बलरामपुर: कोरोना के खिलाफ चल रही जंग के बीच हर तरफ परेशानी की स्थिति बनी हुई है, जिससे लोगों को गुजरना पड़ रहा है. इन्हीं विषम परिस्थितियों के बीच ही तो असल में धैर्य, संयम और मानवता की परीक्षा होती है. इसी के बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम सिंह ने लोगों से कहा कि अफवाह से नहीं बल्कि एक-दूसरे की मदद से कोरोना दूर होगा.
भेदभाव को रोकने के लिए क्या करें
- आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों की सराहना और सहयोग करें.
- सोशल मीडिया पर सरकारी स्रोतों, स्वास्थ्य मंत्रालय या डब्ल्यूएचओ की प्रामाणिक जानकारी ही साझा करें.
- किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले विश्वसनीय स्रोतों से क्रॉस चेक कर लें.
- कोरोना वायरस को मात देने वालों की सकारात्मक कहानियां साझा करें.
सोशल मीडिया पर न साझा करे गलत चीजें
- संक्रमित और क्वारंटाइन में रहने वाले लोगों का नाम या पहचान को सोशल मीडिया पर साझा न करें.
- दहशत फैलाने से बचें, किसी समुदाय या क्षेत्र को कोविड-19 के प्रसार का कारण न बताएं.
- हेल्थ केयर, सफाईकर्मी और पुलिस को निशाना न बनाएं.
- मरीज को कोविड पीड़ित कहने के बजाय कोरोना के विजेता के रूप में संबोधित करें.
इस बारे में सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बराबर हिदायत भी दी जा रही हैं. कहा जा रहा है कि इस मुश्किल वक्त में मदद का हाथ बढ़ाने वालों को निशाना न बनाकर, उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित करें. ऐसे लोगों को निशाना बनाने से हमारी लड़ाई कमजोर पड़ सकती है. किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं न ही फैलने दें. खुद सुरक्षित रहें और आस-पास के लोगों को भी सुरक्षित रखें. कोरोना पर जीत पाने वालों के प्रति किसी भी तरह का भेदभाव और बहिष्कार न करें, क्योंकि इससे कोई भी संक्रमित हो सकता है और ठीक भी हो सकता है.
डॉ. घनश्याम सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी