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बलिया में सरयू नदी ने लिया विकराल रूप, बाढ़ की चपेट में 34 गांव

यूपी के बलिया जिले में सरयू नदी उफान पर है. सरयू नदी में बाढ़ से 34 गांवों में पानी भर गया हैं. जिला प्रशासन बाढ़ राहत बचाव कार्य कर रहा है.

बाढ़ की चपेट में 34 गांव
बाढ़ की चपेट में 34 गांव
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Published : Aug 8, 2020, 1:32 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: पूर्वांचल के कई जिलों में इन दिनों बाढ़ ने लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है. गंगा और सरयू नदी में आई बाढ़ से लोग परेशान हैं. बलिया में सरयू नदी का पानी खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है. इस कारण जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिलाधिकारी के अनुसार जिले के चार तहसील क्षेत्र बाढ़ग्रस्त हैं. इनके 34 गांव बाढ़ की चपेट में हैं.

सरयू नदी में बाढ़
बलिया गंगा, सरयू और तमसा नदी के किनारे बसा है. लेकिन लगातार हो रही बारिश से सरयू खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं गंगा खतरे के निशान के पास पहुंची दिख रही है. सरयू में आई बाढ़ से न केवल किसानों की उपजाऊ भूमि जलमग्न हो गई, बल्कि बाढ़ का पानी अब उनके घरों तक पहुंचने लगा है. एक ओर आसमान से गिरती लगातार आफत की बारिश से किसानों की फसल जलमग्न हो रही है तो वहीं उनके घरों में भी पानी घुस गया है.जिले के बांसडीह, बेल्थरा रोड, बैरिया और सिकंदरपुर तहसील के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. बेल्थरा रोड तहसील से बांसडीह तहसील और फिर बैरिया तक जाने वाला टीएस बांध है, जिसके पास कई छोटे बंधे भी बने हैं, जहां सरयू के पानी से रिसाव शुरू हो गया है. बांध में सरयू का पानी जाने से लोगों की परेशानी और बढ़ती जा रही है. ग्रामीण अपने स्तर से बालू और बड़े-बड़े पत्थरों से इस रिसाव को रोकने के प्रयास कर रहे हैं. सूचना पर जिला प्रशासन भी मौके पर पहुंचा. बाढ़ खंड के अधिकारी लगातार रिसाव वाले स्थानों का दौरा कर उसकी मरम्मत में जुटे हैं. जिलाधिकारी के अनुसार बिजलीपुर -खादीपुर बांध का मरम्मत कार्य हो गया है और वहां पर रिसाव बंद हो गया.ग्रामीण प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्य से संतुष्ट नहीं हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह पानी का तेज वेग है, उससे इस तरह की मरम्मत का कोई फायदा नहीं होगा. ग्रामीणों की चिंता इस बात की है कि जिस तरह पानी का बहाव बढ़ता जा रहा है, कहीं यह बांध टूट ना जाए.जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि बलिया में सरयू नदी का खतरा बिंदु 64.01 मीटर है. वर्तमान में घाघरा नदी अपने खतरे की निशान से 60 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. इस कारण जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिलाधिकारी ने बताया कि बेल्थरा रोड तहसील के 8 गांव और बांसडीह तहसील क्षेत्र के 26 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.

यहां एसडीएम और तहसीलदार को लगातार गांव का भ्रमण करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक गांव से लोगों को विस्थापित करने की ज़रूरत नहीं पड़ी है, लेकिन आने वाले समय में अगर पानी ऐसे ही बढ़ता रहा तो लोगों को दूसरी जगह विस्थापित किया जाएगा. पलायन करने वाले लोगों के लिए शरणालय भी तैयार किए गए हैं. इसके साथ ही मवेशियों के लिए चारे का भी प्रबंध किया जा चुका है.

बलिया: पूर्वांचल के कई जिलों में इन दिनों बाढ़ ने लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है. गंगा और सरयू नदी में आई बाढ़ से लोग परेशान हैं. बलिया में सरयू नदी का पानी खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है. इस कारण जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिलाधिकारी के अनुसार जिले के चार तहसील क्षेत्र बाढ़ग्रस्त हैं. इनके 34 गांव बाढ़ की चपेट में हैं.

सरयू नदी में बाढ़
बलिया गंगा, सरयू और तमसा नदी के किनारे बसा है. लेकिन लगातार हो रही बारिश से सरयू खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं गंगा खतरे के निशान के पास पहुंची दिख रही है. सरयू में आई बाढ़ से न केवल किसानों की उपजाऊ भूमि जलमग्न हो गई, बल्कि बाढ़ का पानी अब उनके घरों तक पहुंचने लगा है. एक ओर आसमान से गिरती लगातार आफत की बारिश से किसानों की फसल जलमग्न हो रही है तो वहीं उनके घरों में भी पानी घुस गया है.जिले के बांसडीह, बेल्थरा रोड, बैरिया और सिकंदरपुर तहसील के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. बेल्थरा रोड तहसील से बांसडीह तहसील और फिर बैरिया तक जाने वाला टीएस बांध है, जिसके पास कई छोटे बंधे भी बने हैं, जहां सरयू के पानी से रिसाव शुरू हो गया है. बांध में सरयू का पानी जाने से लोगों की परेशानी और बढ़ती जा रही है. ग्रामीण अपने स्तर से बालू और बड़े-बड़े पत्थरों से इस रिसाव को रोकने के प्रयास कर रहे हैं. सूचना पर जिला प्रशासन भी मौके पर पहुंचा. बाढ़ खंड के अधिकारी लगातार रिसाव वाले स्थानों का दौरा कर उसकी मरम्मत में जुटे हैं. जिलाधिकारी के अनुसार बिजलीपुर -खादीपुर बांध का मरम्मत कार्य हो गया है और वहां पर रिसाव बंद हो गया.ग्रामीण प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्य से संतुष्ट नहीं हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह पानी का तेज वेग है, उससे इस तरह की मरम्मत का कोई फायदा नहीं होगा. ग्रामीणों की चिंता इस बात की है कि जिस तरह पानी का बहाव बढ़ता जा रहा है, कहीं यह बांध टूट ना जाए.जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि बलिया में सरयू नदी का खतरा बिंदु 64.01 मीटर है. वर्तमान में घाघरा नदी अपने खतरे की निशान से 60 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. इस कारण जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिलाधिकारी ने बताया कि बेल्थरा रोड तहसील के 8 गांव और बांसडीह तहसील क्षेत्र के 26 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.

यहां एसडीएम और तहसीलदार को लगातार गांव का भ्रमण करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक गांव से लोगों को विस्थापित करने की ज़रूरत नहीं पड़ी है, लेकिन आने वाले समय में अगर पानी ऐसे ही बढ़ता रहा तो लोगों को दूसरी जगह विस्थापित किया जाएगा. पलायन करने वाले लोगों के लिए शरणालय भी तैयार किए गए हैं. इसके साथ ही मवेशियों के लिए चारे का भी प्रबंध किया जा चुका है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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