बलिया: नगर पालिका द्वारा करवाए जाने वाले विभिन्न कामों की गुणवत्ता को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं. बुधवार को उप जिला अधिकारी रसड़ा मोती लाल यादव ने इस दिशा में कड़ा कदम उठाया है. उप जिला अधिकारी ने नगर पालिका द्वारा कराए गए 38 ऐसे कामों की फाइलों को मंगवाया है जिनके काम को लेकर शिकायतें मिली हैं.
पूरा मामला
नगर पालिका की देखरेख में होने वाले कामों को लेकर लंबे समय से शिकायत मिल रही हैं. लोगों का कहना है कि किसी भी काम में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. घटिया निर्माण सामग्री के कारण कई निर्माण बनने के कुछ समय बाद ही जर्जर हो रहे हैं. ताजा मामला नगर पालिका द्वारा एनआरएफ सेंटर के निर्माण को लेकर सामने आया है. शिकायत मिली है कि इस काम में ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है.
उप जिला अधिकारी ने मंगवाई 38 फाइल
नगर पालिका के काम को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के बाद उप जिला अधिकारी मोती लाल यादव ने कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है. यादव ने ऐसी 38 फाइलों को मंगवाया है जिनके कामों को लेकर सर्वाधिक शिकायतें मिली हैं.
उप जिला अधिकारी माेती लाल यादव ने बताया कि रसड़ा में एक एनआरएफ सेन्टर का निर्माण हुआ है. इसमें ठेकेदार ने घटिया सामग्री का प्रयोग किया था. वहीं ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही तथा पुन: निमार्ण हेतु रिपाेर्ट प्रेषित की गयी थी, जिसमें रसड़ा नगर पालिका के लिपिक प्रदीप गुप्ता ने अन्य पत्रावलियाें काे दबा लिया था. ऐसा इसलिए किया गया ताकि इन पत्रावलियाें की जांच न हाे.
उप जिला अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को मैंने औचक निरीक्षण करके प्रदीप गुप्ता से चाैबीस पत्रावलियाें काे निकलवाया है. इसके बाद चौदह पत्रावलियां जेई के पास से प्रदीप ने लाकर दी है. इस प्रकार 38 पत्रावलियां निर्माण कार्य के संबंध में ऐसी हैं जिनका काम संतोषजनक नहीं कहा जा सकता.
लिपिक प्रदीप गुप्ता को लताड़ा
एसडीएम माेतीलाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि नगर पालिका लिपिक प्रदीप गुप्ता पत्रावलियां जांच के लिए नहीं देना चाहते थे और गाेल-माेल कर रहे थे. खुलेआम यह कहकर यादव ने लिपिक समेत उन भ्रष्टाचारियों को चेतावनी दे दी है जो सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं. उप जिला अधिकारी के इस कदम से आदर्श नगर पालिका परिषद के कर्मचारियों व ठेकेदाराें में हड़कंप मचा हुआ है.
उप जिला अधिकारी पर यह आरोप
इस संबंध में फोन से पूछे जाने पर कार्यवाहक अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सोनी ने बताया कि यह सारे आरोप गलत हैं. एसडीएम कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं. जब से एसडीएम साहब को अधिशासी अधिकारी का पद मिला है वह कभी भी अपने पद का निर्वहन नहीं किए हैं. जब से आए हैं नगरपालिका के सारे कार्यों को डंप कर के रखे हैं. यहां कोई भी काम नहीं होने देते हैं और यह दूषित मानसिकता से नगरपालिका को देख रहे हैं.