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जिला अस्पताल में मरीजों से वसूली जा रही मोटी रकम, जानें कैसे... - लैप्रस्कोपी मशीन के नाम पर मरीजों से वसूली

यूपी के बलरामपुर में जिला अस्पताल प्रशासन ने सरकारी नियमों को दर किनार करते हुए खुद के नियम बना दिए हैं. अस्पताल में लैप्रोस्कोपी मशीन न होने बाद भी किराए पर मंगाकर मरीजों की दूरबीन विधि से सर्जरी कर मोटी रकम वसूला जा रहा है.

बलरामपुर जिला अस्पताल.
बलरामपुर जिला अस्पताल.
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Published : Nov 28, 2020, 8:02 AM IST

बलरामपुरः जिला अस्पताल प्रशासन ने सरकारी नियमों को दर किनार करते हुए खुद के नियम बना दिए हैं. अस्पताल में लैप्रोस्कोपी मशीन किराए पर मंगाकर मरीजों की दूरबीन विधि से सर्जरी कर मोटी रकम वसूली जा रही है. अस्पताल में मरीजों से किराए के नाम पर दस हजार रुपये से अधिक वसूले जा रहे हैं. सरकारी नियमों में बदलाव करके बिना शासन को सूचना दिए ही यह खेल काफी अरसे से चल रहा है. इस मामले की लिखित शिकायत सीएम पोर्टल पर दर्ज कराई गई है. मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं.

सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज
बलरामपुर अस्पताल में करीब एक साल से लैप्रोस्कोपी विधि के जरिए मरीजों की डाॅ. विवेक सर्जरी कर रहे हैं. अस्पताल में लैप्रोस्कोपी मशीन न होने बाद भी निजी कंपनी से किराए पर मशीन मंगाई गई है. इसके एवज में मरीजों से सर्जरी से पहले मशीन किराया वसूला जा रहा है. आरोप है कि हर मरीज से करीब आठ से दस हजार रुपये शुल्क लिया जाता है. सबसे बड़ी बात यह है कि अस्पताल निदेशक ने किराए पर मशीन मंगाकर मरीजों से किराया लिए जाने मामले की कोई भी जानकारी व अनुमति तक शासन से नहीं लिया गया है. खुद के नियम बनाकर सर्जरी शुरू कराई गई है. डाॅ विवेक सक्सेना ने बताया कि मरीजों से कितना किराया लिया जा रहा है इस बारे में निदेशक को जानकारी है. ऐसे में गरीब मरीज शुल्क न दे पाने पर उनकी लैप्रोस्कोपी जरिए सर्जरी नहीं की जा रही है. इस संबंध में अस्पताल निदेशक डाॅ. राजीव लोचन संपर्क नहीं हो सका.

शासन तय करता है सर्जरी व जांच शुल्क
सरकारी अस्पताल में होने वाली जांच व सर्जरी का शुल्क शासन तय करता है. अस्पताल अपने स्तर से जांच व सर्जरी का कोई भी शुल्क तय नहीं कर सकता है. आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने लैप्रोस्कोपी मशीन जरिए निजी कंपनी को बढावा दे रहा है.

किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं है लैप्रोस्कोपी सर्जरी
राजधानी के किसी भी सरकारी अस्पताल में अभी तक लैप्रोस्कोपी मशीन की सुविधा नहीं है. ऐसे में सामान्य तरीके से ही सभी सरकारी अस्पताल में सर्जरी की जाती है. बलरामपुर अस्पताल ने करीब आठ माह पहले शासन को पत्र भेजकर मशीन की मांग किया था. अभी तक मशीन न मिलने पर किराए पर मशीन मंगाकर मरीजों से मोटी रकम वसूली जा रही है.

किराए के नाम पर शुल्क लिए जाने मामले में मुझे जानकारी नहीं है. आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत हुई है तो जांच आने पर संबंधित अस्पताल से जवाब मांगा जाएगा।.
-डी. एस. नेगी, स्वास्थ्य महानिदेशक

बलरामपुरः जिला अस्पताल प्रशासन ने सरकारी नियमों को दर किनार करते हुए खुद के नियम बना दिए हैं. अस्पताल में लैप्रोस्कोपी मशीन किराए पर मंगाकर मरीजों की दूरबीन विधि से सर्जरी कर मोटी रकम वसूली जा रही है. अस्पताल में मरीजों से किराए के नाम पर दस हजार रुपये से अधिक वसूले जा रहे हैं. सरकारी नियमों में बदलाव करके बिना शासन को सूचना दिए ही यह खेल काफी अरसे से चल रहा है. इस मामले की लिखित शिकायत सीएम पोर्टल पर दर्ज कराई गई है. मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं.

सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज
बलरामपुर अस्पताल में करीब एक साल से लैप्रोस्कोपी विधि के जरिए मरीजों की डाॅ. विवेक सर्जरी कर रहे हैं. अस्पताल में लैप्रोस्कोपी मशीन न होने बाद भी निजी कंपनी से किराए पर मशीन मंगाई गई है. इसके एवज में मरीजों से सर्जरी से पहले मशीन किराया वसूला जा रहा है. आरोप है कि हर मरीज से करीब आठ से दस हजार रुपये शुल्क लिया जाता है. सबसे बड़ी बात यह है कि अस्पताल निदेशक ने किराए पर मशीन मंगाकर मरीजों से किराया लिए जाने मामले की कोई भी जानकारी व अनुमति तक शासन से नहीं लिया गया है. खुद के नियम बनाकर सर्जरी शुरू कराई गई है. डाॅ विवेक सक्सेना ने बताया कि मरीजों से कितना किराया लिया जा रहा है इस बारे में निदेशक को जानकारी है. ऐसे में गरीब मरीज शुल्क न दे पाने पर उनकी लैप्रोस्कोपी जरिए सर्जरी नहीं की जा रही है. इस संबंध में अस्पताल निदेशक डाॅ. राजीव लोचन संपर्क नहीं हो सका.

शासन तय करता है सर्जरी व जांच शुल्क
सरकारी अस्पताल में होने वाली जांच व सर्जरी का शुल्क शासन तय करता है. अस्पताल अपने स्तर से जांच व सर्जरी का कोई भी शुल्क तय नहीं कर सकता है. आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने लैप्रोस्कोपी मशीन जरिए निजी कंपनी को बढावा दे रहा है.

किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं है लैप्रोस्कोपी सर्जरी
राजधानी के किसी भी सरकारी अस्पताल में अभी तक लैप्रोस्कोपी मशीन की सुविधा नहीं है. ऐसे में सामान्य तरीके से ही सभी सरकारी अस्पताल में सर्जरी की जाती है. बलरामपुर अस्पताल ने करीब आठ माह पहले शासन को पत्र भेजकर मशीन की मांग किया था. अभी तक मशीन न मिलने पर किराए पर मशीन मंगाकर मरीजों से मोटी रकम वसूली जा रही है.

किराए के नाम पर शुल्क लिए जाने मामले में मुझे जानकारी नहीं है. आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत हुई है तो जांच आने पर संबंधित अस्पताल से जवाब मांगा जाएगा।.
-डी. एस. नेगी, स्वास्थ्य महानिदेशक

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