बलियाः देश में एक ओर कोरोना के मरीजो की संख्या में वृद्धि हो रही है, वहीं पहाड़ों में हो रही बारिश से अब मैदानी इलाकों में लगातार नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. जिसकारण बलिया में घाघरा नदी अपना विकराल रूप ले रही है. नदी के तटीय इलाकों में बसे कई गांवों में कटान शुरू हो गया है. बाढ़ खंड विभाग के अधिकारी जून के अंतिम सप्ताह में कटान रोधी कार्य को आरंभ किए. जो समय से पूरा नहीं हो पाएगा. ऐसी स्थिति में नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से गांव में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है.
रिगवन छावनी और नवका गांव में हो रहा कटान
बलिया में रिगवन छावनी और नवका गांव में तेजी से कटान हो रहा है. बाढ़ खंड के अधिकारी आनन-फानन में कटाव रोधी कार्य करवा रहे हैं. जिसमें बाल श्रमिकों को भी कटान रोधी कार्य में लगाया गया है. ये छोटे-छोटे मासूम बच्चे चंद रुपयों की लालच में ईंट और पत्थर से बोरों को भर रहे हैं, और उसे उठाकर नदी के किनारे ले जाते हैं. कटान रोकने के लिए बोरो में बोल्डर को भरकर कटाने वाले स्थानों में गिराया जा रहा है.
मामला मीडिया के संज्ञान में आने के बाद आला अधिकारी इस मामले में गोलमोल जवाब दे रहे हैं. बाढ़ खंड के एसडीओ इंद्रासन कुमार गौतम ने बताया कि सभी बच्चे स्वेच्छा से यहां काम कर रहे हैं. इनको यहां का ठेका लेने वाले तीन कांट्रेक्टर लेकर के आए हैं. विभाग को इससे कुछ लेना देना नही है.
700 मीटर कटान रोधी होगा कार्य
बलिया में प्रत्येक वर्ष गंगा और घाघरा में आई बाढ़ से जनहानि ही नहीं, शासन के धन का भी नुकसान होता है. घागरा नदी के किनारे बसे गांवों में प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये से कटान रोधी कार्य कराया जता है, लेकिन समस्या हर साल वैसी ही बनी रहती है. इस साल मानसून समय से पहले ही पूर्वांचल के रास्ते पूरे उत्तर प्रदेश में पहुंच गया है. जिस कारण नदियां उफान पर हैं. यहां उपजाऊ जमीन नदी में समा रही है इसे रोकने के लिए बाढ़ खंड द्वारा युद्ध स्तर पर 700 मीटर में कटान रोधी कार्य कराया जा रहा है.
दो रुपये प्रति बोरी मिलती है भरवाई
नदी के तीव्र वेग से उपजाऊ भूमि कटकर नदी में समा रही है. जिसे रोकने के लिए लगातार कार्य कराए जा रहे हैं. बलिया के मनियर थाना क्षेत्र के कई गांव में यह कार्य युद्ध स्तर पर हो रहा है. जहां बाल श्रमिकों से भी कार्य कराया जा रहा है. इन मासूम बच्चों को 2 रुपये प्रति बोरी भरवाई के रूप में मिलती है, इसी के लालच में ये बच्चे ईटों को बोरो में भरते हैं.