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समाजवादी पार्टी ने जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया

बहराइच में सपाइयों ने जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा की.

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Published : Aug 5, 2020, 9:50 PM IST

samajwadi party remembered janeshwar mishra
पूर्व केंद्रीय मंत्री जनेश्वर मिश्र की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया

बहराइच: जिले में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जनेश्वर मिश्र की छठी पुण्यतिथि बुधवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से मनाई गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधायक के.के.ओझा ने की. कार्यक्रम का आयोजन समाजवादी छात्र सभा की ओर से किया गया.

'खून से सना कुर्ता लेकर पहुंचे संसद'

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक के.के.ओझा ने कहा कि जनेश्वर मिश्र इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष थे. आजादी के बाद उन्होंने जॉर्ज पंचम की प्रतिमा हटाने की कोशिश की. इसके लिए आंदोलन चलाया तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया. पुलिस की लाठीचार्ज में जनेश्वर मिश्र गंभीर रूप से घायल हुए. इनके खून से सना कुर्ता लेकर डॉ. राम मनोहर लोहिया संसद पहुंचे और उन्होंने नेहरू मंत्रिमंडल के सदस्यों को संसद में दिखाया कि किस तरह गुलामी के प्रतीक को मिटाने के लिए देश के युवा छात्र नेता पर पुलिस ने बर्बरता की.

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने जनेश्वर मिश्र को पूरा सम्मान दिया और उनकी पार्टी से देवे गौड़ा सरकार में मंत्री रहे. समाजवादी छात्र सभा के पूर्व अध्यक्ष नंदेश्वर नंद यादव ने कहा कि आज के युवाओं को जनेश्वर मिश्र की राजनीतिक कार्यशैली से प्रेरणा लेनी चाहिए. पार्टी के युवा नेता हर्षित त्रिपाठी ने कहा कि आज आवश्यकता है युवाओं को एक बार फिर से जयप्रकाश नारायण जैसी क्रांति लाने और इसके लिए अखिलेश यादव के नेतृत्व में क्रांति की अलख जगाई जा सकती है.

बहराइच: जिले में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जनेश्वर मिश्र की छठी पुण्यतिथि बुधवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से मनाई गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधायक के.के.ओझा ने की. कार्यक्रम का आयोजन समाजवादी छात्र सभा की ओर से किया गया.

'खून से सना कुर्ता लेकर पहुंचे संसद'

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक के.के.ओझा ने कहा कि जनेश्वर मिश्र इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष थे. आजादी के बाद उन्होंने जॉर्ज पंचम की प्रतिमा हटाने की कोशिश की. इसके लिए आंदोलन चलाया तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया. पुलिस की लाठीचार्ज में जनेश्वर मिश्र गंभीर रूप से घायल हुए. इनके खून से सना कुर्ता लेकर डॉ. राम मनोहर लोहिया संसद पहुंचे और उन्होंने नेहरू मंत्रिमंडल के सदस्यों को संसद में दिखाया कि किस तरह गुलामी के प्रतीक को मिटाने के लिए देश के युवा छात्र नेता पर पुलिस ने बर्बरता की.

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने जनेश्वर मिश्र को पूरा सम्मान दिया और उनकी पार्टी से देवे गौड़ा सरकार में मंत्री रहे. समाजवादी छात्र सभा के पूर्व अध्यक्ष नंदेश्वर नंद यादव ने कहा कि आज के युवाओं को जनेश्वर मिश्र की राजनीतिक कार्यशैली से प्रेरणा लेनी चाहिए. पार्टी के युवा नेता हर्षित त्रिपाठी ने कहा कि आज आवश्यकता है युवाओं को एक बार फिर से जयप्रकाश नारायण जैसी क्रांति लाने और इसके लिए अखिलेश यादव के नेतृत्व में क्रांति की अलख जगाई जा सकती है.

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