बलरामपुर : जिले की 85 किलोमीटर सीमा नेपाल से सटी हुई है. सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी ) की दो बटालियन तैनाती की गई है. इनमें सशस्त्र सीमा बल की 9वीं वाहिनी और 50वीं वाहिनी शामिल हैं. एसएसबी सीमावर्ती क्षेत्र के पिछड़े गांव के शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक उन्मूलन के लिए लगातार कार्यक्रम चलाती रहती है.
सामाजिक चेतना अभियान के जरिए क्षेत्र के युवाओं को रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में आगे आने के लिए भी एसएसबी लगातार अभियान चलाती है. इस क्षेत्र में दैवीय आपदा के समय भी एसएसबी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. आम जनता के बीच जनहित के कामों और नेपाल से भारत में हो रही घुसपैठ, तस्करी, वन तथा खनिज संपदा के दोहन को रोकने के लिए भी सशस्त्र सीमा बल सहायक सिद्ध हो रही है.
बांटी गईं कोरोना बचाव किट
कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में भी सशस्त्र सीमा बल ने गरीबों के बीच खाद्य सामग्री का वितरण किया था. कोरोना महामारी से बचाव के लिए सशस्त्र सीमा बल 9वीं वाहिनी के सेनानायक उपेंद्र रावत की अगुवाई में सीमावर्ती गांव जरावा में सामाजिक जन कल्याण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में कोरोना से बचाव के लिए फेस मास्क, हैंड सेनिटाइजर, हाइपोक्लोराइड, सेनिटाइजर स्प्रे मशीन, इंफ्रारेड थर्मामीटर और फिंगर टिप पल्स ऑक्सीमीटर का वितरण किया गया.
ये बोले जिम्मेदार
सशस्त्र सीमा बल 9वीं वाहिनी के सेनानायक उपेंद्र रावत ने बताया कि सामाजिक जन कल्याण कार्यक्रम का आयोजन सीमावर्ती गांव जरावा में किया गया. इस दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखी गई. कार्यक्रम में सीमावर्ती गांव मोहकमपुर, नसीमडीह और रनियापुर के ग्रामीणों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए जागरूक किया गया. इसके साथ ही हैंड सेनिटाइजर, फेस मास्क, हाइपोक्लोराइड, सेनिटाइजर स्प्रे मशीन, इन्फ्रारेड थर्मामीटर और फिंगर टिप पल्स ऑक्सीमीटर का वितरण किया गया. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक करते हुए सामग्री का प्रयोग करने के तरीके भी बताए गए. कार्यक्रम के दौरान मानव चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया. इसमें 110 ग्रामीणों का निःशुल्क इलाज करके दवाइयां वितरित की गईं.