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बलरामपुर: भीषण बाढ़ की चपेट में 100 से अधिक गांव, पलायन कर रहे लोग - बलरामपुर से पलायन कर रहे लोग

जिले के 100 से अधिक गांव भीषण बाढ़ की चपेट में हैं. घरों में पानी भर जाने से लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. वहीं, जिलाधिकारी का कहना है कि बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

बाढ़ से लोग पलायन के लिए हो रहे मजबूर.
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Published : Jun 26, 2019, 4:57 PM IST

बलरामपुर: जिला इस समय भीषण बाढ़ की समस्या से जूझ रहा है. पिछले शनिवार की रात और रविवार को पूरे दिन हुई बारिश के कारण जिले के कई नाले और नदी अपने उफान पर हैं. राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के कारण हरैया सतघरवा, ललिया, तुलसीपुर, गैंसड़ी, गौरा और पचपेड़वा क्षेत्रों में जलभराव की समस्या है. इस कारण कई जगहों पर सड़कें भी पानी से बह गई हैं.

पलायन को मजूबर लोग:

  • हरिहरगंज, ललिया बलरामपुर तुलसीपुर बौद्ध परिपथ गौरा चौराहा तुलसीपुर मार्ग पर कई स्थानों पर पानी का बहाव तेज है.
  • आवागमन पूरी तरह से ठप चल रहा है.
  • राप्ती नदी खतरे के निशान से तकरीबन 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.
  • राप्ती नदी व पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के कारण 100 से अधिक गांव पूरी तरह से चपेट में हैं.
  • नालों की बाढ़ से भुसावल, लखनीपुर, पिट्ठा लौकहावा, खैरापुर, नारायणापुर, प्रतापपुर समेत 50 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
  • राप्ती नदी की बाढ़ के कारण परसा, सेवरहा, थारुवा, थारुनी, सिंघवापुर, गोदहना सहित कई गांव प्रभावित हुए हैं.
  • जिले में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में ललिया व हरैया थाना क्षेत्र के लोग नजर आते हैं.
  • ललिया थाना क्षेत्र के पिट्ठा निवासी सद्दाम खान बताते हैं कि किसी तरह की प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

ग्रामीण सद्दाम खान का कहना है कि हम लोगों के साथ भोजन की समस्या खड़ी हो गई है. लोग पलायन करने पर मजबूर हैं. घरों में पानी भर जाने से लोग अब सड़कों पर रहने को मजबूर हैं. वहीं इसी गांव के रज्जाक का कहना है इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ है. बाढ़ के कारण हर साल लाखों की फसलें बर्बाद होती है और बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि होती है, लेकिन प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. किसी व्यवस्था को कोई देखने वाला नहीं है.

बाढ़ से लोग पलायन करने के लिए हो रहे मजबूर.

कैलाश नाथ शुक्ला, विधायक, तुलसीपुर विधानसभा का कहना है कि क्षेत्र दो दिन की बारिश के बाद अचानक बाढ़ आ गई. इस कारण सरकार व प्रशासन को बहुत ज्यादा तैयारी का समय नहीं मिल सका, फिर भी हम लोग प्रयासरत हैं कि जल्द से जल्द तमाम व्यवस्थाएं सुचारू रूप से शुरू करवाई जाएं. बाढ़ से जुड़े तमाम प्रशासनिक तैयारियों पर बात करते हुए जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश बताते हैं कि हमने जिले में पढ़ने वाले सभी 16 बांधों को चेक करवा लिया है, उनमें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है.

बाढ़ अचानक आई है. इस कारण बहुत ज्यादा तैयारी का समय नहीं मिल सका है, फिर भी खाना इत्यादि के लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. वहीं, फैजाबाद से बात करके एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को तमाम जगहों पर तैनात करने की कवायद शुरू कर दी गई है. इसके अतिरिक्त बाढ़ चौकियों का निर्माण कर दिया गया है और अगले 1 जुलाई से सभी बाढ़ चौकियां क्षमता से काम करना शुरू कर देंगी.
-कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी, बलरामपुर

जिलाधिकारी ने बताया कि तुलसीपुर-बलरामपुर सहित कई मार्ग पूरी तरह से ठप पड़े हैं, जिनको फिर से शुरू करने की कवायद तेजी के साथ आगे बढ़ रही है. प्रशासन द्वारा व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने का काम शुरू किया जा चुका है.

बलरामपुर: जिला इस समय भीषण बाढ़ की समस्या से जूझ रहा है. पिछले शनिवार की रात और रविवार को पूरे दिन हुई बारिश के कारण जिले के कई नाले और नदी अपने उफान पर हैं. राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के कारण हरैया सतघरवा, ललिया, तुलसीपुर, गैंसड़ी, गौरा और पचपेड़वा क्षेत्रों में जलभराव की समस्या है. इस कारण कई जगहों पर सड़कें भी पानी से बह गई हैं.

पलायन को मजूबर लोग:

  • हरिहरगंज, ललिया बलरामपुर तुलसीपुर बौद्ध परिपथ गौरा चौराहा तुलसीपुर मार्ग पर कई स्थानों पर पानी का बहाव तेज है.
  • आवागमन पूरी तरह से ठप चल रहा है.
  • राप्ती नदी खतरे के निशान से तकरीबन 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.
  • राप्ती नदी व पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के कारण 100 से अधिक गांव पूरी तरह से चपेट में हैं.
  • नालों की बाढ़ से भुसावल, लखनीपुर, पिट्ठा लौकहावा, खैरापुर, नारायणापुर, प्रतापपुर समेत 50 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
  • राप्ती नदी की बाढ़ के कारण परसा, सेवरहा, थारुवा, थारुनी, सिंघवापुर, गोदहना सहित कई गांव प्रभावित हुए हैं.
  • जिले में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में ललिया व हरैया थाना क्षेत्र के लोग नजर आते हैं.
  • ललिया थाना क्षेत्र के पिट्ठा निवासी सद्दाम खान बताते हैं कि किसी तरह की प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

ग्रामीण सद्दाम खान का कहना है कि हम लोगों के साथ भोजन की समस्या खड़ी हो गई है. लोग पलायन करने पर मजबूर हैं. घरों में पानी भर जाने से लोग अब सड़कों पर रहने को मजबूर हैं. वहीं इसी गांव के रज्जाक का कहना है इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ है. बाढ़ के कारण हर साल लाखों की फसलें बर्बाद होती है और बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि होती है, लेकिन प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. किसी व्यवस्था को कोई देखने वाला नहीं है.

बाढ़ से लोग पलायन करने के लिए हो रहे मजबूर.

कैलाश नाथ शुक्ला, विधायक, तुलसीपुर विधानसभा का कहना है कि क्षेत्र दो दिन की बारिश के बाद अचानक बाढ़ आ गई. इस कारण सरकार व प्रशासन को बहुत ज्यादा तैयारी का समय नहीं मिल सका, फिर भी हम लोग प्रयासरत हैं कि जल्द से जल्द तमाम व्यवस्थाएं सुचारू रूप से शुरू करवाई जाएं. बाढ़ से जुड़े तमाम प्रशासनिक तैयारियों पर बात करते हुए जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश बताते हैं कि हमने जिले में पढ़ने वाले सभी 16 बांधों को चेक करवा लिया है, उनमें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है.

बाढ़ अचानक आई है. इस कारण बहुत ज्यादा तैयारी का समय नहीं मिल सका है, फिर भी खाना इत्यादि के लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. वहीं, फैजाबाद से बात करके एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को तमाम जगहों पर तैनात करने की कवायद शुरू कर दी गई है. इसके अतिरिक्त बाढ़ चौकियों का निर्माण कर दिया गया है और अगले 1 जुलाई से सभी बाढ़ चौकियां क्षमता से काम करना शुरू कर देंगी.
-कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी, बलरामपुर

जिलाधिकारी ने बताया कि तुलसीपुर-बलरामपुर सहित कई मार्ग पूरी तरह से ठप पड़े हैं, जिनको फिर से शुरू करने की कवायद तेजी के साथ आगे बढ़ रही है. प्रशासन द्वारा व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने का काम शुरू किया जा चुका है.

Intro:बलरामपुर जिला इस समय भीषण बाढ़ की समस्या से दो-चार हो रहा है। पिछले शनिवार रात और रविवार पूरे दिन हुई बारिश के कारण जिले के कई नाले और नदी अपने उफान पर हैं। राप्ती नदी अपने निर्धारित क्षमता से ऊपर बह रही है। पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के कारण हरैया सतघरवा, ललिया, तुलसीपुर, गैंसड़ी, गौरा व पचपेड़वा क्षेत्रों में जलभराव की समस्या है। इस कारण कई जगहों पर सड़कें भी पानी से बह गई है। हरिहरगंज, ललिया बलरामपुर तुलसीपुर बौद्ध परिपथ गौरा चौराहा तुलसीपुर मार्ग पर कई स्थानों पर पानी का बहाव तेज है। इस कारण आवागमन पूरी तरह से ठप चल रहा है। राप्ती नदी अपने चेतावनी बिंदु से तकरीबन 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।Body:राप्ती नदी व पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के कारण 100 से अधिक गांव पूरी तरह से चपेट में हैं। नालों की बाढ़ से भुसावल, लखनीपुर, पिट्ठा लौकहावा, खैरापुर, नारायणापुर, प्रतापपुर समेत 50 गांव बुरी तरह प्रभावित नजर आ रहे हैं। वहीं, राप्ती नदी की बाढ़ के कारण परसा, सेवरहा, थारुवा, थारुनी, सिंघवापुर, गोदहना, नेवरी दात रंगवा जंबू दीप घुसल बा हर हटा गोदाना खजूरिया राजाजोत व अन्य तमाम गांव प्रभावित नजर आ रहे हैं।
जिले में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में ललिया व हरैया थाना क्षेत्र के लोग नजर आते हैं। Conclusion:ललिया थाना क्षेत्र के पिट्ठा निवासी सद्दाम खान बताते हैं कि किसी तरह की प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है। हम लोग के साथ भोजन की समस्या खड़ी हो गई है। लोग पलायन करने पर मजबूर हैं। लोग अब सड़कों पर रह रहे हैं क्योंकि घरों में पानी भर चुका है।
वहीं, रज्जाक बताते हैं कि इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ है। बाढ़ के कारण हर साल लाखों की फसलें बर्बाद होती है और बड़े पैमाने पर धन जन की हानि होती है। लेकिन प्रशासन आंखें मूंदकर सो रहा है। किसी व्यवस्था को कोई देखने वाला नहीं है।
एक बार के कारण चपेट में आए लोगों के प्रति प्रशासनिक व सरकार की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त न होने पर तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक कैलाश नाथ शुक्ला कहते हैं कि या बाद 2 दिन के बारिश के बाद अचानक आ गई। इस कारण सरकार व प्रशासन को बहुत ज्यादा तैयारी का समय नहीं मिल सकता। फिर भी हम लोग प्रयासरत हैं कि जल्द से जल्द तमाम व्यवस्थाएं सुचारू रूप से शुरू करवाई जाए।
वहीं, बाढ़ से जुड़े तमाम प्रशासनिक तैयारियों पर बात करते हुए जिलाधिकारी कृष्णा करने बताते हैं कि हमने जिले में पढ़ने वाले सभी 16 बांधों को चेक करवा लिया है। बांधों में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। बाढ़ अचानक आई है। इस कारण बहुत ज्यादा तैयारी का समय नहीं मिल सका है। फिर भी खाना इत्यादि के लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। वहीं, फैजाबाद से बात करके एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को तमाम जगहों पर तैनात करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके अतिरिक्त बाढ़ चौकियों का निर्माण कर दिया गया है और अगले 1 जुलाई से सभी बाढ़ चौकियां क्षमता से काम करना शुरू कर देंगी।
वह कहते हैं कि तुलसीपुर बलरामपुर मार्ग सहित कई मार्ग पूरी तरह से ठप पड़े हैं जिनको फिर से शुरू करने की कवायद तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। वह विस्थापित हुए लोगों के लिए प्रशासन द्वारा व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने का काम शुरू किया जा चुका है।
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