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रसड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल: टॉर्च और मोमबत्ती की रोशनी में होता है इलाज

बलिया का रसड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल परिसर में शौचालय, पेयजल, बिजली, पानी आदि की व्यवस्था आज भी सुचारू रूप से नहीं है, जिससे डॉक्टरों और मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यहां तक कि लाइट चले जाने पर टॉर्च और मोमबत्ती के सहारे इलाज किया जाता है.

आयुर्वेदिक अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं की कमी.
आयुर्वेदिक अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं की कमी.
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Published : Dec 25, 2020, 5:35 PM IST

बलिया: सरकार द्वारा स्वस्थ भारत, स्वच्छ भारत अभियान अवश्य चलाया जा रहा है, लेकिन आज भी बलिया का रसड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. आयुर्वेदिक अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों को पूरा इलाज मिलता है. दवाएं सरकार की तरफ से पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होती हैं. साथ ही अस्पताल में मरीज को भर्ती करने के लिए बेड भी हैं, लेकिन अस्पताल परिसर में शौचालय, पेयजल, बिजली आदि की व्यवस्था आज भी सुचारू रूप से नहीं हो सकी है. इससे डॉक्टरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

आयुर्वेदिक अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं की कमी.

डॉक्टरों ने यह भी बताया कि विद्युत व्यवस्था न होने से रात के समय यहां टॉर्च या मोमबत्ती की सहायता से मरीजों का इलाज करना पड़ता है. डॉक्टरों ने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को इस विषय में कई बार जानकारी दी, लेकिन आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी यहां देखने तक नहीं आया. डॉक्टरों ने बताया कि यहां जो मरीज दूर से आते हैं, उन्हें शौच व पानी के लिए अस्पताल परिसर से लगभग एक किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.

यहां पर आयुर्वेदिक अस्पताल भी पुराने निजी भवन में चलाए जा रहे हैं, जिसके लिए अस्पताल बनवाने के लिए जमीन की मांग की गई है. लेकिन लेखपाल ने आज तक नहीं भेजा. बिजली की व्यवस्था भी नहीं की गई.
डॉ. धीरज विश्वकर्मा, आयुर्वेद चिकित्सा प्रभारी रसड़ा

बलिया: सरकार द्वारा स्वस्थ भारत, स्वच्छ भारत अभियान अवश्य चलाया जा रहा है, लेकिन आज भी बलिया का रसड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. आयुर्वेदिक अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों को पूरा इलाज मिलता है. दवाएं सरकार की तरफ से पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होती हैं. साथ ही अस्पताल में मरीज को भर्ती करने के लिए बेड भी हैं, लेकिन अस्पताल परिसर में शौचालय, पेयजल, बिजली आदि की व्यवस्था आज भी सुचारू रूप से नहीं हो सकी है. इससे डॉक्टरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

आयुर्वेदिक अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं की कमी.

डॉक्टरों ने यह भी बताया कि विद्युत व्यवस्था न होने से रात के समय यहां टॉर्च या मोमबत्ती की सहायता से मरीजों का इलाज करना पड़ता है. डॉक्टरों ने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को इस विषय में कई बार जानकारी दी, लेकिन आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी यहां देखने तक नहीं आया. डॉक्टरों ने बताया कि यहां जो मरीज दूर से आते हैं, उन्हें शौच व पानी के लिए अस्पताल परिसर से लगभग एक किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.

यहां पर आयुर्वेदिक अस्पताल भी पुराने निजी भवन में चलाए जा रहे हैं, जिसके लिए अस्पताल बनवाने के लिए जमीन की मांग की गई है. लेकिन लेखपाल ने आज तक नहीं भेजा. बिजली की व्यवस्था भी नहीं की गई.
डॉ. धीरज विश्वकर्मा, आयुर्वेद चिकित्सा प्रभारी रसड़ा

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