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यूपी बोर्ड परीक्षा 2020: बलिया में उम्रदराज अध्यापकों ने घर से बोर्ड कॉपियों के मूल्यांकन की उठाई मांग - बोर्ड परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन

यूपी के बलिया में उम्रदराज अध्यापकों ने घर से बोर्ड कॉपियों के मूल्यांकन की मांग उठाई है. जिले में चार मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन यहां पर मूल्यांकन के लिए अध्यापकों की संख्या 20 फीसदी भी नहीं है.

उम्रदराज अध्यापक कर रहे हैं वर्क फ्रॉम होम की डिमांड
उम्रदराज अध्यापक कर रहे हैं वर्क फ्रॉम होम की डिमांड
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Published : May 6, 2020, 8:56 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: लॉकडाउन के बीच ग्रीन जोन वाले जिलों में यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन दोबारा शुरू हो गया है, लेकिन इस बार कॉपियों के मूल्यांकन में कोरोना का खौफ साफ दिखाई दे रहा है. बलिया में चार मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन यहां पर मूल्यांकन के लिए अध्यापकों की संख्या 20 फीसदी भी नहीं है. कोरोना की वजह से उम्रदराज अध्यापक संक्रमण से बचने के लिए वर्क फ्रॉम होम की मांग कर रहे हैं.

उम्रदराज अध्यापक कर रहे हैं वर्क फ्रॉम होम की डिमांड
गंभीर बीमारी और उम्रदराज लोगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी एडवाइजरी बोर्ड एग्जाम के मूल्यांकन में खासा प्रभाव डाल रहा. बलिया के राजकीय इंटर कॉलेज मूल्यांकन केंद्र में गणित के प्रवक्ता श्रीकांत यादव ने बताया कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हम लोग कॉपियों का मूल्यांकन घर से ही करना चाह रहे हैं.

उन्होंने बताया कि सही तौर पर डिप्टी हेड के अंडर में ही सारे मूल्यांकन होना चाहिए, लेकिन आज के परिवेश को देखते हुए सरकार को भी वर्क फ्राम होम करने की अनुमति दे देनी चाहिए. प्रत्येक अध्यापकों को कॉपियां अलॉट हो जातीं और एक दिन बाद आकर डिप्टी हेड के माध्यम से कॉपियों को जमा कर देते. इससे और अधिक बचाव हो सकता है. अध्यापकों की कमी के कारण दोगुना काम करना पड़ रहा है. 20 कॉपियों के जगह 40 कॉपियां जांचनी पड़ रही हैं.

कोरोना के कारण मूल्यांकन केंद्र नहीं आना चाहते उम्रदराज अध्यापक
राजकीय इंटर कॉलेज मूल्यांकन केंद्र के इंचार्ज प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि चार मूल्यांकन केंद्रों पर दोबारा मूल्यांकन आरंभ हुआ है. वहीं उम्रदराज अध्यापक कोरोना के कारण इस मूल्यांकन में शामिल नहीं होना चाहते. 55 वर्ष की आयु से अधिक के अध्यापक पूरी तरीके से मूल्यांकन प्रक्रिया में शामिल होने से बच रहे हैं. उन्होंने बताया कि अध्यापकों को घर से मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचने में कठिनाई हो रही है. साथ ही वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण वो डरे हुए हैं और यहां आना भी नहीं चाहते.

6 लाख 50 हजार कॉपियों का होगा मूल्यांकन
जनपद में चार मूल्यांकन केंद्रों में 6 लाख 50 हजार कॉपियों का मूल्यांकन हो रहा है. इसके लिए करीब 3 हजार से अधिक अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है. शहर के राजकीय इंटर कॉलेज और कुंवर सिंह कॉलेज में 12वीं कक्षा के बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन हो रहा है, जबकि राजकीय कन्या इंटर कॉलेज और मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज में दसवीं कक्षा की कॉपियां जांची जा रही हैं.

बलिया: लॉकडाउन के बीच ग्रीन जोन वाले जिलों में यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन दोबारा शुरू हो गया है, लेकिन इस बार कॉपियों के मूल्यांकन में कोरोना का खौफ साफ दिखाई दे रहा है. बलिया में चार मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन यहां पर मूल्यांकन के लिए अध्यापकों की संख्या 20 फीसदी भी नहीं है. कोरोना की वजह से उम्रदराज अध्यापक संक्रमण से बचने के लिए वर्क फ्रॉम होम की मांग कर रहे हैं.

उम्रदराज अध्यापक कर रहे हैं वर्क फ्रॉम होम की डिमांड
गंभीर बीमारी और उम्रदराज लोगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी एडवाइजरी बोर्ड एग्जाम के मूल्यांकन में खासा प्रभाव डाल रहा. बलिया के राजकीय इंटर कॉलेज मूल्यांकन केंद्र में गणित के प्रवक्ता श्रीकांत यादव ने बताया कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हम लोग कॉपियों का मूल्यांकन घर से ही करना चाह रहे हैं.

उन्होंने बताया कि सही तौर पर डिप्टी हेड के अंडर में ही सारे मूल्यांकन होना चाहिए, लेकिन आज के परिवेश को देखते हुए सरकार को भी वर्क फ्राम होम करने की अनुमति दे देनी चाहिए. प्रत्येक अध्यापकों को कॉपियां अलॉट हो जातीं और एक दिन बाद आकर डिप्टी हेड के माध्यम से कॉपियों को जमा कर देते. इससे और अधिक बचाव हो सकता है. अध्यापकों की कमी के कारण दोगुना काम करना पड़ रहा है. 20 कॉपियों के जगह 40 कॉपियां जांचनी पड़ रही हैं.

कोरोना के कारण मूल्यांकन केंद्र नहीं आना चाहते उम्रदराज अध्यापक
राजकीय इंटर कॉलेज मूल्यांकन केंद्र के इंचार्ज प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि चार मूल्यांकन केंद्रों पर दोबारा मूल्यांकन आरंभ हुआ है. वहीं उम्रदराज अध्यापक कोरोना के कारण इस मूल्यांकन में शामिल नहीं होना चाहते. 55 वर्ष की आयु से अधिक के अध्यापक पूरी तरीके से मूल्यांकन प्रक्रिया में शामिल होने से बच रहे हैं. उन्होंने बताया कि अध्यापकों को घर से मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचने में कठिनाई हो रही है. साथ ही वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण वो डरे हुए हैं और यहां आना भी नहीं चाहते.

6 लाख 50 हजार कॉपियों का होगा मूल्यांकन
जनपद में चार मूल्यांकन केंद्रों में 6 लाख 50 हजार कॉपियों का मूल्यांकन हो रहा है. इसके लिए करीब 3 हजार से अधिक अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है. शहर के राजकीय इंटर कॉलेज और कुंवर सिंह कॉलेज में 12वीं कक्षा के बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन हो रहा है, जबकि राजकीय कन्या इंटर कॉलेज और मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज में दसवीं कक्षा की कॉपियां जांची जा रही हैं.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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