बलिया: यूपी बोर्ड परीक्षा में लापरवाही बरतने के मामले में डीआईओएस रमेश सिंह ने मंगलवार को केंद्र व्यवस्थापक उमेश पांडे को निलंबित कर दिया. वहीं, वाह्य केंद्र व्यवस्थापक पूजा मौर्या और स्टेटिक मजिस्ट्रेट अंगद सिंह कुशवाहा की निलंबन की संस्तुति की है. मंगलवार सुबह नगरा के जनता इंटर कॉलेज में दूसरे परीक्षार्थी के नाम पर परीक्षा दे रहे 11 मुन्नाभाई एसडीएम और सीओ की चेकिंग में पकड़े गए थे. इसकी जानकारी इन अधिकारियों ने नहीं दी. इस कारण यह कदम उठाया गया.
दरअसल, पिछले साल यूपी बोर्ड परीक्षा पेपर ही लीक हो गया था. पेपर लीक के आरोप में तीन पत्रकार के साथ कई विद्यालय प्रबंधक और प्रधानाचार्य को जेल जाना पड़ा था. इसको ध्यान में रखते हुए यूपी बोर्ड परीक्षा की व्यवस्था को पूरी चाक-चौबंद करने के लिए जिला स्तर के अधिकारी पिछले कुछ महीने से लगे हुए थे. दर्जनों सचल दस्ता की टीम, स्टेटिक मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट परीक्षा को सुचिता के साथ कराने में लगे हुए थे. इसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक के ऑफिस में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया था, जिससे पूरे जिले में परीक्षा संबंधित जानकारियां मिलती रहेंगी.
चौंकाने वाली बात तो तब हुई जब नगरा इंटर कॉलेज में दूसरे परीक्षार्थियों के नाम पर हाईस्कूल गणित की परीक्षा दे रहे 11 मुन्नाभाई को एसडीएम रसडा सर्वेश यादव और क्षेत्राधिकारी फहीम की चेकिंग में पकड़ा गया. जांच में पता चला कि जिस विद्यालय से परीक्षार्थी परीक्षा देने आए थे, उस विद्यालय के प्रबंधक के भाई द्वारा प्रवेश पत्र पर ही कूट रचित करके नाम में हेराफेरी की गई थी. इस पर नगरा थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ. लेकिन, इतनी बड़ी कार्रवाई हो गई. वहीं, इस कार्रवाई का न तो कंट्रोल रूम को और न ही जिला विद्यालय निरीक्षक रमेश सिंह को पता चला. पूरे मामले पर जब मीडिया ने जिला विद्यालय निरीक्षक से जानकारियां साझा कीं तो आश्चर्यचकित रह गए. आनन-फानन में केंद्र व्यवस्थापक, वाह्य केंद्र व्यवस्थापक और स्टेटिक मजिस्ट्रेट को सूचना कंट्रोल रूम और मुख्यालय स्तर के अधिकारियों को नहीं देने की लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया.
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