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बलहा विधानसभा उपचुनाव: मतदाताओं ने कहा- विकास और रोजगार के मुद्दे हावी

उत्तर प्रदेश के बहराइच की बलहा विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में मतदाता विकास के मुद्दे पर मतदान करने की बात कह रहे हैं. मतदाताओं का कहना है कि वह ऐसा विधायक चाहते हैं, जो इलाके का विकास कर सके और बेरोजगारी दूर कर सके.

बलहा विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव.
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Published : Oct 21, 2019, 12:03 PM IST

बहराइच: जिले की बलहा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. उपचुनाव में विकास और रोजगार का मुद्दा हावी है. मतदाता ऐसा विधायक चुनना चाहते हैं, जो इलाके का चतुर्मुखी विकास कर सके और इलाके से बेरोजगारी को दूर कर सके. बलहा विधानसभा क्षेत्र काफी पिछड़ा है. इस इलाके के एक बड़े भूभाग में जंगल है. संरक्षित वन जीव प्रभाग होने के चलते इलाका आर्थिक विकास के क्षेत्र में काफी पिछड़ा है.

बलहा विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव.

बलहा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता विकास के मुद्दे पर कर रहे मतदान

  • बलहा विधानसभा क्षेत्र में सभी मुद्दों पर विकास का मुद्दा भारी पड़ रहा है.
  • मतदाता विकास के मुद्दे पर मतदान करने की बात कह रहे हैं.
  • उनका कहना है कि वह ऐसा विधायक बनाना चाहते हैं, जो इलाके का विकास कर सके और बेरोजगारी दूर कर सके.
  • यहां का मतदाता बुनियादी सुविधाओं नाली, खड़ंजा, सड़क, शौचालय और आवास के मुद्दे पर मतदान करने की बात कह रहा है.
  • इलाके में कुछ स्थानों पर जहां मतदाताओं में उत्साह नजर आया तो वहीं कुछ स्थानों पर उत्साह फीका रहा.

इसे भी पढ़ें- उपचुनाव: जैदपुर विधानसभा सीट पर वोटिंग जारी, 40 मिनट देरी से हुआ मतदान

बलहा विधानसभा क्षेत्र का बड़ा भूभाग जंगल से आच्छादित है. संरक्षित वन जीव प्रभाग होने के चलते इलाके में औद्योगिक विकास का अभाव है. इसी से जुड़े हुए क्रेशर के अनेकों उद्योग कतर्नियाघाट के आसपास फल-फूल रहे थे. मछली का शिकार भी एक बड़े रोजगार के रूप में यहां माना जाता था, लेकिन सेंचुरी होने के बाद सारे उद्योग बंद हो गए. अब यहां का अधिकांश मतदाता खेती पर निर्भर है. इसलिए मतदाताओं में विकास के प्रति विशेष रुझान देखने को मिल रहा है.

बहराइच: जिले की बलहा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. उपचुनाव में विकास और रोजगार का मुद्दा हावी है. मतदाता ऐसा विधायक चुनना चाहते हैं, जो इलाके का चतुर्मुखी विकास कर सके और इलाके से बेरोजगारी को दूर कर सके. बलहा विधानसभा क्षेत्र काफी पिछड़ा है. इस इलाके के एक बड़े भूभाग में जंगल है. संरक्षित वन जीव प्रभाग होने के चलते इलाका आर्थिक विकास के क्षेत्र में काफी पिछड़ा है.

बलहा विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव.

बलहा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता विकास के मुद्दे पर कर रहे मतदान

  • बलहा विधानसभा क्षेत्र में सभी मुद्दों पर विकास का मुद्दा भारी पड़ रहा है.
  • मतदाता विकास के मुद्दे पर मतदान करने की बात कह रहे हैं.
  • उनका कहना है कि वह ऐसा विधायक बनाना चाहते हैं, जो इलाके का विकास कर सके और बेरोजगारी दूर कर सके.
  • यहां का मतदाता बुनियादी सुविधाओं नाली, खड़ंजा, सड़क, शौचालय और आवास के मुद्दे पर मतदान करने की बात कह रहा है.
  • इलाके में कुछ स्थानों पर जहां मतदाताओं में उत्साह नजर आया तो वहीं कुछ स्थानों पर उत्साह फीका रहा.

इसे भी पढ़ें- उपचुनाव: जैदपुर विधानसभा सीट पर वोटिंग जारी, 40 मिनट देरी से हुआ मतदान

बलहा विधानसभा क्षेत्र का बड़ा भूभाग जंगल से आच्छादित है. संरक्षित वन जीव प्रभाग होने के चलते इलाके में औद्योगिक विकास का अभाव है. इसी से जुड़े हुए क्रेशर के अनेकों उद्योग कतर्नियाघाट के आसपास फल-फूल रहे थे. मछली का शिकार भी एक बड़े रोजगार के रूप में यहां माना जाता था, लेकिन सेंचुरी होने के बाद सारे उद्योग बंद हो गए. अब यहां का अधिकांश मतदाता खेती पर निर्भर है. इसलिए मतदाताओं में विकास के प्रति विशेष रुझान देखने को मिल रहा है.

Intro:एंकर। बहराइच मे बलहा विधानसभा उपचुनाव में विकास और रोजगार का मुद्दा हावी है. मतदाता ऐसा विधायक चुनना चाहते हैं जो इलाके का चतुर्मुखी विकास कर सकें. इलाके की बेरोजगारी दूर कर सके. आपको बताते चलें बलहा विधानसभा क्षेत्र काफी पिछडा है. इस इलाके का एक बड़ा भूभाग में जंगल है. संरक्षित वन जीव प्रभाग होने के चलते इलाका आर्थिक विकास के क्षेत्र में काफी पिछड़ा है.


Body:वीओ-1- बलहा विधानसभा क्षेत्र में सभी मुद्दों पर विकास का मुद्दा भारी पड़ रहा है. मतदाता विकास के मुद्दे पर मतदान करने की बात कह रहे हैं. उनका कहना है कि वह ऐसा विधायक बनाना चाहते हैं जो इलाके का विकास कर सके. बेरोजगारी दूर कर सके. यहां का मतदाता बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. नाली खड़ंजा सड़क शौचालय और आवास के मुद्दे पर मतदान करने की बात कह रहा है. इलाके में कुछ स्थानों पर जहां मतदाताओं में उत्साह नजर आया वहीं कुछ स्थानों पर उत्साह फीका रहा. आपको बताते चलें कि बलहा विधानसभा क्षेत्र का बड़ा भूभाग जंगल से आच्छादित है. संरक्षित वन जीव प्रभाग होने के चलते इलाके में औद्योगिक विकास का अभाव है. सेंचुरी होने से पूर्व गिरवा नदी से पत्थर निकलते थे. इसी से जुड़े हुए क्रेशर के अनेकों उद्योग कतर्नियाघाट के आसपास फल फूल रहे थे. मछली का शिकार भी एक बड़े रोजगार के रूप में यह माना जाता था. लेकिन सेंचुरी होने के बाद सारे उद्योग बंद हो गए. अब यहां का अधिकांश मतदाता खेती पर निर्भर है. इसी लिए मतदाताओं में विकास के प्रति विशेष रुझान देखने को मिल रहा है.
बाइट-1-मतदाता, वाक थ्रू


Conclusion: सैयद मसूद कादरी
94 15 15 1963
बहराइच
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