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बलरामपुर: दिमागी बुखार के खिलाफ जंग, रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान की शुरूआत - बलरामपुर की खबरें

दिमागी बुखार से जंग जीतने के लिए संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान की शुरूआत की गई है. जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान 31 जुलाई तक और दस्तक अभियान 15 जुलाई तक चलाया जाएगा.

रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान की शुरूआत
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Published : Jul 2, 2019, 12:47 PM IST

बलरामपुर: दिमागी बुखार जैसी खतरनाक बीमारी से जंग जीतने के लिए जिले में संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान की शुरूआत की गई है. इसकी शुरुआत सदर विधायक पल्टूराम और गैसड़ी विधायक शैलेश प्रताप सिंह ने फीता काटकर की.

रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान की शुरूआत

संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान की शुरूआत

  • दिमागी बुखार से जंग जीतने के लिए संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान की शुरूआत की गई है.
  • जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान 31 जुलाई तक चलेगा.
  • तो वहीं दस्तक अभियान 15 जुलाई तक चलाया जाएगा.
  • लेकिन जिले में आशा कार्यकर्ताओं की कमी के कारण सदर में भी ये दस्तक अभियान 31 जुलाई तक चलेगा.
  • इन अभियानों की शुरुआत विधायक पल्टूराम और विधायक शैलेश प्रताप सिंह ने फीता काटकर की.

बलरामपुर: दिमागी बुखार जैसी खतरनाक बीमारी से जंग जीतने के लिए जिले में संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान की शुरूआत की गई है. इसकी शुरुआत सदर विधायक पल्टूराम और गैसड़ी विधायक शैलेश प्रताप सिंह ने फीता काटकर की.

रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान की शुरूआत

संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान की शुरूआत

  • दिमागी बुखार से जंग जीतने के लिए संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान की शुरूआत की गई है.
  • जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान 31 जुलाई तक चलेगा.
  • तो वहीं दस्तक अभियान 15 जुलाई तक चलाया जाएगा.
  • लेकिन जिले में आशा कार्यकर्ताओं की कमी के कारण सदर में भी ये दस्तक अभियान 31 जुलाई तक चलेगा.
  • इन अभियानों की शुरुआत विधायक पल्टूराम और विधायक शैलेश प्रताप सिंह ने फीता काटकर की.
Intro:जेई-ईएएस यानी दिमागी बुखार जैसी खतरनाक बीमारी से जंग जीतने के लिए जिले में संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान की शुरूआत की गई है। इसकी शुरुआत सदर विधायक पल्टूराम व गैसड़ी विधायक शैलेश प्रताप सिंह शैलू ने फीता काटकर की। जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान 31 जुलाई तक चलेगा तथा दस्तक अभियान 15 जुलाई तक चलेगा लेकिन जिले में आशा कार्यकत्रीयों की कमी के कारण सदर में भी ये अभियान भी 31 जुलाई तक चलेगा।Body:कैसे हो जेई-एईएस की पहचान -
तेज बुखार आना, लगातार बुखार बने रहना, शरीर में सुस्ती बने रहना, दांत पर दांत बैठना, शरीर में झटके आना, पूरे शरीर या फिर किसी अंग में ऐठन होना, बोल न पाना और चिकोटी काटने पर भी असर ना होना इस बीमारी के लक्षण हैं।
असल में, पूर्वांचल के 18 जिलों में दिमाग बुखार का प्रकोप है। पहले लोग मानकर चलते थे कि इस बीमारी से उन्हे निजाद नहीं मिलेगी। इस तरह के अभियानों के जरिए प्रदेश सरकार ने स्थिति बदल दी है।Conclusion:इस मौके पर गैंसड़ी विधायक शैलेश प्रताप सिंह 'शैलू' ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पर समाज की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जितनी जिम्मेदारी परिवार के मुखिया की होती है, उतनी ही लोगों के प्रति स्वास्थ्य विभाग की भी है।
ईटीवी से बात करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. घनश्याम सिंह ने इस अभियान में लगे सभी 12 विभागों से सहयोगी की अपील की। उन्होंने कहा कि विभागों के सहयोग से ही जेई-एईएस बीमारी के वायरस को बढ़ने से रोका जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के जरिए घर-घर पर हमारी आशा बहुएं और आंगनबाड़ी की कार्यकत्रियां दस्तक देंगी। इस दौरान यह देखने की कोशिश की जाएगी कि घर और मुहल्ले में साफ़ की क्या व्यवस्था है। जिस घर में ये लोग दस्तक दे रहे हैं उनके यहां अगर कोई बीमार है या उसको बुखार है तो उसको कैसे और कहां इलाज करवाना चाहिए।
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