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बहराइच: बाढ़ के दौरान बाधित नहीं होगी सरकारी स्कूलों में शिक्षा

उत्तर प्रदेश के बहराइच में बाढ़ के दौरान बाढ़ प्रभावित प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में शिक्षा निरंतर जारी रखने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग में एक कार्य योजना तैयार की है.

बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र.
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Published : Jul 24, 2019, 11:15 PM IST

बहराइच: जिले में अब बाढ़ के दौरान प्राथमिक शिक्षा बाधित नहीं होगी. बाढ़ के दौरान बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में शिक्षा निरंतर जारी रखने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने एक कार्य योजना तैयार की है, जिसके तहत बाढ़ प्रभावित इलाकों में ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर विद्यालयों का संचालन किया जाएगा.

बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव के लिए दी गई जानकारी.

बाढ़ के लिए तैयार की गई योजनाएं-

  • बहराइच में हर साल जुलाई से सितंबर के बीच कई चक्रों में बाढ़ आती है.
  • बाढ़ से हर साल बाढ़ प्रभावित इलाकों के बाशिंदों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है.
  • बाढ़ प्रभावित सैकड़ों गांवों में प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था को ग्रहण लग जाता है.
  • विद्यालयों और आने-जाने वाले रास्तों में बाढ़ का पानी भर जाने के से विद्यालयों में ताला लग जाता है.
  • बेसिक शिक्षा विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में शिक्षा व्यवस्था को निरंतर जारी रखने के लिए कार्य योजना तैयार की है.
  • इसी योजना के तहत बिना ब्लैक बोर्ड के शिक्षा दिए जाने के लिए हर विषयों के प्रश्न बैंक तैयार किए गए हैं.
  • जिनके माध्यम से छात्र-छात्राओं का शिक्षा सत्र अनवरत जारी रखने का खाका तैयार किया गया है.
  • इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों के विद्यालयों के शिक्षकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
  • बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिले में बाढ़ से हर साल 500 से 600 प्राथमिक और जूनियर विद्यालय प्रभावित होते हैं.
  • बाढ़ के दौरान 30 से 40 दिन तक शिक्षा पूर्ण रूप से बाधित रहती है.
  • जिसे अनवरत जारी रखने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार की गई है.
  • जिस पर अमल के लिए प्रभावित विद्यालयों के शिक्षकों को आदेश दे दिए गए हैं.

बहराइच: जिले में अब बाढ़ के दौरान प्राथमिक शिक्षा बाधित नहीं होगी. बाढ़ के दौरान बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में शिक्षा निरंतर जारी रखने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने एक कार्य योजना तैयार की है, जिसके तहत बाढ़ प्रभावित इलाकों में ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर विद्यालयों का संचालन किया जाएगा.

बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव के लिए दी गई जानकारी.

बाढ़ के लिए तैयार की गई योजनाएं-

  • बहराइच में हर साल जुलाई से सितंबर के बीच कई चक्रों में बाढ़ आती है.
  • बाढ़ से हर साल बाढ़ प्रभावित इलाकों के बाशिंदों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है.
  • बाढ़ प्रभावित सैकड़ों गांवों में प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था को ग्रहण लग जाता है.
  • विद्यालयों और आने-जाने वाले रास्तों में बाढ़ का पानी भर जाने के से विद्यालयों में ताला लग जाता है.
  • बेसिक शिक्षा विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में शिक्षा व्यवस्था को निरंतर जारी रखने के लिए कार्य योजना तैयार की है.
  • इसी योजना के तहत बिना ब्लैक बोर्ड के शिक्षा दिए जाने के लिए हर विषयों के प्रश्न बैंक तैयार किए गए हैं.
  • जिनके माध्यम से छात्र-छात्राओं का शिक्षा सत्र अनवरत जारी रखने का खाका तैयार किया गया है.
  • इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों के विद्यालयों के शिक्षकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
  • बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिले में बाढ़ से हर साल 500 से 600 प्राथमिक और जूनियर विद्यालय प्रभावित होते हैं.
  • बाढ़ के दौरान 30 से 40 दिन तक शिक्षा पूर्ण रूप से बाधित रहती है.
  • जिसे अनवरत जारी रखने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार की गई है.
  • जिस पर अमल के लिए प्रभावित विद्यालयों के शिक्षकों को आदेश दे दिए गए हैं.
Intro:एंकर- बहराइच में अब बाढ़ के दौरान बांधित नहीं होगी प्राथमिक शिक्षा . बाढ़ के दौरान बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में शिक्षा निरंतर जारी रखने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग में एक कार्य योजना तैयार की है . जिसके तहत बाढ़ प्रभावित इलाकों में ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर विद्यालयों का संचालन किया जाएगा . जहां बिना ब्लैक बोर्ड के शिक्षा व्यवस्था चलाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक कार्यक्रम तैयार किया गया है . कार्य योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा निर्देश जारी कर दिए गए हैं . पेश है एक रिपोर्ट .


Body:वीओ-1- बहराइच में हर साल जुलाई से सितंबर के बीच कई चक्रों में बाढ़ आती है . जो महसी ,कैसरगंज और मिहींपुरवा तहसीलों के सैकड़ों गांव को अपनी जद में ले लेती है . जहां बाढ़ से हर साल बाढ़ प्रभावित इलाकों के बाशिंदों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है, वही बाढ़ प्रभावित सैकड़ों गांवों के सैकड़ों प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था को भी ग्रहण लग जाता है . विद्यालयों और आने जाने वाले रास्तों में बाढ़ का पानी भर जाने के चलते विद्यालयों में ताला लग जाता है . लेकिन इस साल बेसिक शिक्षा विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में बाढ़ के दौरान शिक्षा व्यवस्था को निरंतर जारी रखने के लिए कार्य योजना तैयार की है . जिसके तहत बिना ब्लैक बोर्ड के शिक्षा दिए जाने के लिए हर विषयों के प्रश्न बैंक तैयार किए गए हैं . जिनके माध्यम से छात्र छात्राओं का शिक्षा सत्र अनवरत जारी रखने का खाका तैयार किया गया है . इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों के विद्यालयों के शिक्षकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं . बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिले में बाढ़ से हर साल 500 से 600 प्राथमिक और जूनियर विद्यालय प्रभावित होते हैं . बाढ़ के दौरान 30 से 40 दिन तक शिक्षा पूर्ण रूप से बाधित रहती है . जिसे अनवरत जारी रखने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार की गई है . जिस पर अमल के लिए प्रभावित विद्यालयों के शिक्षकों को आदेश दे दिए गए हैं .
बाइट-1-एस.के.तिवारी बेसिक शिक्षा अधिकारी


Conclusion: सैयद मसूद कादरी
94 15 15 1963
बहराइच
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