. बताया कि इस बीमारी का पता खबरों के माध्यम से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पता चला तो उन्होंने सपा के स्थानीय नेता सलिल सिंह 'टीटू' के हाथों एक लाख रुपये की नकद धनराशि भिजवाई.


वहीं बलरामपुर मेमोरियल चिकित्सालय में तैनात फिजीशियन डॉक्टर अजय पांडे का कहना है कि यह बीमारी जन्म से होती है. इसके कारण रक्त का संचार नहीं हो पाता और उलझन होने लगती है. उन्होंने बताया कि अगर इस बारे में शुरुआत में पता चल जाए तो इस चीज को दवाइयों से सही किया जा सकता है. वहीं बीमारी का पता अगर देर से चले तो ऑपरेशन ही एक मात्र इलाज है.

Intro:(नोट :- PALMONAY ATRICE HYPERTENSION के नाम से वीडियो फीड एफटीपी के माध्यम से प्रेषित की जा चुकी है। डेस्क के सहयोगी कृपया संज्ञान लें और प्रकशित करने का कष्ट करें।)

एंकर : तकरीबन 28 साल की नेहा चौहान पिछले 2 सालों से बेड पर ही लेटी रहती हैं, इन्होंने एमए कर रखा है और आगे सामाजिक विज्ञान में पीएचडी करना चाहती हैं। ब्यूटी पार्लर और कई अन्य विधाओं का पूरा काम आता है। फिर भी ये चाह कर भी कुछ नहीं कर सकतीं। कारण है, लाखों में से एक को होने वाली एक ऐसी बीमारी जिसका हम सभी ने अभी तक नाम भी नहीं सुना होगा। नेहा को जो बीमारी है, उसका नाम पलमोनरी अट्र्रीस हाइपरटेंशन है। बीमारी में हृदय के रास्ते निकलने वाली सभी धमनियां ब्लॉक हो जाती है। शरीर में गठिया जैसे रोगों प्रभाव बढ़ने लगता है और प्रतिरोधक क्षमता कम होने के साथ-साथ ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। लेकिन नेहा पिछले 2 सालों से इस बीमारी से बखूबी बहादुरी के साथ लड़ रही हैं। उनके माता पिता और भाई भी उनका साथ निभा रहे हैं। नेहा के परिवार की माली हालत पहले से ही हुआ करती थी लेकिन 4 साल पहले कुछ ऐसा हुआ, जिसके कारण परिवार गरीबी के गर्त में चला गया। इस वजह से अब हुआ इनके ऑपरेशन में आने वाला तकरीबन ₹500000 का खर्च भी नहीं उठा सकता।
इस वजह से माता ने मौजूदा विधायक से लेकर उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ तक से गुहार लगाई कि उनके बेटी की मदद की जाए और उनकी लाडली की जान बचाई जाए। लेकिन सिस्टम है कि अभी तक सो रहा है।


Body:क्या है नेहा की बिमारी : नेहा चौहान तकरीबन 2 सालों से पलमोनरी अट्र्रीस हाइपरटेंशन नाम की इस बीमारी से पीड़ित है। इस बीमारी में मूल रूप से हार्ट की सभी नसे ब्लाक हो जाती है और गठिया जैसे रोगों का प्रकोप बढ़ने लगता है। इसके साथ साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और शरीर में ऑक्सीजन की लगातार कमी होती रहती है। इस रोग में खून की कमी हो जाना, घबराहट होना, बार-बार बेहोश हो जाना, छोटी छोटी चीजों को लेकर भी अत्यधिक मानसिक दबाव लेना, आम बात हो जाती है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के सांस तक नहीं ले पाता है।
परिवार के पास नहीं है इलाज का पैसा : गनीमत है इस रोग का इलाज लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में संभव है। लेकिन इसके एवज में अच्छी खासी रकम लगती है। परिवार की माली हालत कुछ साल पहले तो ठीक-ठाक थी लेकिन कुछ ऐसा हुआ जिसे बिजनेस डूब गया और परिवार गरीबी की गर्त में पता चला गया। अब परिवार एक किराए के मकान में बलरामपुर के भगवतीगंज के विशुनीपुर क्षेत्र में रहता है।
परिवार ने नेहा की बीमारी से लड़ने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है। पिछले 1 सालों से हर रोज तकरीबन ₹500 का एक ऑक्सीजन सिलेंडर लगता है। इसके अतिरिक्त पूरे महीने में हजारों रुपए की दवाएं और अन्य चीजों का खर्चा भी परिवार उठा रहा है।
परिवार के लोगों ने हमसे बात करते हुए बताया कि हम अपना सब कुछ दांव पर लगा कर भी अपनी बिटिया को बचाना चाहते हैं। हम उसे एक बेहतर जिंदगी देना चाहते हैं, जिससे वह समाज के लिए उदाहरण बन सके।
क्या कहती हैं नेहा की मां : नेहा की मां कहती हैं कि हमारे पास अभी नेहा के इलाज के लिए इतनी बड़ी रकम तो नहीं है, इसलिए हमने विधायक सांसद मुख्यमंत्री तक सबसे गुहार लगाई है कि हमारी बिटिया के इलाज में आने वाले तकरीबन ₹500000 के खर्च का इंतजाम किसी तरह कर दिया जाए। उन्होंने बताया कि मैंने सुना है कि मुख्यमंत्री राहत कोष के जरिए ऐसे गंभीर रोगों से लड़ने के लिए सरकार पैसा भी देती है तो सरकार से मेरी अपील है कि वह मेरी बिटिया की भी जिंदगी को बचा ले।


Conclusion:इस मामले में खुद नेहा चौहान ने ईटीवी से बात करते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि मैं भी आपकी बेटी की तरह हूँ। मुझे आपके मदद की जरूरत है। आप चाहें तो मेरी जान बच सकती है। इसलिए कृपया मेरे इलाज में आने वाले खर्च की व्यवस्था की जाए।
वहीं, नेहा के बड़े भाई ने औपचारिक बातचीत में ईटीवी को बताया कि भाजपा सरकार के किसी भी मुलाजिम द्वारा अभी तक कोई मदद नहीं की गई है। लेकिन जब इस बीमारी का पता खबरों के माध्यम से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को चला तो उन्होंने सपा के स्थानीय नेता सलिल सिंह 'टीटू' के हाथों ₹100000 की नगद धनराशि हमारे यहां भिजवाई और उन्होंने आश्वासन दिया कि हम खुद मिलने भी आएंगे। इसके अलावा लखनऊ में बैठी उनकी टीम ने हमारी माता जी से और हमारी बहन नेहा से बात भी की।
नेहा खुद तो अपनी बीमारी से बात ताकत के साथ लड़ रही है और उनमें फिर से उठ खड़ा होने का जज्बा दिखाई देता है। लेकिन यदि सरकारी मदद समय पर मिल जाए और उनका सफल ऑपरेशन हो जाए तो नेहा को एक नई जिंदगी मिल सकती है। इस वास्ते नेहा के परिवार वालों ने क्षेत्र के सांसद विधायक और तमाम नेताओं से अपील भी की है। लेकिन अभी तक उनका कोई जवाब नहीं आया है।
इस के बारे में बात करते हुए बलरामपुर मेमोरियल चिकित्सालय में तैनात फिजीशियन डॉक्टर अजय पांडे कहते हैं यह बीमारी जन्मजात होती है क्या बीमारी होती है पहले में दिल में छेद हो जाता है और दूसरे में दिल की नसें ब्लॉक हो जाती है, जिसके कारण रक्त का संचार नहीं हो पाता और उलझन होने लगती है।
इलाज के बारे में बात करते हुए डॉक्टर पांडे कहते हैं कि अगर शुरुआत में पता चल जाए इस चीज को दवाइयों से सही किया जा सकता है। लेकिन बीमारी का पता अगर देर से चले तो ऑपरेशन ही एक मात्र इलाज है। वरना व्यक्ति को ऑक्सीजन के सहारे जिंदगी गुजारनी पड़ती है।
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