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बलरामपुर: केले की खेती से कैसे बने अदील करोड़पति

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के अदिल अहमद ने केले की किसानी की मिसाल कायम करते हुए केले के खेती से मुनाफा कमाने का तरीका भी बताया है. अदिल केले की खेती से बन बैठे है, करोड़ो के मालिक. जानिए अदिल के खेती करने का राज.

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Published : Jul 19, 2019, 5:43 AM IST

केले की खेती से बने,करोड़ो के मालिक

बलरामपुर: यूं तो लोग कहते हैं कि खेती किसानी अब मुनाफे का सौदा नहीं रहा. कोई लागत का हवाला देता है, तो कोई फसल की गिरती कीमतों का. वही बलरामपुर जिले के तकरीबन 35 वर्षीय किसान अदील अहमद उन किसानों के सामने एक ऐसा उदाहरण पेश कर रहे है, जिन्हें इस काम में असफलता मिलती नजर नहीं आती.

केले की खेती से बने,करोड़ो के मालिक

जानिए कैसे करते है अदील अहमद केले की किसानी

  • जिले सादुल्लाहनगर थाना के ग्रामसभा इटाई अब्दुल्लाह चपरतलवा के रहने वाले अदील अहमद केले की किसानी करते है.
  • अदील अहमद ने दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी.
  • अदील ने अपने किसान पिता रियाज अहमद की मदद करना शुरू कर दिया था.
  • पिता पहले बेहद छोटे पैमाने पर केले की खेती किया करते थे.
  • खेती-किसानी का जुनून अदिल पर ऐसा चढ़ा की वह बाराबंकी के पद्मश्री से सम्मानित किसान रामशरण वर्मा के घर चले गए.
  • कुछ दिन रामशरण वर्मा को पास रहकर किसानी सीखी.
  • वापस इटई लौटने पर अब्दुल्लाह ने खेतों को लीज पर लेकर काम शुरू किया.
  • आज तकरीबन 250 बीघे से ज़्यादा में अदिल खेती करते है.
  • खेती की कमाई से लाखों की मशीनें खरीदी है.

अदिल अहमद बताते है की उचाट वाली जमीन हो या दोयम बलुई मिट्टी हो, खेत को बराबर कर लिया जाए और मिट्टी की जांच करवा ली जाए और उसके हिसाब से पोषक तत्व को डाल दिया जाए, तो केले की खेती की जा सकती है. समय-समय पर देख रहे और नमी को बनाए रखना, केले की खेती की यूएसपी है. केले की फसल 12 से 14 महीने में तैयार हो जाती है और इसके बाद गेहूं की फसल लगाकर मुनाफा और बढ़ाया जा सकता है.

हमारे तैयार केले दिल्ली, चंडीगढ़, महाराष्ट्र के व्यापारी खरीदकर ले जाते है. फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे माध्यमों ने हमारे फसलों को बिकने का आसान जरिया दिया है. हम यहां पर फोटो इत्यादि डालकर खरीददार से बात कर लेते हैं और माल लदवाकर भेज दिया करते है. जो भी किसान केले की खेती शुरू करना चाहते है, वह कर सकते है. उन्हें इसमें इतना बढ़िया पैसा मिलेगा कि नौकरी फेल हो जाएगी. इससे बढियां कोई भी खेती नही है.
अदील अहमद, किसान

बलरामपुर: यूं तो लोग कहते हैं कि खेती किसानी अब मुनाफे का सौदा नहीं रहा. कोई लागत का हवाला देता है, तो कोई फसल की गिरती कीमतों का. वही बलरामपुर जिले के तकरीबन 35 वर्षीय किसान अदील अहमद उन किसानों के सामने एक ऐसा उदाहरण पेश कर रहे है, जिन्हें इस काम में असफलता मिलती नजर नहीं आती.

केले की खेती से बने,करोड़ो के मालिक

जानिए कैसे करते है अदील अहमद केले की किसानी

  • जिले सादुल्लाहनगर थाना के ग्रामसभा इटाई अब्दुल्लाह चपरतलवा के रहने वाले अदील अहमद केले की किसानी करते है.
  • अदील अहमद ने दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी.
  • अदील ने अपने किसान पिता रियाज अहमद की मदद करना शुरू कर दिया था.
  • पिता पहले बेहद छोटे पैमाने पर केले की खेती किया करते थे.
  • खेती-किसानी का जुनून अदिल पर ऐसा चढ़ा की वह बाराबंकी के पद्मश्री से सम्मानित किसान रामशरण वर्मा के घर चले गए.
  • कुछ दिन रामशरण वर्मा को पास रहकर किसानी सीखी.
  • वापस इटई लौटने पर अब्दुल्लाह ने खेतों को लीज पर लेकर काम शुरू किया.
  • आज तकरीबन 250 बीघे से ज़्यादा में अदिल खेती करते है.
  • खेती की कमाई से लाखों की मशीनें खरीदी है.

अदिल अहमद बताते है की उचाट वाली जमीन हो या दोयम बलुई मिट्टी हो, खेत को बराबर कर लिया जाए और मिट्टी की जांच करवा ली जाए और उसके हिसाब से पोषक तत्व को डाल दिया जाए, तो केले की खेती की जा सकती है. समय-समय पर देख रहे और नमी को बनाए रखना, केले की खेती की यूएसपी है. केले की फसल 12 से 14 महीने में तैयार हो जाती है और इसके बाद गेहूं की फसल लगाकर मुनाफा और बढ़ाया जा सकता है.

हमारे तैयार केले दिल्ली, चंडीगढ़, महाराष्ट्र के व्यापारी खरीदकर ले जाते है. फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे माध्यमों ने हमारे फसलों को बिकने का आसान जरिया दिया है. हम यहां पर फोटो इत्यादि डालकर खरीददार से बात कर लेते हैं और माल लदवाकर भेज दिया करते है. जो भी किसान केले की खेती शुरू करना चाहते है, वह कर सकते है. उन्हें इसमें इतना बढ़िया पैसा मिलेगा कि नौकरी फेल हो जाएगी. इससे बढियां कोई भी खेती नही है.
अदील अहमद, किसान

Intro:यूं तो लोग कहते हैं कि खेती किसानी अब मुनाफे का सौदा नहीं रहा। कोई लागत का हवाला देता है तो कोई फसल की गिरती कीमतों का। लेकिन बलरामपुर जिले सादुल्लाहनगर थाना के ग्रामसभा इटाई अब्दुल्लाह चपरतलवा के रहने वाले तकरीबन 35 वर्षीय किसान अदील अहमद एक मिसाल की तरह उन किसानों के सामने उदाहरण पेश कर रहे हैं, जिन्हें इस काम में असफलता मिलती नजर नहीं आती।
अदील अहमद को जब दसवीं के पढ़ाई के के दौरान सफलता नहीं मिल सकी। तो इन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और अपने किसान पिता रियाज अहमद की मदद करनी शुरू कर दी। इनके पिता उस समय बेहद छोटे पैमाने पर केले की खेती किया करते थे। अदील को खेती किसानी का जुनून ऐसा चढ़ा कि यह बाराबंकी के पद्मश्री से सम्मानित किसान रामशरण वर्मा के घर चले गए। कुछ दिनों तक यहां रहकर उनसे खेती-किसानी के गुर सीखे। फिर क्या था, वह एक नई उम्मीद और आशाओं की किरण साथ लिए जब अभी अपने घर वापस इटई अब्दुल्लाह पहुंचे तो उन्होंने खेतों खेतों को लीज पर लेकर काम शुरू किया। यह काम इतना आसान भी नहीं था लेकिन धीरे-धीरे करते हुए इन्हें सफलता मिलती गई। आज तकरीबन 250 बीघे से ज़्यादा में ये खेती करते हैं। इसी की कमाई से लाखों की मशीनें खरीदी हैं।
मोटर साइकिल और लग्जरी गाड़ियों के शौकीन अदील अहमद ने खेती किसानी के साथ साथ मछली पालन, कुटकुट उद्योग जैसे कामों से भी नाता जोड़ लिया है। अब वह इस खेती किसानी के काम को अपना मुख्य जीविका साधन बना चुके हैं। जिसके कारण वह और उनका परिवार दिन दूनी रात चौगुनी तरक़्क़ी कर रहा है।


Body:अदील अहमद ने ईटीवी से बात करते हुए कहा कि केले की खेती करना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है। उचाट वाली जमीन हो, दोयम बलुई मिट्टी हो, खेत को बराबर कर लिया जाए, मिट्टी की जांच करवा ली जाए और उसके हिसाब से पोषक तत्व को डाल दिया जाए। तो केले की खेती की जा सकती है। समय-समय पर देख रहे और नमी को बनाए रखना, केले की खेती की यूएसपी है। केले की फसल 12 से 14 महीने में तैयार हो जाती है और इसके बाद गेहूं की फसल लगाकर मुनाफा और बढ़ाया जा सकता है।
वह कहते हैं कि केले की खेती से हम लोग प्रति बीघा 80 से हजार रुपए मुनाफा कमा लेते हैं। डेढ़ साल की फसल के दौरान इतना पैसा कोई भी फसल नहीं देकर जाती।
वह कहते हैं कि केले की खेती के द्वारा हमने कई ऐसी मशीनें खरीदी है, जो पूरे जिले में कहीं नहीं उपलब्ध है। केले की खेती को आसान बनाया जा सके इसलिए हम लोग आधुनिक खेती की तरफ कदम बढ़ा चुके हैं इससे न केवल काम बेहद आसान हो जाता है। बल्कि समय और पैसे की काफी बचत होती है।


Conclusion:अदील अहमद कहते हैं कि हमारे तैयार केले दिल्ली, चंडीगढ़, महाराष्ट्र के व्यापारी खरीदकर ले जाते हैं। फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे माध्यमों ने हमारे फसलों को बिकने का आसान जरिया दिया है। हम यहां पर फोटो इत्यादि डालकर खरीददार से बात कर लेते हैं और माल लदवाकर भेज दिया करते हैं।
अपने साथी किसानों के लिए अदील कहते हैं कि जो भी किसान केले की खेती शुरू करना चाहते हैं। वह कर सकते है। उन्हें इसमें इतना बढ़िया पैसा मिलेगा कि नौकरी फेल हो जाएगी। इससे बढियां कोई भी खेती नहीं है।
कुल मिलाकर अदील अहमद ने बेहद संघर्ष के साथ इस मुकाम को हासिल किया है। इसके लिए उन्हें और उनके पिता रशीद खान को कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। अदील अहमद जैसे किसान उन सभी किसानों के लिए उदाहरण सरीखे हैं, जिन्हें खेती किसानी का काम अब मबोगस बकवास नजर आता है।
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