बलरामपुर : जिला प्रशासन का बुद्धवार को जेल में बंद पूर्व सांसद रिजवान जहीर के कब्जे से सपा नेता व पूर्व विधायक अब्दुल मशहूद खान के भाई महमूद की जमीन को खाली करवाने के लिए प्रशासन का बुलडोजर चल गया. 25 बीघा जमीन उनके कब्जे से खाली कराकर शिकायतकर्ता को दे दी. प्रशासन द्वारा एक चकरोड को भी पूर्व सांसद के अवैध कब्जे से मुक्त करवाया गया है.
तुलसीपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष फिरोज पप्पू की हत्या के आरोप में पूर्व सांसद रिज़वान ज़हीर, बेटी ज़ेबा, दामाद रमीज़ नेमत, तीन अन्य आरोपियों के साथ जेल में बंद हैं. बेटी जेबा रिजवान को जमानत मिल गई है लेकिन अब तक रिहाई नहीं हो सकी है. बुधवार करीब 11.30 बजे तुलसीपुर तहसील की राजस्व व पुलिस की टीम पूर्व सांसद ज़हीर के आवास पर शिकायतकर्ता अब्दुल महमूद के साथ पहुंची.
प्रशासन व पुलिस ने पूर्व सांसद के आवास के सामने अवैध कब्जे वाली जमीन पर बनी बाउंड्रीवाल, बरामदा व एक कमरा बुलडोजर से गिरा दिया. सड़क के दोनों ओर आवास और उनके सामने वाली जमीनों पर लगी फसल की जोताई करवा दी गई. शिकायतकर्ता अब्दुल महमूद ने कहा, 'तकरीबन 20 सालों से यहां के बाहुबली नेता व पूर्व सांसद रिजवान जहीर द्वारा उनकी 5 एकड़ जमीन पर कब्जा कर रखा था. जिला प्रशासन व तहसील प्रशासन का मैं धन्यवाद देता हूं कि मेरी एक शिकायत पर रिजवान जहीर जैसे बाहुबली के कब्जे से मेरी जमीन खाली करवाई गई है'.
उप-जिलाधिकारी मंगलेश दुबे ने बताया कि अब्दुल महमूद खां ने शिकायत की थी कि उनकी लगभग 25 बीघा जमीन पर पूर्व सांसद व उनके परिवार के लोगों ने कब्जा कर लिया है. उसी के तहत जमीन खाली कराई गई है. चकरोड पर से भी कब्जा हटवाकर प्रधान धर्मेंद्र वर्मा व लेखपाल दुर्गेश कुश को मिट्टी पटाई कराने का निर्देश दिया गया है.
सीओ कुवंर प्रभात सिंह ने बताया कि पूर्व सांसद की कोठी और लखनऊ में स्थित संपत्ति गैंगस्टर एक्ट में कुछ दिन पहले ही कुर्क कर ली गई थी. आज अब्दुल महमूद की शिकायत व उपजिलाधिकारी न्यायालय के आदेश पर पुलिस व तहसील प्रशासन द्वारा पूर्व सांसद के कब्जे से अब्दुल महमूद की जमीन को मुक्त करवाया गया है.
शिकायत करने वाले अब्दुल महमूद तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे अब्दुल मशहूद खान के भाई हैं. वह समाजवादी पार्टी के सदस्य भी हैं. वहीं, रिजवान ज़हीर व उनकी बेटी ज़ेबा रिजवान भी समाजवादी पार्टी की ही सदस्य हैं. फिरोज पप्पू हत्याकांड में नाम आने के बाद जेबा रिजवान में 2022 का विधानसभा चुनाव जेल में ही रहते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र से लड़ा था.
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