बलियाः अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने DM-SP के छापे में मिले मोबाइल फोन और सिमकार्ड के मामले में बिगड़ते हालात को देखते हुए बलिया जिला जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा, जेलर अंजनी गुप्ता को निलंबित कर विभागीय जांच बैठा दी है. जबकि, शासन ने जांच के बाद डिप्टी जेलर समेत अन्य दोषियों पर कार्रवाई की संतुति की है. शासन के मुताबिक, निलंबित बलिया जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा को डॉ. संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ से संबद्ध किया गया है. बिजनौर के जेल अधीक्षक लाल रत्नाकर सिंह को बलिया की कमान सौंपी है. जबकि, आजमगढ़ के जेलर राजेंद्र सिंह को बलिया जिला जेल का जेलर बनाया गया है.
दरअसल काफी दिनों से जेल में कैदियों के दो गुटों में वर्चस्व की जंग चल रही है. ये गुट जेल के अंदर मोबाइल से लेकर अन्य सामग्रियों को जेल कर्मियों के सहयोग से अंदर मंगाने में सफल हो रहे थे. जेल अधीक्षक इस पर रोक लगाने का प्रयास कर रहे थे. जेल अधीक्षक ने भी यह स्वीकार किया है कि उनके आने से पहले से ही जेल में मोबाइल फोन मौजूद थे. उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि, वह जेल की गंदगी को साफ कर रहे थे. जो कैदियों को अच्छा नहीं लग रहा था. उन्होंने कहा कि इस प्रशासनिक कार्रवाई से उनका मनोबल टूटा नहीं है, लेकिन यह सत्य है कि कैदियों में खुशी का माहौल जरूर है.
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बता दें कि, पिछले माह में बलिया डीएम और एसपी ने जिला जेल में छापा मारकर बैरक से 14 मोबाइल और तीन सिमकार्ड बरामद किए थे. मामले में 19 बंदियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई. उसके बाद भी कई बार मोबाइल, सिम समेत कई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद हुईं. बीते 14 जुलाई को मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर बंदी भड़क गए और दो गुट आपस में भिड़ गए. देखते ही देखते दोनों गुट आक्रोशित हो गए और जमकर बवाल काटा.
दोनों गुटों में जमकर ईंट पत्थर चले. दोनों गुटों को संभालने के लिए पुलिस को आंसू के गोले छोड़ने पड़े. तीन घंटे चले बवाल को बमुश्किल अफसरों ने समझाकर शांत किया. इसके बाद भी बीते 12 अगस्त को बंदियों ने जेल कर्मियों पर हमला कर दिया. डिप्टी जेलर जीतेंद्र कश्यप का गला दबाने की कोशिश भी की गई. बलिया जेल में फैले अराजकता से जेल अफसर और बंदी परेशान हो गए. इस कार्रवाई को इसी प्रकरण से जोड़कर देखा जा रहा है.