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पैतृक गांव में लोकनायक जयप्रकाश को इस वजह से किया याद

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Published : Jun 30, 2022, 9:05 PM IST

बलिया में लोकनायक जयप्रकाश को याद किया गया. इस दौरान उनके जीवन संघर्ष, राजनीतिक करियर और आंदोलन को लेकर चर्चा की गई.

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बलिया में लोकनायक जयप्रकाश को याद किया गया.

बलियाः लोकनायक जयप्रकाश के पैतृक गांव बैरिया सिताब दियरा गांव में उन्हें याद किया गया. लोकनायक जयप्रकाश ट्रस्ट की ओर से उन्हें नमन किया गया. मौका था 30 जून 1977 को लोकनायक जयप्रकाश की ओर से स्थापित समिति के 45 वर्ष पूरे होने के.

इस मौके पर उनके राजनीतिक जीवन को लेकर चर्चा की गई. लोक समिति के राष्ट्रीय संयोजक कौशल गणेश आजाद ने बताया कि 30 जून को हम प्रत्येक वर्ष यह कार्यक्रम करते हैं. 30 जून 1977 को लोकनायक जयप्रकाश ने लोक समिति की घोषणा की थी. इस समिति में संस्थापक अध्यक्ष जयप्रकाश थे. लोक समिति ने चेतना जगाने का काम किया. कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष किया. सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए काम किया. भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार आवाज उठाई.

बलिया में लोकनायक जयप्रकाश को याद किया गया.

कहा कि वर्तमान राजनेताओं से जयप्रकाशजी की तुलना नहीं की जा सकती है. उनको अन्य नेताओं से जोड़कर देखना गलत होगा. आजकल की राजनीति केवल वर्चस्व स्थापित करने की राजनीति रह गई है. द्वेष फैलाकर सत्ता पर काबिज रहने की राजनीति हो रही है. जेपी ने सत्ता पाने की कभी हसरत नहीं रखी. आज के परिवेश मे लोहियाजी का समाजवाद अब दिख नहीं रहा है. वहीं, लोक समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि कार्यक्रम में यूपी, बिहार समेत कई राज्यों के पदाधिकारियों ने भाग लिया. इस दौरान सरकार से देश में शराबबंदी की मांग भी की गई.

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बलियाः लोकनायक जयप्रकाश के पैतृक गांव बैरिया सिताब दियरा गांव में उन्हें याद किया गया. लोकनायक जयप्रकाश ट्रस्ट की ओर से उन्हें नमन किया गया. मौका था 30 जून 1977 को लोकनायक जयप्रकाश की ओर से स्थापित समिति के 45 वर्ष पूरे होने के.

इस मौके पर उनके राजनीतिक जीवन को लेकर चर्चा की गई. लोक समिति के राष्ट्रीय संयोजक कौशल गणेश आजाद ने बताया कि 30 जून को हम प्रत्येक वर्ष यह कार्यक्रम करते हैं. 30 जून 1977 को लोकनायक जयप्रकाश ने लोक समिति की घोषणा की थी. इस समिति में संस्थापक अध्यक्ष जयप्रकाश थे. लोक समिति ने चेतना जगाने का काम किया. कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष किया. सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए काम किया. भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार आवाज उठाई.

बलिया में लोकनायक जयप्रकाश को याद किया गया.

कहा कि वर्तमान राजनेताओं से जयप्रकाशजी की तुलना नहीं की जा सकती है. उनको अन्य नेताओं से जोड़कर देखना गलत होगा. आजकल की राजनीति केवल वर्चस्व स्थापित करने की राजनीति रह गई है. द्वेष फैलाकर सत्ता पर काबिज रहने की राजनीति हो रही है. जेपी ने सत्ता पाने की कभी हसरत नहीं रखी. आज के परिवेश मे लोहियाजी का समाजवाद अब दिख नहीं रहा है. वहीं, लोक समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि कार्यक्रम में यूपी, बिहार समेत कई राज्यों के पदाधिकारियों ने भाग लिया. इस दौरान सरकार से देश में शराबबंदी की मांग भी की गई.

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