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716 विद्यालयों के 1432 शिक्षक-शिक्षिकाएं बनेंगी हेल्थ एंड वेलनेस एम्बेसडर

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Published : Feb 9, 2021, 8:54 AM IST

जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत बच्चों को सेहतमंद रखने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इसके लिए जिले में स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम चलाया जाएगा. यहां के 1432 शिक्षकों को हेल्थ एंड वेलनेस अंबेसडर बनाया गया है.

बच्चों को सेहतमंद रखने की तैयारियां शुरू.
बच्चों को सेहतमंद रखने की तैयारियां शुरू.

बलरामपुर : आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले के 716 विद्यालयों में स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम चलाया जाएगा. इसके जरिये छात्र-छात्राओं को अनोखे तरीके से स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा. इसके लिए चिकित्सकों और अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल और एसीएमओ डॉ. बी.पी. सिंह ने सोमवार को बताया कि स्वास्थ्य और बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से जिले में स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम चलाया जाएगा. इसके लिए बीते 14 दिसंबर से 18 दिसंबर तक हर ब्लॉक से एक चिकित्सक और एक खंड शिक्षा अधिकारी को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है. प्रशिक्षण के बाद अध्यापकों में किशोर-किशोरी की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान की समझ बढ़ी है. उन्होंने कहा कि 1432 शिक्षकों के प्रशिक्षण के बाद यह योजना नए शिक्षा सत्र से स्कूलों में लागू कर दी जाएगी. यह कार्यक्रम बच्चों और युवाओं के लिए वरदान साबित होगा.

शिक्षक बनेंगे हेल्थ एंड वेलनेस एम्बेसडर
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के सलाहकार अमरेन्द्र मिश्रा ने बताया कि कार्यक्रम के लिए जिले के 716 सरकारी जूनियर हाईस्कूल और राजकीय इंटर कॉलेज का चयन किया गया है. प्रत्येक विद्यालय से एक शिक्षक और एक शिक्षिका को प्रशिक्षित कर हेल्थ एंड वेलनेस एम्बेसडर बनाया जाएगा. यही दोनों शिक्षक ब्लॉक स्तरीय चिकित्सक की मदद से सप्ताह में कम से कम एक घण्टे तक हेल्थ एंड वेलनेस दिवस आयोजित करेंगे. इसमें बच्चों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति रोचक कहानी और खास गतिविधियों के जरिए जागरूक करेंगे. हेल्थ एंड वैलनेस एंबेसडर का प्रशिक्षण प्राप्त इन शिक्षकों का उत्तरदायित्व होगा कि वे छात्रों के अंदर भावनात्मक कल्याण तथा मानसिक स्वास्थ्य, पारस्परिक संबंध, मूल्य और जिम्मेदार नागरिकता, जेंडर समानता, पोषण स्वास्थ्य और स्वच्छता, मादक पदार्थों के दुरुपयोग और रोकथाम, स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना, प्रजनन स्वास्थ्य और एचआईवी की रोकथाम, इंटरनेट और सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग, आदि विषयों के बारे में छात्रों को अवगत कराएंगे तथा किशोर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जानकारी भी उन्हे दी जाएगी. इस कार्यक्रम की शत प्रतिशत सफलता के लिए हर कक्षा से दो छात्रों का चयन किया जाएगा. जो हेल्थ एंड वेलनेस संदेश वाहक के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे.

ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या में आएगी कमी

स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम का ऑनलाइन प्रशिक्षण दे चुकी पांच सदस्यीय टीम में शामिल राज्य सन्दर्भदाता सदस्य प्रतिमा सिंह, नवीन कुमार सिंह, आलोक शर्मा, महमूदुल हक और डीएचईओ अरविंद मिश्रा ने बताया कि स्वास्थ्य दूतों के माध्यम से अभिभावकों और बच्चों को सजग करने की ये एक बहुत अच्छी योजना है. इस कार्यक्रम से स्कूलों में ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या में कमी आएगी.

बलरामपुर : आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले के 716 विद्यालयों में स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम चलाया जाएगा. इसके जरिये छात्र-छात्राओं को अनोखे तरीके से स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा. इसके लिए चिकित्सकों और अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल और एसीएमओ डॉ. बी.पी. सिंह ने सोमवार को बताया कि स्वास्थ्य और बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से जिले में स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम चलाया जाएगा. इसके लिए बीते 14 दिसंबर से 18 दिसंबर तक हर ब्लॉक से एक चिकित्सक और एक खंड शिक्षा अधिकारी को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है. प्रशिक्षण के बाद अध्यापकों में किशोर-किशोरी की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान की समझ बढ़ी है. उन्होंने कहा कि 1432 शिक्षकों के प्रशिक्षण के बाद यह योजना नए शिक्षा सत्र से स्कूलों में लागू कर दी जाएगी. यह कार्यक्रम बच्चों और युवाओं के लिए वरदान साबित होगा.

शिक्षक बनेंगे हेल्थ एंड वेलनेस एम्बेसडर
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के सलाहकार अमरेन्द्र मिश्रा ने बताया कि कार्यक्रम के लिए जिले के 716 सरकारी जूनियर हाईस्कूल और राजकीय इंटर कॉलेज का चयन किया गया है. प्रत्येक विद्यालय से एक शिक्षक और एक शिक्षिका को प्रशिक्षित कर हेल्थ एंड वेलनेस एम्बेसडर बनाया जाएगा. यही दोनों शिक्षक ब्लॉक स्तरीय चिकित्सक की मदद से सप्ताह में कम से कम एक घण्टे तक हेल्थ एंड वेलनेस दिवस आयोजित करेंगे. इसमें बच्चों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति रोचक कहानी और खास गतिविधियों के जरिए जागरूक करेंगे. हेल्थ एंड वैलनेस एंबेसडर का प्रशिक्षण प्राप्त इन शिक्षकों का उत्तरदायित्व होगा कि वे छात्रों के अंदर भावनात्मक कल्याण तथा मानसिक स्वास्थ्य, पारस्परिक संबंध, मूल्य और जिम्मेदार नागरिकता, जेंडर समानता, पोषण स्वास्थ्य और स्वच्छता, मादक पदार्थों के दुरुपयोग और रोकथाम, स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना, प्रजनन स्वास्थ्य और एचआईवी की रोकथाम, इंटरनेट और सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग, आदि विषयों के बारे में छात्रों को अवगत कराएंगे तथा किशोर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जानकारी भी उन्हे दी जाएगी. इस कार्यक्रम की शत प्रतिशत सफलता के लिए हर कक्षा से दो छात्रों का चयन किया जाएगा. जो हेल्थ एंड वेलनेस संदेश वाहक के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे.

ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या में आएगी कमी

स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम का ऑनलाइन प्रशिक्षण दे चुकी पांच सदस्यीय टीम में शामिल राज्य सन्दर्भदाता सदस्य प्रतिमा सिंह, नवीन कुमार सिंह, आलोक शर्मा, महमूदुल हक और डीएचईओ अरविंद मिश्रा ने बताया कि स्वास्थ्य दूतों के माध्यम से अभिभावकों और बच्चों को सजग करने की ये एक बहुत अच्छी योजना है. इस कार्यक्रम से स्कूलों में ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या में कमी आएगी.

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