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बलरामपुर: बंद पड़े हैं हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, सीएचओ भी नदारद - hospital in balrampur

आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री जन आरोग्य कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर विकसित किया गया. यहां सीएचओ की तैनाती भी की गई, लेकिन सीएचओ यहां कई दिनों से आ नहीं रहे हैं. लोगों का कहना है कि पिछले 2 दिनों से यह हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर खुला तक नहीं है.

बलरामपुर में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर.
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Published : Jun 15, 2019, 2:34 PM IST

बलरामपुर: जिले में कुल 206 में से 60 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री जन आरोग्य कार्यक्रम के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर विकसित किया गया है. 60 में से 24 स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर सीएचओ यानी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की तैनाती भी कर दी गई है, लेकिन इन सभी 24 उपकेंद्रों पर सीएचओ आ नहीं रहे है. इस कारण ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पा रहा है.

जानकारी देते मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम सिंह.
  • इन स्वास्थ्य केंद्रों पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के जरिए गर्भावस्था, डायबिटीज व कैंसर जैसे रोगों की स्क्रीनिंग की जाती है.
  • इन स्वास्थ्य केंद्रों पर धीरे-धीरे सुविधाओं को विकसित करके डिलीवरी व प्राथमिक उपचार की पूरी सुविधा ग्रामीणों को मुहैया करवानी है.
  • केंद्र सरकार की मंशा के अनुसार एनएचएम के जरिए जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की तैनाती की गई है.
  • कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर को 20 हजार का वेतन दिया जा रहा है, जबकि अतिरिक्त 15 हजार इन्हें इनके परफॉर्मेंस के आधार पर दिया जाएगा.
  • ग्रामसभा शिवा नगर के रहने वाले राजन ने बताया कि इस हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर दो-तीन दिन में एएनएम आती हैं, लेकिन और कोई कर्मचारी यहां नहीं आता है.
  • राजन का कहना है कि पिछले 2 दिनों से यह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुला तक नहीं है.

जिन-जिन जगहों पर सीएचओ की तैनाती कर दी गई है. वहां पर उन्हें बैठना आवश्यक है. कुछ जगहों से शिकायतें आई थी कि सुविधाओं की कमी है. जैसे बिजली, पानी या टॉयलेट की सुविधाएं वहां पर नहीं है. इसके लिए संबंधित ठेकेदार को निर्देश दे दिया गया है कि इन सुविधाओं को जल्द से जल्द सही कर दिया जाए. इसके बाद भी यदि कोई नहीं बैठ रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
डॉ. घनश्याम सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

बलरामपुर: जिले में कुल 206 में से 60 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री जन आरोग्य कार्यक्रम के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर विकसित किया गया है. 60 में से 24 स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर सीएचओ यानी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की तैनाती भी कर दी गई है, लेकिन इन सभी 24 उपकेंद्रों पर सीएचओ आ नहीं रहे है. इस कारण ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पा रहा है.

जानकारी देते मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम सिंह.
  • इन स्वास्थ्य केंद्रों पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के जरिए गर्भावस्था, डायबिटीज व कैंसर जैसे रोगों की स्क्रीनिंग की जाती है.
  • इन स्वास्थ्य केंद्रों पर धीरे-धीरे सुविधाओं को विकसित करके डिलीवरी व प्राथमिक उपचार की पूरी सुविधा ग्रामीणों को मुहैया करवानी है.
  • केंद्र सरकार की मंशा के अनुसार एनएचएम के जरिए जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की तैनाती की गई है.
  • कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर को 20 हजार का वेतन दिया जा रहा है, जबकि अतिरिक्त 15 हजार इन्हें इनके परफॉर्मेंस के आधार पर दिया जाएगा.
  • ग्रामसभा शिवा नगर के रहने वाले राजन ने बताया कि इस हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर दो-तीन दिन में एएनएम आती हैं, लेकिन और कोई कर्मचारी यहां नहीं आता है.
  • राजन का कहना है कि पिछले 2 दिनों से यह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुला तक नहीं है.

जिन-जिन जगहों पर सीएचओ की तैनाती कर दी गई है. वहां पर उन्हें बैठना आवश्यक है. कुछ जगहों से शिकायतें आई थी कि सुविधाओं की कमी है. जैसे बिजली, पानी या टॉयलेट की सुविधाएं वहां पर नहीं है. इसके लिए संबंधित ठेकेदार को निर्देश दे दिया गया है कि इन सुविधाओं को जल्द से जल्द सही कर दिया जाए. इसके बाद भी यदि कोई नहीं बैठ रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
डॉ. घनश्याम सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

Intro:बलरामपुर जिले में कुल 206 में से 60 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय व केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले आयुष्मान भारत योजना व प्रधानमंत्री जन आरोग्य कार्यक्रम के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर विकसित किया गया है।


Body:60 में से 24 स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर सीएचओ यानी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की तैनाती भी कर दी गयी है। लेकिन इन सभी 24 उपकेंद्रों पर या तो सीएचओ बैठ ही नहीं रहे या बैठ भी रहे हैं। तो उनका फायदा ग्रामीण लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
असल में उप केंद्रों से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में परिवर्तित हुई। इन स्वास्थ्य केंद्रों पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर के जरिए गर्भावस्था, डायबिटीज व कैंसर जैसे रोगों की न केवल स्क्रीनिंग की जानी है। बल्कि यहां पर धीरे-धीरे सुविधाओं को विकसित करके डिलीवरी व प्राथमिक उपचार की पूरी सुविधा ग्रामीणों को मुहैया करवानी है। इसी के तहत केंद्र सरकार की मंशा के अनुसार एनएचएम के जरिए जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर की तैनाती की गई है। इन्हें अभी ₹20000 का वेतन दिया जा रहा है। जबकि अतिरिक्त ₹15000 इन्हें इनके परफॉर्मेंस के लिहाज से दिया जाएगा।
ग्रामसभा शिवा नगर के रहने वाले राजन ने हमसे बात करते हुए कहा कि इस हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर दो-तीन दिन में एनम आती है। लेकिन और कोई कर्मचारी यहां पर बैठता तक नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 2 दिनों से यह हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर खुला तक नहीं है।


Conclusion:जब इस मामले पर हमने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ घनश्याम सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि जिन-जिन जगहों पर सीएचओ की तैनाती कर दी गई है। वहां पर उन्हें बैठना आवश्यक है। कुछ जगहों से शिकायतें आई थी कि सुविधाओं की कमी है। जैसे बिजली, पानी या टॉयलेट की सुविधाएं वहां पर नहीं है। इसके लिए संबंधित ठेकेदार को निर्देश दे दिया गया है कि इन सुविधाओं को जल्द जल्द सही कर दिया जाए। इसके बाद भी यदि कोई नहीं बैठ रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सीएचओ को ₹15000 अतिरिक्त उनके परफॉर्मेंस के लिहाज से मिलना है। जिसमें से पिछले 2 महीने से किसी को भी ₹15000 अतिरिक्त नहीं दिया गया है।

हम आपको बताते चलें कि 5000 की आबादी पर शासन की मंशा है कि एक हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बनाया जाए। जिसके जरिए ग्रामीणों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उन्हीं के ग्रामसभा में उपलब्ध करवा दी जाए। लेकिन कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स का अपने उपकेंद्र पर ना बैठना न केवल लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। बल्कि इसके द्वारा जिला मेमोरियल चिकित्सालय, जिला संयुक्त चिकित्सालय व जिला महिला चिकित्सालय पर रोगियों का दबाव बढ़ रहा है।
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