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बहराइच: शैक्षिकों के अभिलेखों का परीक्षण जारी, प्रमाण-पत्र सत्यापन के लिए उमड़ी भीड़ - अनामिका शुक्ला टीचर मामला

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में शिक्षक, शिक्षिकाओं व अन्य कर्मियों के अभिलेखों के परीक्षण का अभियान जारी है. इसके लिए बीएसए उनके प्रमाणपत्रों को इकट्ठा करने में जुटा है.

शिक्षकों के अभिलेखों का परीक्षण जारी.
शिक्षकों के अभिलेखों का परीक्षण जारी.
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Published : Jul 10, 2020, 8:23 AM IST

बहराइच: जिला बेसिक शिक्षा विभाग शासन के निर्देशानुसार शिक्षक-शिक्षिकाओं और अन्य कर्मियों के अभिलेखों का परीक्षण करा रहा है. इसके लिए शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण-पत्र को सत्यापन हेतु ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर जमा कराए जा रहे हैं, जिन्हें जिला मुख्यालय से सत्यापन के लिए भेजा जाना है.

शिक्षकों के अभिलेखों का परीक्षण जारी.
शिक्षकों के अभिलेखों का परीक्षण जारी.

शासन ने दिया था आदेश
बात दें कि अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला उजागर हुआ था. इसके बाद यूपी सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में तैनात शिक्षक शिक्षिकाओं व अन्य कर्मियों के अभिलेखों का परीक्षण कराए जाने का आदेश जारी किया था.

हजारों शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन बाकी
शासन के आदेश के बाद जिले में लगभग 10 हजार शिक्षकों के अभिलेखों का परीक्षण किया जाना है. इसी क्रम में अभिलेखों के जमा करने की प्रक्रिया चल रही है. भारी तादाद में शिक्षक भी ब्लॉक केंद्रों पर पहुंच रहे हैं. पूर्व में बहराइच जिले में 3 शिक्षकों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करते हुए पाया गया है, जबकि एक शिक्षक फर्जी पैन कार्ड के आधार पर वेतन लेता पाया गया.

शिक्षक कर्मचारियों की ड्यूटी
अभिलेखों को जमा करने के लिए कार्यालय सहायक सुनील त्रिपाठी, सुनील तिवारी, योगेन्द्र श्रीवास्तव, प्रभुदयाल मिश्र, अतुल पाण्डेय, शिवम तिवारी आदि शिक्षक कर्मचारियों को लगाया गया है. इस अवसर शिक्षक संघ के जनपदीय संरक्षक केके पाण्डेय, एआरपी व पयागपुर के कोषाध्यक्ष राजेश कुमार मिश्र, एआरपी पवन कुमार शुक्ल आदि शिक्षक कर्मचारी मौजूद रहे.

क्या था अनामिका शुक्ला मामला
उत्तर प्रदेश में 25 स्कूलों में फर्जी तरीके से नौकरी करने के मामले में फर्जी शिक्षिका 'अनामिका शुक्ला' का नाम आया था. साथ ही अनामिका शुक्ला ने शिक्षक भर्ती परीक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए थे. अनामिका शुक्ला प्रकरण सामने आने के बाद शासन ने 25 जिलों के शिक्षकों व कर्मचारियों के अभिलेखों की जांच के आदेश दिए थे.

बता दें कि अनामिका शुक्ला का नाम एक ही पद पर 25 स्कूलों में था और 13 महीने में वह एक करोड़ रुपये की सैलरी ले चुकी थी. बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों का डेटाबेस बनाना शुरू किया, तो विभाग को अनामिका शुक्ला का नाम 25 स्कूलों की लिस्ट में मिला था. विभाग ने तुरंत एसटीएफ को इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे.

यूपी के 25 जिलों में चल रहे इस जांच में आखिरकार एसटीएफ की टीम ने फर्जी गैंग से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. अनामिका केस के खुलासे के बाद विभिन्न जनपदों से फर्जी शिक्षक उजागर होने लगे. इन शिक्षकों से शासन रिकवरी जमा करा रहा है.

बहराइच: जिला बेसिक शिक्षा विभाग शासन के निर्देशानुसार शिक्षक-शिक्षिकाओं और अन्य कर्मियों के अभिलेखों का परीक्षण करा रहा है. इसके लिए शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण-पत्र को सत्यापन हेतु ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर जमा कराए जा रहे हैं, जिन्हें जिला मुख्यालय से सत्यापन के लिए भेजा जाना है.

शिक्षकों के अभिलेखों का परीक्षण जारी.
शिक्षकों के अभिलेखों का परीक्षण जारी.

शासन ने दिया था आदेश
बात दें कि अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला उजागर हुआ था. इसके बाद यूपी सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में तैनात शिक्षक शिक्षिकाओं व अन्य कर्मियों के अभिलेखों का परीक्षण कराए जाने का आदेश जारी किया था.

हजारों शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन बाकी
शासन के आदेश के बाद जिले में लगभग 10 हजार शिक्षकों के अभिलेखों का परीक्षण किया जाना है. इसी क्रम में अभिलेखों के जमा करने की प्रक्रिया चल रही है. भारी तादाद में शिक्षक भी ब्लॉक केंद्रों पर पहुंच रहे हैं. पूर्व में बहराइच जिले में 3 शिक्षकों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करते हुए पाया गया है, जबकि एक शिक्षक फर्जी पैन कार्ड के आधार पर वेतन लेता पाया गया.

शिक्षक कर्मचारियों की ड्यूटी
अभिलेखों को जमा करने के लिए कार्यालय सहायक सुनील त्रिपाठी, सुनील तिवारी, योगेन्द्र श्रीवास्तव, प्रभुदयाल मिश्र, अतुल पाण्डेय, शिवम तिवारी आदि शिक्षक कर्मचारियों को लगाया गया है. इस अवसर शिक्षक संघ के जनपदीय संरक्षक केके पाण्डेय, एआरपी व पयागपुर के कोषाध्यक्ष राजेश कुमार मिश्र, एआरपी पवन कुमार शुक्ल आदि शिक्षक कर्मचारी मौजूद रहे.

क्या था अनामिका शुक्ला मामला
उत्तर प्रदेश में 25 स्कूलों में फर्जी तरीके से नौकरी करने के मामले में फर्जी शिक्षिका 'अनामिका शुक्ला' का नाम आया था. साथ ही अनामिका शुक्ला ने शिक्षक भर्ती परीक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए थे. अनामिका शुक्ला प्रकरण सामने आने के बाद शासन ने 25 जिलों के शिक्षकों व कर्मचारियों के अभिलेखों की जांच के आदेश दिए थे.

बता दें कि अनामिका शुक्ला का नाम एक ही पद पर 25 स्कूलों में था और 13 महीने में वह एक करोड़ रुपये की सैलरी ले चुकी थी. बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों का डेटाबेस बनाना शुरू किया, तो विभाग को अनामिका शुक्ला का नाम 25 स्कूलों की लिस्ट में मिला था. विभाग ने तुरंत एसटीएफ को इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे.

यूपी के 25 जिलों में चल रहे इस जांच में आखिरकार एसटीएफ की टीम ने फर्जी गैंग से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. अनामिका केस के खुलासे के बाद विभिन्न जनपदों से फर्जी शिक्षक उजागर होने लगे. इन शिक्षकों से शासन रिकवरी जमा करा रहा है.

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