बलिया: प्रदेश में भाजपा सरकार पार्ट-2 में भी अधिकारियों के धूस लेकर काम करने का आरोप अभी भी थम नहीं रहा है. इसका एक उदाहरण बांसडीह तहसील में देखने को मिला. आरोप है कि एक लाचार बेबस दिव्यांग किसान तहसील प्रशासन को रिश्वत देने के लिए पशुओं के साथ मंगलवार को बांसडीह तहसील पहुंचा. उस समय उसके परिवार के सदस्य भी मौजूद थे. वह अपनी जमीन बचाने के लिए यह कदम उठाया. इस बात की जानकारी होने पर तहसील के अधिकारियों में हड़कंप मच गया.
सिंगही निवासी शंभु गोंड अपनी जमीन के सरकारी पैमाइश कराने के लिए तहसील का कई दिनों से चक्कर काट रहा था. उसने आरोप लगाया कि जमीन की पैमाइश करने के लिए तहसील के अधिकारियों ने उससे रुपयों की मांग की थी.
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गरीब लाचार किसान के पास पैसे न होने के कारण उसने अपने परिवार सहित गाय, बछड़ा और बच्चों को लेकर तहसील पर आ धमका और कहा कि 'साहब मेरे पास यही सब पूंजी हैं, आप इसे स्वीकार करें और मेरी जमीन की पैमाइश कर मुझे कब्जा दिला दें'.
इस मामले में एसडीएम दीपशिखा ने फोन पर जानकारी दी की जमीन की पैमाइश का मामला था. उन्होंने बताया कि पैमाइश करने के लिए डेट लगी थी, जो किसान तहसील में पशुओं के साथ आया था, उसको डेट की जानकारी नहीं थी. उसको समझाया गया और उसी डेट में टीम बना दी गई है, और पैमाइश कर उसके मामले का निस्तारण कर दिया जाएगा.
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