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राजनीति के गुरु को पटखनी दे सकता है चेला, गैंसड़ी विधानसभा में पलट सकते हैं धुरंधरों के समीकरण - बलरामपुर

यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 का आगाज हो चुका है. बलरामपुर की गैसड़ी विधानसभा सीट सबसे ज़्यादा चर्चित मानी जा रही है. इस विधानसभा सीट पर सपा के संस्थापक सदस्य और सपा सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे डॉ शिव प्रताप यादव का दबदबा माना जाता रहा है, लेकिन अब समाजसेवी के तौर पर खुद को जनता के बीच स्थापित करने वाले डॉ. अनुराग यादव, उन्हें 2022 में टिकट के लिए चुनौती देते नजर आ रहे हैं.

राजनीति के गुरु को पटखनी दे सकता है चेला
राजनीति के गुरु को पटखनी दे सकता है चेला
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Published : Nov 11, 2021, 9:16 AM IST

बलरामपुर: जिले में कुल 4 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन गैसड़ी विधानसभा सीट सबसे ज्यादा चर्चित मानी जा रही है. इस विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और सपा सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे. डॉ. शिव प्रताप यादव का दबदबा माना जाता रहा है, लेकिन अब समाजसेवी के तौर पर खुद को जनता के बीच स्थापित करने वाले और 2017 के विधानसभा चुनावों में निर्दल अभ्यर्थी रहे. डॉ. अनुराग यादव, उन्हें 2022 में टिकट के लिए चुनौती देते नजर आ रहे हैं.

गैसड़ी विधानसभा सीट पर साल 1993, 2002, 2012 समाजवादी पार्टी के टिकट पर डॉ. एसपी यादव ने चुनाव जीता और समाजवादी सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे. साल 2015 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान अनुराग यादव का नाम राजनीति के गलियारों में चर्चा में आया. उन्होंने अपने परिवार के तीन सदस्यों को तीन जिला पंचायत सीटों पर मैदान में उतारा था. इन्हीं सीटों पर पूर्व मंत्री डॉ. एसपी यादव के परिवार के सदस्य भी चुनाव लड़ रहे थे. इस पंचायत चुनाव के दौरान जमकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ दर्जनों मुकदमे लिखे गए.

डॉ शिव प्रताप यादव
डॉ. शिव प्रताप यादव

साल 2017 का विधानसभा चुनाव आया तो अनुराग यादव ने 'दल नहीं ये दलदल है, सबसे अच्छा निर्दल है' का नारा बुलंद किया था और गैसड़ी विधानसभा सीट से दावेदारी ठोक दी थी. समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता माने जाने वाले डॉ. एसपी यादव को कड़ी चुनौती दी. इस चुनाव ने अनुराग यादव की राजनीतिक दिशा और दशा को तय किया. इस विधानसभा सीट की जनता ने 27,000 से अधिक मत दिए. इसका खामियाजा डॉ. एसपी यादव को चुनाव हारकर चुकाना पड़ा. भारतीय जनता पार्टी के शैलेश कुमार सिंह शैलू से महज 9 हजार वोटों से हार गए और तीसरे नम्बर पर रहे.

अब एक बार फिर से गैसड़ी विधानसभा सीट चर्चा में है, जिसका कारण डॉ. अनुराग यादव हैं. निर्दल चुनाव लड़कर 27,000 वोट पाने वाले अनुराग यादव ने अब सपा का दामन थाम लिया है और गैंसड़ी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. इससे पहले वह भाजपा में कुछ समय के लिए रह चुके हैं, लेकिन जब वहां उन्हें उनकी दाल गलती नहीं नजर आई तो फिर से साइकिल से सवार हो गए हैं.

डॉ. अनुराग यादव
डॉ. अनुराग यादव

यह भी पढ़ें: सीएम योगी ने श्रीकृष्ण मंदिर में किया दर्शन, बोले- ब्रज क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर प्रयास जारी

डॉ. एसपी यादव, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के पुराने सिपाही बताए जाते हैं. उन्होंने मुलायम सिंह यादव के साथ 90 के दशक में जिले और मंडल में समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए जमकर साइकिल चलाई थी, जिसका परिणाम साल 1993 में जिले की जनता ने गैसड़ी विधानसभा सीट से उनको विधायक चुनकर विधानसभा भेजा था. डॉ. एसपी यादव ने साल 1993 में जब जीत के बाद मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी.

अब आने वाले विधानसभा चुनाव में देखना होगा कि राजनीति में महज कुछ साल पहले ही आने वाले डॉ. अनुराग यादव को टिकट मिलता है या राजनीति के धुरंधर गुरु माने जाने वाले डॉ. एसपी यादव फिर से सपा के टिकट में चुनावी जंग को लड़ने के लिए मैदान में आते हैं. हो कुछ भी लेकिन क्षेत्र में इस बार भाजपा का पड़ला कमजोर होता नजर आ रहा है. वहीं, जनता के बीच असंतोष की भावना के कारण मुख्य विपक्षी दल को फायदा मिल सकता है.

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बलरामपुर: जिले में कुल 4 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन गैसड़ी विधानसभा सीट सबसे ज्यादा चर्चित मानी जा रही है. इस विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और सपा सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे. डॉ. शिव प्रताप यादव का दबदबा माना जाता रहा है, लेकिन अब समाजसेवी के तौर पर खुद को जनता के बीच स्थापित करने वाले और 2017 के विधानसभा चुनावों में निर्दल अभ्यर्थी रहे. डॉ. अनुराग यादव, उन्हें 2022 में टिकट के लिए चुनौती देते नजर आ रहे हैं.

गैसड़ी विधानसभा सीट पर साल 1993, 2002, 2012 समाजवादी पार्टी के टिकट पर डॉ. एसपी यादव ने चुनाव जीता और समाजवादी सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे. साल 2015 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान अनुराग यादव का नाम राजनीति के गलियारों में चर्चा में आया. उन्होंने अपने परिवार के तीन सदस्यों को तीन जिला पंचायत सीटों पर मैदान में उतारा था. इन्हीं सीटों पर पूर्व मंत्री डॉ. एसपी यादव के परिवार के सदस्य भी चुनाव लड़ रहे थे. इस पंचायत चुनाव के दौरान जमकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ दर्जनों मुकदमे लिखे गए.

डॉ शिव प्रताप यादव
डॉ. शिव प्रताप यादव

साल 2017 का विधानसभा चुनाव आया तो अनुराग यादव ने 'दल नहीं ये दलदल है, सबसे अच्छा निर्दल है' का नारा बुलंद किया था और गैसड़ी विधानसभा सीट से दावेदारी ठोक दी थी. समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता माने जाने वाले डॉ. एसपी यादव को कड़ी चुनौती दी. इस चुनाव ने अनुराग यादव की राजनीतिक दिशा और दशा को तय किया. इस विधानसभा सीट की जनता ने 27,000 से अधिक मत दिए. इसका खामियाजा डॉ. एसपी यादव को चुनाव हारकर चुकाना पड़ा. भारतीय जनता पार्टी के शैलेश कुमार सिंह शैलू से महज 9 हजार वोटों से हार गए और तीसरे नम्बर पर रहे.

अब एक बार फिर से गैसड़ी विधानसभा सीट चर्चा में है, जिसका कारण डॉ. अनुराग यादव हैं. निर्दल चुनाव लड़कर 27,000 वोट पाने वाले अनुराग यादव ने अब सपा का दामन थाम लिया है और गैंसड़ी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. इससे पहले वह भाजपा में कुछ समय के लिए रह चुके हैं, लेकिन जब वहां उन्हें उनकी दाल गलती नहीं नजर आई तो फिर से साइकिल से सवार हो गए हैं.

डॉ. अनुराग यादव
डॉ. अनुराग यादव

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डॉ. एसपी यादव, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के पुराने सिपाही बताए जाते हैं. उन्होंने मुलायम सिंह यादव के साथ 90 के दशक में जिले और मंडल में समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए जमकर साइकिल चलाई थी, जिसका परिणाम साल 1993 में जिले की जनता ने गैसड़ी विधानसभा सीट से उनको विधायक चुनकर विधानसभा भेजा था. डॉ. एसपी यादव ने साल 1993 में जब जीत के बाद मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी.

अब आने वाले विधानसभा चुनाव में देखना होगा कि राजनीति में महज कुछ साल पहले ही आने वाले डॉ. अनुराग यादव को टिकट मिलता है या राजनीति के धुरंधर गुरु माने जाने वाले डॉ. एसपी यादव फिर से सपा के टिकट में चुनावी जंग को लड़ने के लिए मैदान में आते हैं. हो कुछ भी लेकिन क्षेत्र में इस बार भाजपा का पड़ला कमजोर होता नजर आ रहा है. वहीं, जनता के बीच असंतोष की भावना के कारण मुख्य विपक्षी दल को फायदा मिल सकता है.

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