बलिया: जिले के के दुर्जनपुर गांव में 15 अक्टूबर 2020 को कोटे की दुकान के चयन के समय दो पक्षों में मारपीट हुई थी. इसमें एक पक्ष की लाइसेंसी रिवॉल्वर से चली गोली से जय प्रकाश पाल उर्फ गामा पाल की मौत हो गई थी. पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से मुकदमा दर्ज किया है. एक गांव के पीड़ित परिवार के सदस्य घनश्याम तिवारी ने बताया कि 23 साल पहले जय प्रकाश पाल उर्फ गामा पाल ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया था और उनके पिता को घायल कर दिया था. तब से वे लोग उसके खौफ से अपने गांव नहीं लौट सके हैं.
जिले के दुर्जनपुर गांव के गोली काण्ड को लेकर सियासत गरमाने लगी हैं. कुछ लोग गामा पाल के लिए जगह-जगह जुलूस निकाल कर उसे निर्दोष बता रहे हैं, लेकिन दुर्जनपुर गांव के एक ब्राह्मण परिवार की खेती जय प्रकाश पाल ने 23 वर्ष पहले हड़प ली थी. समस्या तब ज्यादा हुई, जब आज तक यहां का कोई जनप्रतिनिधि या अधिकारी इस ब्राह्मण परिवार की खबर लेने तक नहीं आया.
कर दिया था अधमरा
पीड़ित घनश्याम तिवारी ने बताया गया कि आज से 22-23 वर्ष पहले चंद्रिका पाल, जय प्रकाश उर्फ गामा पाल, द्वारिका पाल ने मेरे पिताजी को बेरहमी से भाला, लाठी से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था. तीन महीने इलाज के बाद उनके पिताजी ठीक हुए. इसके बाद से वे लोग इन लोगों के आतंक से अपने घर लौट नहीं सके. उनकी खेती पर जय प्रकाश उर्फ गामा पाल ने कब्जा कर लिया. न्याय पाने के लिए हम लोग सिर्फ एक कागज के टुकड़े पर प्रार्थना पत्र देते रहे. इसके बाद भी उनकी सुध लेने कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं आया. गामा पाल के लिए अब राजनीति शुरू हो गई है. जबकि गामा पाल ने बहुत लोगों की जमीन पर कब्जा कर रखा था.