बलरामपुर: तकरीबन 25 दिनों से जिले के तुलसीपुर तहसील में काम करने वाले अधिवक्ता अघोषित हड़ताल पर हैं. यहां पर न तो न्यायालय चल रहा है और न ही कोई अन्य सरकारी काम हो पा रहा है. एसडीएम तुलसीपुर ने आठ नामजद एक अनाम अधिवक्ता के खिलाफ एफआईआरदर्ज करवाया है. वहीं अधिवक्ताओं ने भी एसडीएम तुलसीपुर के खिलाफ तहरीर दी है.
तुलसीपुर के अधिवक्ताओं को जिला बार एसोसिएशन का समर्थन प्राप्त है और पूरे जिले के अधिवक्ता कलम बंद हड़ताल पर हैं. न केवल सरकारी कामकाज में बाधा पहुंच रही है बल्कि अपने मुकदमों को लेकर आने वाले फरियादी भी वापस लौट रहे हैं. इसके अतिरिक्त तुलसीपुर तहसील परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. जो सुबह से शाम तक कानून-व्यवस्था संभालने के लिए जुटी रहती है.
अधिवक्ता कलमबंद हड़ताल पर
तुलसीपुर के उप जिलाधिकारी विनोद कुमार सिंह के खिलाफ यहां के अधिवक्ता आंदोलनरत है. उनके व्यवहार में तमाम तरह की कमियों का होना. इसके साथ ही वह तो समय से कोर्ट में बैठते हैं और न ही फरियादियों की बात सुनते हैं. कहासुनी में जब यह बात आगे बढ़ गई तो बीते 2 नवंबर से ही तुलसीपुर के अधिवक्ता संघ 5 लोगों के साथ धरने पर बैठ गये. यह धरना 25 नवंबर तक चलता रहा.
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इसके बाद से पूरे जिले में जब इस मामले की चर्चा होने लगी तब एसडीएम ने कार्रवाई तेज कर दी. कार्रवाई होने के बाद अधिवक्ताओं ने कलम बंद हड़ताल कर दिया. अधिवक्ताओं पर एसडीएम ने मुकदमा दर्ज करवा दिया. इस बात से आहत तुलसीपुर के वकीलों के साथ-साथ पूरे जिले के अधिवक्ता कलमबंद हड़ताल पर चले गए. बीते दो दिनों से आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है, लेकिन कोई भी अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
कलम बंद हड़ताल पर बोले बार एसोसिएशन के अध्यक्ष
कलम बंद हड़ताल का कारण बताते हुए तुलसीपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सरदार बहादुर सिंह बताते हैं कि हम सभी 2 नवंबर से एसडीएम के ट्रांसफर को लेकर अघोषित हड़ताल पर थे. हम लोगों का शांतिपूर्ण अनशन जारी था. लेकिन 25 नवम्बर को एसडीएम तुलसीपुर ने नौ अधिवक्ताओं के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करवा दिया. लिखे गए तहरीर तहरीर में आरोप लगाया गया है कि अधिवक्ताओं ने हड़ताल के दौरान सोमवार को तहसील के कई विभागों में डर दिखाकर ताला लगवा दिया.
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सरदार बहादुर सिंह ने कहा कि एसडीएम की कार्यशैली ठीक नहीं है. इसलिए हम लोग उनके ट्रांसफर की मांग कर रहे हैं. पहले यह आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था, लेकिन अब प्रशासन जोर-जबर्दस्ती पर उतर आया है. वहीं आज हमारे एक अधिवक्ता साथी के एसडीएम विनोद कुमार सिंह ने बदसुलूकी की. उसे जातिसूचक गालियां देते हुए हाथ पैर तोड़वा डालने की बात कही. जिस की तहरीर हम लोगों ने भी थाना तुलसीपुर में दी है, लेकिन हमारा मुकदमा अभी तक पंजीकृत नहीं किया गया है.