बलरामपुर: जिले में कुल नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 205 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं. इसके अलावा जिला मेमोरियल चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय और संयुक्त जिला चिकित्सालय भी हैं. यहां करोड़ों की दवाइयां लोकल परचेज और सरकारी लैबोरेटरी से मरीजों के लिए लाई जाती हैं. वहीं जिले के दूरदराज के इलाकों में स्थित अस्पताल इस तरह के भी हैं, जहां पर ये दवाइयां पड़ी-पड़ी खराब हो जाती हैं, लेकिन मरीजों को नहीं दी जाती हैं.
रखे-रखे PHC में दवाइयां हो रही खराब
- नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कई कमरों में दवाइयां भरी पड़ी रहती हैं, जो कि एक्सपायर होने के कागार पर हैं.
- कुछ तो ऐसी हैं जो छह महीने पहले ही एक्सपायर हो चुकी हैं.
- कर्मचारियों ने न तो उन दवाइयों को वितरित करने की जहमत उठाई और न संबंधित को वापस किया.
- पेट दर्द में प्रयोग होने वाला एक इंजेक्शन दवा वितरण के काउंटर पर मिला.
- यह इंजेक्शन दो महीने पहले ही एक्सपायर हो चुका था.
ग्रामिणों से वसूले जाते हैं पैसे
- इसी तरह की सैकड़ों की संख्या में दवाइयां दिखाई दी, जो कि एक्सपायर हो चुकी थी.
- गांव वालों ने बताया कि अस्पताल में अच्छी दवाइयों को डंप करके रखा जाता है.
- अच्छी दवाइयों को देने के लिए यहां के कर्मचारी पैसों की मांग करते हैं, जिससे कि दवाइयां बंट नहीं पाती हैं.
- वहीं ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि काफी समय से इस अस्पताल में अच्छी दवाइयों को लेने के बाद पैसे लिए जाते हैं.
मुझे लोगों से यह जानकारी मिल रही है कि दवा बिना यूटिलाइज किए ही खराब हो जा रही हैं. संबंधित चिकित्सालय में मैं जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करूंगा. यह बहुत बुरी बात है कि जिन मरीजों को अच्छी दवाइयां बंट जानी चाहिए थी, वह बांटी नहीं गई हैं. आजकल तो हर अस्पताल में ठीक-ठाक ओपीडी हर रोज होती है.
-डॉ. घनश्याम सिंह, जिला चिकित्सा अधिकारी