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बलिया: पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर की मनाई गई 13वीं पुण्यतिथि

यूपी के बलिया में चंद्रशेखर मैराथन परिवार के सदस्यों ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर की 13वीं पुण्यतिथि मनाई. इस दौरान सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि देकर नमन किया.

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पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर की मनाई गई 13वीं पुण्यतिथि
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Published : Jul 8, 2020, 4:57 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर की 8 जुलाई को 13वीं पुण्यतिथि है. उनके गृह जनपद में चंद्रशेखर मैराथन परिवार के सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि देकर नमन किया. बसंतपुर के शिव मंदिर परिसर में संस्था के सदस्यों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की. इसके बाद सदस्यों ने जगह-जगह वृक्षारोपण कर प्रकृति को हरा-भरा करने का संकल्प लिया.

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर 10 नवंबर 1990 को देश के आठवें प्रधानमंत्री बने. उन्होंने समाजवाद की एक नई परिकल्पना को जन्म दिया. उनके दिखाए रास्ते पर चलकर लोग आज भी उन्हें याद करते हैं. उनकी पुण्यतिथि पर चंद्रशेखर मैराथन समिति के सदस्यों ने 2 गज की दूरी का पालन करते हुए उनके चित्र पर पुष्प चढ़ाए. इसके बाद बसंतपुर ग्राम सभा में 24 से अधिक फलदार और छायादार पौधे लगाए. इस मौके पर प्रकृति को हरा भरा करने का संकल्प लिया.

"अगर हौसला नहीं होगा, तो एक भी फैसला नहीं होगा. अगर सब अपने भले की सोचेंगे, तो किसी का भला नहीं होगा"

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर ने यह पंक्तियां अपनी राजनैतिक जीवन में कई बार कहीं. जो चरितार्थ होते हुए भी दिखाई दीं. दूरदर्शी सोच और कुशल राजनीतिक पकड़ के कारण उन्हें जनता पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया. युवा तुर्क ने अपने दम पर प्रधानमंत्री की कुर्सी को भी सुशोभित किया, जो इतिहास में दर्ज है.

चंद्रशेखर मैराथन समिति के सचिव उपेंद्र सिंह ने बताया कि हम बलियावासियों को इतराने के लिए उनका राजनीतिक जीवन एक पूरी किताब की तरह है. आप हमारे प्रेरणास्रोत हैं. आपको देखकर, सुनकर सैकड़ों नौजवान देश बनाने निकल पड़े. उन्होंने कहा कि आज उनकी पुण्यतिथि पर हम लोग वृक्षारोपण कर उन्हें याद कर रहे हैं.

बलिया: पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर की 8 जुलाई को 13वीं पुण्यतिथि है. उनके गृह जनपद में चंद्रशेखर मैराथन परिवार के सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि देकर नमन किया. बसंतपुर के शिव मंदिर परिसर में संस्था के सदस्यों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की. इसके बाद सदस्यों ने जगह-जगह वृक्षारोपण कर प्रकृति को हरा-भरा करने का संकल्प लिया.

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर 10 नवंबर 1990 को देश के आठवें प्रधानमंत्री बने. उन्होंने समाजवाद की एक नई परिकल्पना को जन्म दिया. उनके दिखाए रास्ते पर चलकर लोग आज भी उन्हें याद करते हैं. उनकी पुण्यतिथि पर चंद्रशेखर मैराथन समिति के सदस्यों ने 2 गज की दूरी का पालन करते हुए उनके चित्र पर पुष्प चढ़ाए. इसके बाद बसंतपुर ग्राम सभा में 24 से अधिक फलदार और छायादार पौधे लगाए. इस मौके पर प्रकृति को हरा भरा करने का संकल्प लिया.

"अगर हौसला नहीं होगा, तो एक भी फैसला नहीं होगा. अगर सब अपने भले की सोचेंगे, तो किसी का भला नहीं होगा"

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर ने यह पंक्तियां अपनी राजनैतिक जीवन में कई बार कहीं. जो चरितार्थ होते हुए भी दिखाई दीं. दूरदर्शी सोच और कुशल राजनीतिक पकड़ के कारण उन्हें जनता पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया. युवा तुर्क ने अपने दम पर प्रधानमंत्री की कुर्सी को भी सुशोभित किया, जो इतिहास में दर्ज है.

चंद्रशेखर मैराथन समिति के सचिव उपेंद्र सिंह ने बताया कि हम बलियावासियों को इतराने के लिए उनका राजनीतिक जीवन एक पूरी किताब की तरह है. आप हमारे प्रेरणास्रोत हैं. आपको देखकर, सुनकर सैकड़ों नौजवान देश बनाने निकल पड़े. उन्होंने कहा कि आज उनकी पुण्यतिथि पर हम लोग वृक्षारोपण कर उन्हें याद कर रहे हैं.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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