बलिया: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सरकारी कंपनियों के निजीकरण और सरकारी क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों के बढ़ते हस्तक्षेप का विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही हैं. 70 सालों से चली आ रही भारतीय रेल के पहले कॉर्पोरेट ट्रेन तेजस के संचालन होने के बाद 150 और ट्रेनों को प्राइवेट कंपनी के हाथों में दिए जाने की कवायद तेज हो गई है. इसको लेकर पूरे देश में भाजपा विरोधी पार्टियां विरोध कर रही हैं.
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कम्युनिस्ट नेता लक्ष्मण यादव ने कहा कि इंडियन ऑयल जैसे तेल कंपनी का निजीकरण करने की कवायद शुरू कर दी गई है और इसके बाद गेल जैसी और सरकारी कंपनियों को भी प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी केंद्र सरकार कर रही है. जिसके विरोध में आज हम लोगों ने यह प्रदर्शन किया है.
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उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया था इसलिए यह लोग पाश्चात्य संस्कृति को ज्यादा महत्व देते हैं. यही कारण है कि विदेशी कंपनियों के हाथों एक बार फिर देश को गुलाम बनाने की इनकी कोशिश हो रही है.