बलिया: जनपद में गंगा और घाघरा के कहर से करोड़ों रुपये की लागत से बना रिंग बांध टूट गया और दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 29 गांव बाढ़ की चपेट में हैं और करीब 30 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.
जिला प्रशासन स्थानीय स्तर पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास कर रहा है. एनडीआरएफ की दो टीमें पिछले छह दिनों से 24 घंटे लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम कर रही हैं. बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान बैरिया तहसील क्षेत्र के गांवों में हुआ है. यहां लोग अपने आशियाने को छोड़कर पलायन करने को मजबूर हैं. 11वीं वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन दल की दो टीमों के 50 सदस्य लगातार बाढ़ पीड़ित लोगों को भोजन सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें सुरक्षित बाढ़ शिविरों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं.
एनडीआरएफ की टीम का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट पीएल शर्मा के नेतृत्व में पूरा रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है. जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारोत खुद एनडीआरएफ की टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं.
एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट ने बताया कि अभी तक 500 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर बाढ़ शिविरों तक पहुंचाया गया है. मोटर बोट के साथ हम लाइफ जैकेट और अत्याधुनिक तमाम बचाव के उपकरण लेकर हम बाढ़ पीड़ितों को शिविरों तक पहुंच रहे हैं.