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बलिया में करोड़ों की जमीन की हेरा-फेरी, राजस्व विभाग के 31 कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज

बलिया में करोड़ों की जमीन (Corruption on land worth crores) की हेराफेरी के मामले में 31 चकबंदी कर्मचारियों पर मुकदमा (case registered against 31 employees) दर्ज किया गया है. क्षेत्रधिकारी ने इस मामले में कार्रवाई के आदेश दिए है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 23, 2023, 10:54 PM IST



बलिया: जिले में राजस्व के कर्मचारियों ने करोड़ों की जमीन पर भ्रष्टाचार किया था. इस मामले में शनिवार को 31 कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया. मिली जानकारी के अनुसार बैरिया तहसील क्षेत्र के दलन छपरा गांव के बहुचर्चित चकबंदी प्रकरण में कुल 31 अधिकारियों और कर्मचारियों पर चकबंदी आयुक्त उत्तर प्रदेश के आदेश के पर दलन छपरा निवासी सुशील पांडे ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है.

सुशील पांडे ने शिकायती पत्र में चकबंदी अधिकारियों पर कूटरचित दस्तावेजों से दूसरे की जमीन को किसी अन्य के नाम करना सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. आयुक्त चकबंदी उत्तर प्रदेश के आदेश पर भूमि बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी राधेश्याम, दयानंद सिंह चौहान, धनराज यादव, अनिल कुमार, ओंकारनाथ, अवधेश कुमार, चकबंदी अधिकारी राजेश कुमार, कमलेश कुमार शर्मा, बरमेश्वर नाथ उपाध्याय, अमरेश चंद्र, विनय कुमार श्रीवास्तव, उमाशंकर,प्रभात कुमार पांडे और शिव शंकर प्रसाद सिंह, सहायक चकबंदी अधिकारी पुलीराम, हरिशंकर यादव, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, जयदेव चकबंदी कर्ता जुगेश लाल, संत राम, राजेश कुमार पुत्र राम निहोर, राजेश कुमार पुत्र रामनाथ, राजेश कुमार, शशिकांत,केदारनाथ सिंह के अलावा लेखपाल सुरेंद्र चौहान, अनिल गुप्त, आयुष कुमार सिंह, ललन यादव, अवितेश उपाध्याय, कन्हैयालाल एफआईआर दर्ज हुई .बलिया नगर क्षेत्रधिकारी एस एन वैभव पांडे ने बताया कि प्रकरण में जांच के बाद आगे की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी.

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बैरिया तहसील के इस बहुचर्चित मामले को लखनऊ चकबन्दी आयुक्त ने गम्भीरता से लिया था. वहीं, दो सदस्यी टीम बनाकर इस मामले की जांच करायी थी. जांच रिपोर्ट के आधार पर कई खामियां पायी गयी थी. जिसमें साल 2005 से साल 2023 तक तैनात 31 बन्दोबस्त अधिकारी से लेकर लेखपाल को प्रथम दृटया दोषी पाया गया. जिसमें भाग 23 का फटना, कूटरचित दस्तावेज के आधार पर जमीनों में हेरा फेरी, चकबन्दी प्रक्रिया में शिथिलता सहित कई खामियां पायी गयी थी. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद चकबन्दी विभाग से पीड़ित किसानों ने राहत की सांस ली है.

यह भी पढे़-बीजेपी सांसद ने सीएमओ पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, सीएम योगी को लिखी चिट्ठी



बलिया: जिले में राजस्व के कर्मचारियों ने करोड़ों की जमीन पर भ्रष्टाचार किया था. इस मामले में शनिवार को 31 कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया. मिली जानकारी के अनुसार बैरिया तहसील क्षेत्र के दलन छपरा गांव के बहुचर्चित चकबंदी प्रकरण में कुल 31 अधिकारियों और कर्मचारियों पर चकबंदी आयुक्त उत्तर प्रदेश के आदेश के पर दलन छपरा निवासी सुशील पांडे ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है.

सुशील पांडे ने शिकायती पत्र में चकबंदी अधिकारियों पर कूटरचित दस्तावेजों से दूसरे की जमीन को किसी अन्य के नाम करना सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. आयुक्त चकबंदी उत्तर प्रदेश के आदेश पर भूमि बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी राधेश्याम, दयानंद सिंह चौहान, धनराज यादव, अनिल कुमार, ओंकारनाथ, अवधेश कुमार, चकबंदी अधिकारी राजेश कुमार, कमलेश कुमार शर्मा, बरमेश्वर नाथ उपाध्याय, अमरेश चंद्र, विनय कुमार श्रीवास्तव, उमाशंकर,प्रभात कुमार पांडे और शिव शंकर प्रसाद सिंह, सहायक चकबंदी अधिकारी पुलीराम, हरिशंकर यादव, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, जयदेव चकबंदी कर्ता जुगेश लाल, संत राम, राजेश कुमार पुत्र राम निहोर, राजेश कुमार पुत्र रामनाथ, राजेश कुमार, शशिकांत,केदारनाथ सिंह के अलावा लेखपाल सुरेंद्र चौहान, अनिल गुप्त, आयुष कुमार सिंह, ललन यादव, अवितेश उपाध्याय, कन्हैयालाल एफआईआर दर्ज हुई .बलिया नगर क्षेत्रधिकारी एस एन वैभव पांडे ने बताया कि प्रकरण में जांच के बाद आगे की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी.

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बैरिया तहसील के इस बहुचर्चित मामले को लखनऊ चकबन्दी आयुक्त ने गम्भीरता से लिया था. वहीं, दो सदस्यी टीम बनाकर इस मामले की जांच करायी थी. जांच रिपोर्ट के आधार पर कई खामियां पायी गयी थी. जिसमें साल 2005 से साल 2023 तक तैनात 31 बन्दोबस्त अधिकारी से लेकर लेखपाल को प्रथम दृटया दोषी पाया गया. जिसमें भाग 23 का फटना, कूटरचित दस्तावेज के आधार पर जमीनों में हेरा फेरी, चकबन्दी प्रक्रिया में शिथिलता सहित कई खामियां पायी गयी थी. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद चकबन्दी विभाग से पीड़ित किसानों ने राहत की सांस ली है.

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