बलरामपुर: एक तरफ जहां पूरी दुनिया में नोवेल कोरोना वायरस को लेकर अफरा-तफरी का माहौल है, वहीं बलरामपुर जैसे नेपाल बॉर्डर से सटे इलाकों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. यहां आने-जाने वाले लोगों की लगातार स्क्रीनिंग की जा रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि वह कोरोना वायरस से पीड़ित है या नहीं. बलरामपुर जिले में इस तरह के कुल 4 चेक पोस्ट बनाए गए हैं. जिले में अब तक तकरीबन 3,000 से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है.
बलरामपुर में कुछ इस तरह होती है नेपाल से इंडिया आने वाले लोगों की कोरोना चेकिंग...
यूपी के बलरामपुर जिले में नेपाल के सीमावर्ती इलाकों के 4 जगहों पर मेडिकल टीमों द्वारा लगातार कोरोना को लेकर लोगों की चेकिंग की जा रही है. यहां अब तक तकरीबन तीन हजार लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है.
नेपाल से इंडिया आने वाले लोगों की कोरोना चेकिंग.
बलरामपुर: एक तरफ जहां पूरी दुनिया में नोवेल कोरोना वायरस को लेकर अफरा-तफरी का माहौल है, वहीं बलरामपुर जैसे नेपाल बॉर्डर से सटे इलाकों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. यहां आने-जाने वाले लोगों की लगातार स्क्रीनिंग की जा रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि वह कोरोना वायरस से पीड़ित है या नहीं. बलरामपुर जिले में इस तरह के कुल 4 चेक पोस्ट बनाए गए हैं. जिले में अब तक तकरीबन 3,000 से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है.
त्रिलोकपुर कोरोना चेकिंग कैंप में जांच कर रहे डॉ. जितेंद्र चौधरी ने बताया कि बॉर्डर के उस पार से आने-जाने वाले लोगों की जांच की जा रही है. हमारे पास जो लोग भी आते हैं, उनकी चेकिंग थर्मल थर्मामीटर से बिना छुए की जाती है. इसके साथ ही हमारे पास एन-95 मास्क हैं. हमारे पास वह सभी उपकरण हैं, जिससे जनता की चेकिंग करके उनके बारे जानकारी ली जा सके.
त्रिलोकपुर कोरोना चेकिंग कैंप में जांच कर रहे डॉ. जितेंद्र चौधरी ने बताया कि बॉर्डर के उस पार से आने-जाने वाले लोगों की जांच की जा रही है. हमारे पास जो लोग भी आते हैं, उनकी चेकिंग थर्मल थर्मामीटर से बिना छुए की जाती है. इसके साथ ही हमारे पास एन-95 मास्क हैं. हमारे पास वह सभी उपकरण हैं, जिससे जनता की चेकिंग करके उनके बारे जानकारी ली जा सके.