बलिया: प्रदेश के अल्पसंख्यक राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने धार्मिक स्थलों पर शराब बंदी के सवाल पर हैरान कर देने वाला जबाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) प्रदेश को विकास की तरफ ले जा रहे हैं.
प्रदेश में लंबे समय से एक मुद्दा अक्सर उठता आया है, वह मुद्दा है बिहार की तरह उत्तर प्रदेश में भी शराब बंदी का. इस मुद्दे को प्रदेश सरकार के पिछले दौर में सहयोगी पार्टी के रूप में सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी उठाया था और उन्होंने योगी सरकार से उत्तर प्रदेश में शराबबंदी की मांग की थी. मांगें पूरी नहीं हुई तो ओमप्रकाश राजभर ने पद से इस्तीफा दे दिया.
वहीं, पड़ोसी राज्य बिहार सरकार ने पहले ही अपने प्रदेश में शराब बंदी कर चुकी है, जिसके बाद उत्तर प्रदेश में भी शराब को बंद करने की मांग उठने लगी. लंबे समय बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल में धर्म स्थली के नाम पर प्रदेश के धर्मस्थल अयोध्या और मथुरा में शराब की बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है.
इस घोषणा के बाद प्रदेश के लोगों में इस बात की उम्मीद जगी है कि पूरे प्रदेश में भी पूर्णतः शराब पर रोक लगा दी जाएगी. लेकिन शायद ऐसा अभी न हो. पूरे प्रदेश में शराब बंद करने को लेकर जब अल्पसंख्यक राज्यमंत्री दानिश आजाद से सवाल किया गया तो जवाब भी हैरान कर देने वाला मिला. शराब बंदी केे सवाल पर जवाब देने में असमर्थ दिखे दानिश आजाद ने कहा कि इस बारे में आदरणीय मुख्यमंत्री जी की तरफ से दिशा- निर्देश प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से रिलीज की जाएगी. अब सवाल यह उठता है कि आखिर कैसे होगा प्रदेश का विकास जब शाम होते ही उत्तर प्रदेश की एक बड़ी आबादी नशे में झूमती नजर आती है. घरेलू हिंसा के साथ तमाम अपराधों का शराब जनक है. सवाल सिर्फ इतना था कि सिर्फ अयोध्या और मथुरा ही क्यों पूरा उत्तर प्रदेश ही धर्म स्थली के रूप में जाना जाता है.