बहराइच: कोतवाली थाने के अंतर्गत नानपारा देहात में हर्ष फायरिंग के दौरान गोली लगने से युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. आरोप है कि मामले को दबाने के लिए घायल युवक को दो दिनों तक जबरन निजी अस्पताल में छिपाकर रखा गया. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने उसे अपनी सुपुर्दगी में लेकर जिला अस्पताल भर्ती कराया है. वहीं तीन दिनों तक घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को न होने पर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं.
मामले में कोतवाल भानु प्रताप सिंह ने बताया कि नानपारा देहात के ग्राम प्रधान पीरगुलाम के घर बीते 12 नवंबर को वैवाहिक समारोह था. इस दौरान बारात नानपारा आ रही थी. आरोप है कि बारात में हर्ष फायरिंग की गई, एक युवक को गोली लग गई. गोली लगने से कसाई टोला पुरानी बाजार का रहने वाला 28 वर्षीय जिब्राइल घायल हो गया. वहीं घायल युवक जिब्राइल का आरोप है कि उसे जबरन उठाकर निजी अस्पताल पहुंचाया गया. मामले को दबाने के लिए प्रधान और उसके बेटों ने न तो पीड़ित के परिजनों को सूचना दी और न ही पुलिस को मामले की भनक लगने दिया.
जब पीड़ित के परिजनों को जानकारी हुई तो उनपर दबाव बनाकर मामले में चुप्पी साधे रहने के लिए धमकाया गया. वहीं घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई. जिसके बाद पुलिस ने सोमवार को घायल युवक को जिला अस्पताल भेजा. पीड़ित का आरोप है कि लगातार दो दिनों तक उसे बंधक बनाकर रखा गया. वीडियो वायरल होने के बाद कस्बा चौकी इंचार्ज अनुराग सिंह की तहरीर पर ग्राम प्रधान समेत तीन लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है.
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इस पूरे मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. सवाल यह कि गांव-गांव पुलिस मित्र और मुखबिरों का जाल फैलाने का दावा करने वाली पुलिस को तीन दिनों तक हर्ष फायरिंग की घटना में युवक के घायल होने की जानकारी क्यों नहीं मिली? यह बड़ा सवाल है कि हर्ष फायरिंग के दौरान कई राउंड गोलियां चलाई गईं, लेकिन पुलिस को कानों कान भनक नहीं लग सकी, यह बात लोगों के गले नहीं उतर रही है.
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