बलिया: देश के इतिहास में 29 जुलाई 2020 एक स्वर्णिम तारीख के रूप में लिखी जाएगी. देश को आज राफेल फाइटर प्लेन मिल रहा है. फ्रांस से 5 राफेल लड़ाकू विमानों को लेकर भारतीय वायु सेना के जवान आ रहे हैं. इन जवानों में बलिया के बंकवा गांव के रहने वाले विंग कमांडर मनीष सिंह भी हैं. बंकवा गांव के ग्रामीणों को गांव के इस लाल पर गर्व है. आज गांव में दिवाली मनाई जा रही है. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने अब चीन और पाकिस्तान को संभल जाने की नसीहत भी दी है.
विंग कमांडर मनीष सिंह के गांव में बटीं मिठाइयां
बलिया को क्रांतिकारियों की धरती होने के कारण बागी बलिया भी कहा जाता है. मंगल पांडे से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के संसदीय क्षेत्र होने के नाते भी इसे विशेष पहचान मिली है. अब जब जिले का जवान राफेल लेकर फ्रांस से आ रहा था, तो बलिया के इतिहास में एक स्वर्णिम पल और जुड़ने जा रहा है. मनीष सिंह के गांव में उनके घर के बाहर लोग जश्न मना रहे हैं. इतना ही नहीं यहां ग्रामीणों ने जमकर आतिशबाजी की और मिठाइयां भी बांटी.
मां बोली- बेटे पर नाज है
विंग कमांडर मनीष सिंह की मां उर्मिला देवी का कहना है कि उनके बेटे ने जो काम किया है उससे देश की हर मां को फक्र हो रहा है. उन्होंने कहा कि जब मेरे बेटे ने मुझे बताया कि मैं राफेल लाने फ्रांस जा रहा हूं और वहीं पर ट्रेनिंग करूंगा तो मुझे डर लगा. मैंने ईश्वर से मन्नत मांगी कि मेरे बेटे को सकुशल भारत पहुंचाए. आज वह दिन आ गया है जब मेरा बेटा देश के लिए राफेल लेकर आ रहा है. पूरे गांव में अलग सा उत्साह है सब बहुत खुश हैं.
अब नहीं रहेगी दुश्मनों की खैर
चार भाई-बहनों में मनीष सिंह सबसे बड़े हैं. भाई की इस उपलब्धि पर बहन अंजली ने बताया कि भैया राफेल के बारे में बता रहे थे, लेकिन आज हम लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं है. रक्षाबंधन का त्योहार आ रहा है, हम भैया को जरूर मिस कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने जो गिफ्ट देश की बहनों को और मुझे दिया है, वह सबसे खास है. देश में राफेल आने से भारतीय सेना और मजबूत हो गई है, जिसके बाद अब देश के दुश्मनों की खैर नहीं रहेगी.
मनीष सिंह के बचपन के मित्र संदीप कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि मनीष बचपन से ही बड़े होनहार और शालीन हैं. उन्होंने बंकवा गांव के ही एक स्कूल में कक्षा तक की पढ़ाई की, जिसके बाद वे सैनिक स्कूल में चले गए. मनीष के दोस्त की मानें तो जब भी मनीष से बात होती है वे देश की रक्षा को और कैसे मजबूत हो सके, इस पर ही चर्चा करते हैं. आज मनीष पर न केवल इस गांव के लोग बल्कि पूरे देश को नाज है. साथ ही आज का दिन किसी उत्सव से कम नहीं है.