बलरामपुर: एक तरफ जहां केंद्र सरकार जनऔषधि दिवस का उत्सव देशभर में मना कर अपना पीठ थपथपा रही है. वहीं, दूसरी तरफ प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से लोगों को दवाएं लेने में मशक्कत करनी पड़ती है. बलरामपुर जिले के संयुक्त जिला चिकित्सालय में स्थित जिले का एक मात्र केंद्र न केवल दवाओं की कमी झेल रहा है. इस कारण बल्कि मरीजों को खाफी परेशानी का सामना भी करना पड़ता है.
सस्ती दवाओं की सुविधा का नहीं मिल रहा लाभ
जन औषधि केंद्र पर जितनी होनी चाहिए उसकी महज 10 प्रतिशत दवाएं ही जन औषधि केंद्र पर उपलब्ध रहती है. मरीजों और उनके तीमारदारों को सरकारी निशुल्क और सस्ती दवाओं की सुविधा का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है.
प्रिंट रेट से महंगी मिलती है दवाएं
इस दौरान छोटू टेलर और शाहिद जैसे मरीजों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर दवाओं की मौजूदगी बिल्कुल न के बराबर होती है. वहीं, सरकारी चिकित्सक भी साल्ट लिखने की जगह ब्रांडेड दवाओं का नाम लिखते हैं, जिससे जन औषधि केंद्र पर दवाएं नहीं मिल पाती हैं. मरीजों ने बताया कि जन औषधि केंद्र पर दवाएं प्रिंट रेट से महंगी भी दी जाती है. इसके साथ ही जितनी दवाइयां यहां होनी चाहिए उसकी पूरी तरह से उपलब्धता तक नहीं है.
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इस के लिए मैं सीएमओ से बात करूंगा और उनसे यह कहूंगा कि वह जल्द से जल्द अस्पताल में मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध करवाएं, जिससे गरीब मरीजों को परेशान न होना पड़े.
-पलटूराम, विधायक, भाजपा
एक सिक्के के दो पहलू हैं. डॉक्टर दवा लिखेगा ही नहीं तो मरीज खरीदेगा कैसे और यदि केंद्र पर दवा रखी ही नहीं जाएगी तो डॉक्टर लिखेगा कैसे.
- डॉ. घनश्याम सिंह, सीएमओ