बहराइच: जिले के नवाबगंज वन प्रभाग क्षेत्र के जंगल में शुक्रवार को लकड़ी लेने गई बालिका पर बाघ ने हमलाकर उसे उसे अपना निवाला बना लिया. इस घटना से परिजनों में कोहराम मच गया है. सूचना मिलते ही वनकर्मियों की टीम मौके पर पहुंच गई है. वहीं इस घटना के बाद ग्रामीणो में वन विभाग के खिलाफ आक्रोश है. फिलहाल पुलिस शव को कब्जे में लेकर कानूनी कार्रवाई में जुट गई है. डीएफओ ने पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने की बात कही है.
जानकारी के मुताबिक पीड़ित परिवार नवाबगंज इलाके के चनैनी गांव के निवासी हैं. यहां परशुराम यादव की 12 वर्षीय बेटी सीमा गांव से दो किलोमीटर दूर अबदुल्लागंज जंगल में लकड़ी लेने गई थी. सीमा के साथ गांव के कई अन्य बच्चे लकड़ी लेने के लिए जंगल गए थे. अब्दुल्लागंज रेंज के इटहवा बीट में बच्चे लकड़ी बीन ही रहे थे कि अचानक सीमा पर बाघ ने हमला कर उसे दबोच लिया. यह नजारा देख अन्य बच्चे जान बचाकर चीखते-चिल्लाते हुए घर की तरफ भागे. जंगल के बाहर निकलते ही बच्चों की चीख पुकार सुनकर गांव के लोग इकट्ठे हो गए.
इसके बाद लाठी-डंडा लेकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो देखा कि वहां पर खून पड़ा था. बच्ची सीमा की तलाश की तो सीमा नजर नहीं आई. जानकारी मिलते ही वनकर्मी भी मौके पर पहुंच गए. ग्रामीणों के साथ वनकर्मियों ने भी जंगल में कांबिंग शुरू की. कुछ दूर जाकर देखा तो बच्ची के कपड़े व चप्पल पड़े मिले. जंगल के बीचो-बीच पहुंचने पर बालिका का शव भी क्षत-विक्षत अवस्था में दिखाई पड़ा. इसके साथ ही कुछ ही दूरी पर बाघ भी दहाड़ मार रहा था. इस दौरान ग्रामीणों और वनकर्मियों ने जब हाका लगाया तो बाघ जंगल में भाग गया.
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वनरक्षक आज्ञाराम ने बताया कि तीन महीने पहले ही वन विभाग ने जंगल के आसपास के गांवों में जंगल में बाघ होने की सूचना दी थी. इसके बावजूद ग्रामीण चोरी-चोरी जंगल में लकड़िया लेने के लिए जाते रहते हैं. इसके चलते आज बच्ची को अपनी जान गवानी पड़ी. इस दौरान नवाबगंज थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पंचनामा किया गया है. वहीं डीएफओ मनीष सिंह का कहना है कि पीड़ित परिवार को नियमानुसार मुआवजा दिलाया जाएगा.
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