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बलियाः तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का शुभारंभ, डीएम ने किया कार्यक्रम का उद्घाटन - तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का आयोजन

बलिया में तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का शुभारंभ हुआ. देश के अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों को सामाजिक मुद्दों से जोड़ने की कोशिश की.

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बलिया में राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का शुभारंभ
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Published : Dec 28, 2019, 12:34 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST

बलिया: साहित्यिक, सामाजिक संस्था संकल्प ने 15 साल पूरे होने पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का आयोजन किया. इसमें देश के अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी. डीएम श्री हरि प्रताप शाही ने दीप प्रजवल्लित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया.

बलिया में राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का शुभारंभ

तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाटय महोत्सव का शुभारंभ

  • राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव में अलग-अलग राज्यों के कलाकारों ने प्रस्तुति दी.
  • तीन दिवसीय कार्यक्रम में समाज से जुड़े 6 मुद्दों पर रोशनी डाली गई.
  • पूर्वांचल में नाटक विद्या को जीवंत रखने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.
  • पटना की टीम "दस्तक" के कलाकार ने एकल नाटक का मंचन किया.
  • बनारस के कलाकारों ने महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत किया.
  • कला के माध्यम से सामाजिक मु्द्दों को जोड़ने की कोशिश की गई.

इसे भी पढ़ें- बलिया: 45 लेखपाल बर्खास्त, 38 पर 'ब्रेक इन सर्विस' की कार्रवाई


रफ्तार भरी जिंदगी में लोगों के पास समय का अभाव हो रहा है, जिस कारण अब लोग विकल्प तलाशते नजर आ रहे हैं. मोबाइल के कारण टीवी और यूटयूब के वीडियो लगातार लोगों के टेस्ट बदल रहे हैं.
- प्रतिमा सिन्हा, लेखिका

बलिया: साहित्यिक, सामाजिक संस्था संकल्प ने 15 साल पूरे होने पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का आयोजन किया. इसमें देश के अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी. डीएम श्री हरि प्रताप शाही ने दीप प्रजवल्लित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया.

बलिया में राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का शुभारंभ

तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाटय महोत्सव का शुभारंभ

  • राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव में अलग-अलग राज्यों के कलाकारों ने प्रस्तुति दी.
  • तीन दिवसीय कार्यक्रम में समाज से जुड़े 6 मुद्दों पर रोशनी डाली गई.
  • पूर्वांचल में नाटक विद्या को जीवंत रखने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.
  • पटना की टीम "दस्तक" के कलाकार ने एकल नाटक का मंचन किया.
  • बनारस के कलाकारों ने महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत किया.
  • कला के माध्यम से सामाजिक मु्द्दों को जोड़ने की कोशिश की गई.

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रफ्तार भरी जिंदगी में लोगों के पास समय का अभाव हो रहा है, जिस कारण अब लोग विकल्प तलाशते नजर आ रहे हैं. मोबाइल के कारण टीवी और यूटयूब के वीडियो लगातार लोगों के टेस्ट बदल रहे हैं.
- प्रतिमा सिन्हा, लेखिका

Intro:बलिया में तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का शुभारंभ हुआ जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से कलाकारों अपनी प्रस्तुति देकर समाज को अलग संदेश देने का काम कर रहे हैं

पूर्वांचल की राजनीति में अलग पहचान रखने वाले बलिया जिले में भीषण सर्दी में राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है संकल्प संस्था के द्वारा संकल्प रंगोत्सव नाम से तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का शुभारंभ जिलाधिकारी श्री हरि प्रताप शाही ने दीप जलाकर किया कलेक्ट्रेट परिसर के पास बने ड्रामा हॉल में शीत लहर के बावजूद रंगमंच के प्रेमी कलाकारों का उत्साहवर्धन करते दिखे


Body:जिले की साहित्यिक सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था संकल्प अपनी यात्रा के 15 वर्ष पूरे करने पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का आयोजन कर रही है जिसमें उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों के कलाकार के साथ ही पश्चिम बंगाल मध्य प्रदेश बिहार के कलाकार भी 3 दिनों में 6 नाटकों का मंचन करेंगे

नाटक के प्रारंभिक सत्र में पटना की टीम "दस्तक" के कलाकार ने एकल नाटक का मंचन किया इस नाटक में राजनेताओं के लिए जनता जनार्दन की भूमिका और उसके महत्व का वर्णन किया गया सबसे खास बात इस नाटक में कड़कड़ाती ठंड मे कलाकार सिर्फ एक धोती में ही अपनी प्रस्तुति को पूरा किया

बनारस के कलाकारों ने वर्तमान समय में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार को अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत किया जिसने एक छात्रा के साथ रेप की घटना के बाद उसके और उसके परिवार के साथ किस तरह की वेदना सहनी पड़ती है इसका जीवंत मंचन किया गया


Conclusion:संकल्प संस्था के सचिव आशीष त्रिवेदी ने बताया कि पूर्वांचल में नाटक विधा को जीवंत बनाए रखने के लिए इस तरह का आयोजन किया गया तीन दिवसीय इस महोत्सव में 6 सामाजिक मुद्दों से जुड़े हुए नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे जिसके लिए उत्तर प्रदेश बिहार पश्चिम बंगाल मध्य प्रदेश से आए कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे

टीवी शो और यूट्यूब बदल रहे हैं दर्शकों के टेस्ट

वाराणसी टीम कि सदस्य और "हादसे के बाद" नाटक की लेखिका प्रतिमा सिन्हा ने बताया कि रफ्तार भरी जिंदगी में लोगों के पास समय का अभाव होता गया जिस कारण अब लोग विकल्प तलाशते नजर आ रहे हैं यही वजह है कि टीवी आने के बाद यह महसूस हुआ कि नाटक खत्म हो जाएगा अखबार समाप्त हो जाएंगे लेकिन अब हमारे हर हाथ में मोबाइल के माध्यम से टीवी और यूट्यूब के वीडियो है जो दर्शकों के टेस्ट को लगातार बदल रहे हैं
उन्होंने कहा कि जिस को त्वरित आनंद लेना होता है वह कपिल शर्मा जैसे टीवी सीरियल्स के शो को देखते हैं और जिन्हें साहित्य और समाज को लेकर एक सोच विकसित करनी होती है वह थिएटर पर जाते हैं लेकिन नाटक अभी भी जारी है

बाइट1--आशीष त्रिवेदी--सचिव
बाइट2--प्रतिमा सिन्हा--लेखिका

प्रशान्त बनर्जी
बलिया
9455785050
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST
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